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चंडीगढ़8 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर
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अर्जुन तेंदुलकर… आपने यह नाम तो सुना ही होगा। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का बेटा। यह नाम फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार पिता के नाम के कारण नहीं, बल्कि खुद की काबिलियत की वजह से।
23 साल के इस लेफ्ट आर्म पेसर ने 3 साल बेंच पर काटने के बाद मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू किया। उन्हें भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने डेब्यू कैप दी, हालांकि वे इंडियन प्रीमियर लीग में अपने शुरुआती 4 मैचों में उतने प्रभावी नहीं रहे, लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ उसी के घर में इस गेंदबाज ने आखिरी ओवर में 20 रन डिफेंड किए थे। उन्होंने एक विकेट भी लिया। वे अब तक 3 विकेट ले चुके हैं।
अर्जुन को कोचिंग देने वाले युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का मानना है, ‘उनके गेंदबाजी एंगल में थोड़ी कमी है, जिस पर काम करने की जरूरत है।’ योगराज बताते हैं कि अर्जुन का हाथ 45 डिग्री पर आ रहा है, जैसे बुमराह और मलिंगा का एक्शन। वे जिस दिन कान के पास से बॉल फेंकने लगेंगे, उनकी बॉलिंग स्पीड बढ़ जाएगी और वह 145+ किमी की स्पीड से बॉल फेंकने लगेंगे।’
योगराज अर्जुन में बैटिंग की भी क्षमता देखते हैं। इस पर वे कहते हैं, ‘उनमें गेल, तेंदुलकर और युवी जैसी काबिलियत है और मुंबई के कप्तान रोहित को उन्हें नंबर-3 पर आजमाना चाहिए।’
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने अर्जुन के डेब्यू के बाद दैनिक भास्कर से जूनियर तेंदुलकर की कड़ी मेहनत, उनकी काबिलियत और संभावनाओं पर बातचीत की।
आगे आप पढ़ेंगे भास्कर के सवाल पर युवी के पिता के जवाब… पहले देखिए मौजूदा IPL सीजन में अर्जुन का प्रदर्शन…
अब योगराज की 2 अहम बातें
- अर्जुन को टॉप ऑर्डर पर मौका दें रोहित मुंबई इंडियंस और रोहित शर्मा अर्जुन को ओपन या नंबर-3 नंबर पर खिलाएं। उसे 5 ओवर दे दो, जिस दिन उसका बल्ला चलेगा, वह दुनिया का बादशाह बनेगा और अपने पिता की तरह बल्लेबाजी में राज करेगा। कोई ऐसे ही महान खिलाड़ी नहीं बनता, उसको मौका मिलना चाहिए।
- बुमराह-मलिंगा की तरह बॉल डालते हैं, उनमें अकरम जैसी काबिलियत अर्जुन के एंगल पर काम करने की जरूरत है, जिस दिन ऐसा हो गया, अर्जुन वो काम कर देगा, जो पाकिस्तान के लिए वसीम अकरम किया करते थे। मुझे लगता है कि वे बुमराह-मलिंगा की तरह बॉल डालते हैं। मलिंगा का हाथ काफी नीचे था। अर्जुन का 45 डिग्री पर है।
अब रुख करते हैं सवाल-जवाब का…
सवाल: अर्जुन ने आपसे ट्रेनिंग ली है। जब वे आए थे, तब और अब के अर्जुन में क्या बदलाव देख रहे हैं?
योगराज: मैंने उसे पहले भी देखा है। वह मेरे पास गोवा रणजी टीम के साथ ट्रेनिंग करने आए थे। उनमें जमीन-आसमान का फर्क आ गया है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि अब वे समझ चुके हैं कि उन्हें अपनी सफलता की दास्तां खुद लिखनी है। उनकी कहानी कोई और नहीं लिख सकता।
मेरा मानना है कि कोई किसी की स्टोरी लिख भी नहीं सकता। वह मां-बाप हो या भाई-बहन। अगर कोई यह कहता है कि युवराज सिंह को योगराज सिंह ने बनाया है तो हो सकता है कि यह कुछ हद तक ठीक हो। अगर बाप बेटे का करियर बना सकता है तो बनाना भी चाहिए। लेकिन युवराज ने अपनी दास्तां खुद लिखी है।
सवाल: IPL में अर्जुन की गेंदबाजी को कैसे आंकते हैं?
