नई दिल्ली4 दिन पहले
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महंगाई के इस दौर में लोग पैसा बचाने में जुटे हैं। वहीं देश के बैंको में अरबों रुपए की धनराशि ऐसी पड़ी है, जिसका कोई वारिस नहीं है। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऐसी अनक्लेम्ड मनी को उनके सही वारिसों तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरू करने की घोषणा की है। बैंक के मुताबिक देश के 8 ऐसे राज्य हैं, जहां पर इस तरह की रकम सबसे ज्यादा बैंकों में भरी पड़ी है।
39 हजार से बढ़कर 48 हजार करोड़ हुई रकम
रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 में बैंकों में मौजूद अनक्लेम्ड मनी का यह अमाउंट 39,264 करोड़ रुपए था। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों में बिना दावे वाली राशि बढ़कर 48,262 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। ऐसे में बिना दावे वाली जमा राशि के असली दावेदारों की तलाश के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया गया है।
इन 8 राज्यों के खातों में सबसे ज्यादा रकम
RBI के मुताबिक देश के 8 राज्य ऐसे हैं, जहां पर इस तरह की बिना दावे वाला अमाउंट सबसे ज्यादा जमा है। इनमें तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना/आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
10 साल तक लेन-देन न करने पर खाता बंद
केंद्रीय बैंक के नियमों के मुताबिक ऐसे बचत/चालू खाते जिनमें 10 साल तक लगातार किसी प्रकार का लेनदेन नहीं हुआ है या ऐसा फिक्स डिपॉजिट, जिसके मैच्योर होने के 10 साल बाद भी कोई कोई दावा नहीं किया गया है, उसे ‘Unclaimed Money’ माना जाता है।
खाता इनएक्टिव होने पर बनता रहता है ब्याज
RBI के अनुसार, भले ही इस धनराशि का कोई दावेदार न हो, लेकिन इसके बावजूद उस पर ब्याज बनता रहता है। ऐसे में कोई व्यक्ति चाहे तो संबंध बैंक में जाकर उस खाते को दोबारा से ओपन करवाकर ब्याज समेत वह धनराशि निकाल सकता है। बैंक प्रशासन का कहना है कि लगातार कई जागरूकता अभियानों के बावजूद बिना दावे वाले इस धनराशि के असली मालिक सामने नहीं आ रहे हैं, जिससे इसकी मात्रा हर साल बढ़ती जा रही है।
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