पानीपत7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान के बयानों पर दर्ज केस की क्लोजर रिपोर्ट पर आज दिल्ली की राउज ऐवन्यू कोर्ट में आज सुनवाई होगी। दरअसल, नाबालिग पहलवान के केस में दिल्ली पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट में कहा था कि ‘जांच में यौन शोषण के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इस केस को बंद कर रहे हैं। इसके अलावा नाबालिग पहलवान ने कोर्ट में भी अपने बयानों को बदलते हुए मामला यौन शोषण का नहीं, भेदभाव का है। उसने झूठी शिकायत दी थी। मंगलवार को कोर्ट में यहीं सुनवाई होगी कि क्या अब यह केस चलना है या नहीं।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा भी बता चुकी है कि POCSO मामले में हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़ित के पिता और स्वयं पीड़ित के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने के लिए कोर्ट से अपील की है। नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में बयान बदल दिए। नाबालिग पहलवान ने कहा कि उसका यौन शोषण नहीं हुआ, बृजभूषण ने कुश्ती ट्रायल में भेदभाव किया था। नाबालिग पहलवान के दो बार कोर्ट में बयान दर्ज किए गए। इस मामले में अगली सुनवाई आज होगी। कोर्ट तय करेगा कि बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में केस चलेगा या नहीं। पुलिस ने 550 पन्नों की यह रिपोर्ट दाखिल की है।
बालिग पहलवानों के केस की सुनवाई 7 जुलाई को होगी
बृजभूषण शरण सिंह पर दूसरी FIR 6 बालिग पहलवानों के आरोपों पर दर्ज है। मामला MP-MLA कोर्ट में विचाराधीन है। पुलिस ने इस मामले में 1500 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। आरोपियों में असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है। चार्जशीट में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने बयान को अहम आधार माना गया है। बृजभूषण के खिलाफ करीब 7 गवाह मिले हैं। वहीं यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं।
दरअसल, 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को 2 मामले दर्ज किए थे। पहला मामला 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर था, जबकि एक केस नाबालिग की शिकायत पर दर्ज किया गया था
जांच की निगरानी के लिए नई याचिका कर सकते हैं दाखिल
पहलवानों ने इस मामले की जांच के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की थी। अब महिला पहलवानों ने इस याचिका को वापस लेने की मांग की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोप-पत्र दाखिल हो चुका है। ऐसे में जांच की निगरानी की मांग वाली याचिका का अब कोई औचित्य नहीं।
कोर्ट ने पहलवानों के वकील से यह भी कहा, अगर आपको लगता है कि जांच की निगरानी की जरूरत है तो नई याचिका दाखिल कर सकते हैं।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.