योगराज : अर्जुन के बॉलिंग एक्शन को लेकर मैंने गोवा रणजी टीम के कोच मंसूर भाई से भी बात की थी। इतना ही नहीं, मैंने यह मैसेज सचिन तेंदुलकर को भी भेजा है, जिस दिन उनका हाथ कान के पास से आने लगेगा, उनकी गेंद की स्पीड भी बढ़ जाएगी और वह बल्लेबाजों के लिए और खतरनाक हो जाएंगे।
दरअसल, उनकी पीठ में कंधे के नीचे पहले फ्रैक्चर था। इस वजह से उन्हें कान के पास से हाथ लेने में दिक्कत होती है, लेकिन इसे दूर करना ही पड़ेगा। उनके कोच यह समस्या प्रैक्टिस से दूर कर सकते हैं। अभी वे 120 और 125 किमी की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं, वह बढ़कर 140-145 तक हो सकती है। यह नेचुरल प्रोसेस है। जब वे मेरे पास आए थे तो उनकी लोअर बॉडी और लेग कमजोर थे। उस पर वे काम कर रहे थे। अभी उसमें काफी सुधार हो चुका है।
सवाल: आप अर्जुन को ऑलराउंडर के रूप में कैसे देखते हैं?
योगराज: वह गेंदबाज के साथ अच्छे बल्लेबाज भी हैं। मुंबई के कोचेस को उनकी बैटिंग पर फोकस करना चाहिए। जब वे मुझसे ट्रेनिंग ले रहे थे, तब की एक घटना बताता हूं। उन्होंने मुझसे कहा कि सर मुझे 9वें और 10वें नंबर पर खिलाते हैं। यह सुनकर मैंने उसे बैटिंग के लिए भेज दिया।
उसने 15 मिनट बल्लेबाजी की और ग्राउंड में रखी तमाम चीजें तोड़ डालीं। उसने 90 यार्ड और 100 यार्ड के छक्के मारे। अर्जुन की बैटिंग देखकर मैंने गोवा रणजी टीम के कोच मंसूर भाई से पूछा था कि इसको आप बैटर क्यों नहीं बनाते। वह क्रिस गेल से भी आगे जाएगा। अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी में वो काम कर देगा, जो सचिन, युवराज और विवियन रिचडर्स किया करते थे।
सवाल: अर्जुन के साथ वैसे ही सख्त थे, जितने युवी के साथ?
योगराज: हां, जब अर्जुन मेरे पास आए थे, तब मैंने युवराज जैसी ही सख्ती उनके साथ भी की। एक बार चोट लगी, पैर में सूजन थी। मुझे डर था कि कहीं उनके पैर में फ्रैक्चर न हो जाए। MRI रिपोर्ट में फ्रैक्चर नहीं निकला। जब वह अस्पताल से लौट रहे थे तो अर्जुन ने मुझ से कहा कि सर मैं होटल रूम में जाता हूं। मैंने कहा नहीं, तुम ग्राउंड पर चलोगे और बल्लेबाजी करोगे।
मेरे कहने पर अर्जुन सीधा ग्राउंड में आए और करीब डेढ़ घंटे बल्लेबाजी की। फिर मैंने आइसिंग कराई और बॉल डालने को कहा। अर्जुन ने करीब आधे घंटे बॉलिंग भी की।
सवाल: गोवा रणजी टीम में सिलेक्शन के बाद क्या अर्जुन फिर आपके पास ट्रेनिंग के लिए आए?
योगराज: नहीं, वो रणजी से पहले आए थे। उसके बाद उन्हें टाइम नहीं मिला। मैं उन्हें वॉट्सऐप चैट पर ट्रेनिंग शेड्यूल भेजता रहता हूं। उनका भी रिस्पांस बेहतर आता है।
सवाल: अर्जुन को लेकर सचिन तेंदुलकर से क्या बात हुई?
योगराज: देखिए सचिन महान क्रिकेटर हैं। जब गोवा रणजी टीम का कैंप चंडीगढ़ स्थित मेरे सेंटर पर लगा था, तब युवी का फोन आया। उसने कहा था कि सचिन सर का बेटा अर्जुन आ रहा है, उस पर ध्यान रखिएगा, गाइड करिएगा और मैंने वैसा ही किया। मैंने युवी से कहा कि मुझे सचिन सर से बात करना है। मुझे लगता है कि सचिन और युवी अगर दोनों अर्जुन को गाइड करें तो अर्जुन को बेहतर ऑलराउंडर बनने से कोई रोक नहीं सकता।
अगर किसी कारण से वे बेहतर ऑलराउंडर नहीं बन पाते हैं तो मुझे अफसोस होगा कि हम एक टैलेंट को संभाल नहीं सके। यह क्रिकेट के लिए एक तरह से नुकसान होगा।
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