मुंबई7 मिनट पहले
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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के IPO में निवेश के लिए निवेशकों ने तैयारी शुरू कर दी है। जनवरी महीने में 34 लाख से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोले गए हैं।
फरवरी में भी ज्यादा अकाउंट खुलने की उम्मीद
आंकड़े बताते हैं कि जनवरी में रिकॉर्ड डीमैट अकाउंट खुलने के बाद फरवरी में भी इसी तरह का रुझान दिख सकता है। सभी ब्रोकर्स LIC के पॉलिसीधारकों के पास इस तरह के अकाउंट खुलवाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि इस इश्यू को लेकर निवेशकों को अच्छा खासा क्रेज दिख रहा है।
हर ब्रोकर्स काम में लगे हैं
डिजिटल और परंपरागत हर किस्म के ब्रोकर्स इस काम में लगे हैं। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए काफी सारी स्कीम और गिफ्ट वाउचर्स भी दिया जा रहा है। एक ब्रोकर्स के मुताबिक, हमने LIC के एक हजार कार्यालयों के पास फिजिकल काउंटर्स शुरू किया है। इसके साथ हम स्पेशल स्कीम भी दे रहे हैं।
पहली बार के निवेशक ज्यादा हैं
ब्रोकर्स का कहना है कि इसमें ढेर सारे ऐसे निवेशक हैं, जिन्होंने कभी शेयर बाजार में निवेश नहीं किया है। NSDL और CDSL के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 31 जनवरी तक कुल डीमैट खातों की संख्या 8.4 करोड़ रही, जो दिसंबर में 8 करोड़ थी। अपस्टॉक्स ने अपने प्लेटफॉर्म पर इंश्योरेंस कैटेगरी को शुरू किया है।
डीमैट अकाउंट खोलना जरूरी है
पिछले साल दिसंबर में LIC ने विज्ञापन देकर कहा था कि अगर आप उसके IPO में निवेश करना चाहते हैं तो डीमैट अकाउंट खोलें और साथ ही अपने पैन और आधार कार्ड को पॉलिसी के साथ अपडेट करें। LIC पॉलिसीधारकों के लिए 10% हिस्सा रिजर्व है। उन्हें IPO में शेयर के भाव में 5% का डिस्काउंट मिल सकता है।
स्पेशल प्लान लॉन्च
HDFC सिक्योरिटीज के MD धीरज रेली ने कहा कि हमने LIC एजेंट और कर्मचारियों के लिए स्पेशल प्लान लॉन्च किया है। ब्रोकर्स का मानना है कि LIC के कम से कम 10% पॉलिसीधारकों के पास डीमैट अकाउंट नहीं है। इसका मतलब 2-3 करोड़ पॉलिसीधारकों के पास अकाउंट नहीं है।
29 करोड़ पॉलिसीज हैं
LIC की कुल 29 करोड़ पॉलिसीज हैं। हालांकि इसमें कुछ लोगों के पास 2 या 3 या फिर से इससे ज्यादा पॉलिसीज भी हो सकती हैं। इस तरह से कुल पॉलिसीधारकों की संख्या 20-25 करोड़ के बीच हो सकती है। ब्रोकर्स का मानना है कि इस भारी-भरकम IPO से बाजार में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी और साथ ही इसका असर बाजार पर पॉजिटिव दिख सकता है।
रिटेल निवेशकों की संख्या ज्यादा होगी
दिलचस्प यह है कि इसमें ज्यादातर रिटेल निवेशक ही होंगे। LIC का जो ब्रांड है, यह नए निवेशकों को आकर्षित कर सकता है। इसके लिए करीबन एक करोड़ से ज्यादा रिटेल निवेशक आ सकते हैं। इससे पहले रिलायंस पावर में सबसे ज्यादा 48 लाख रिटेल निवेशक शामिल हुए थे। यह IPO 2008 में आया था।
सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी
दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के IPO को बीमा रेगुलेटर इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने मंजूरी दे दी है। उम्मीद है कि कंपनी का वैल्यूएशन 15 लाख करोड़ रुपए हो सकता है।
इसी हफ्ते जमा हो सकता है मसौदा
LIC इसी हफ्ते मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास IPO के लिए मसौदा जमा करा सकती है। ऐसे में मार्च के मध्य तक इसके इश्यू लाने की उम्मीद है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा। इसका साइज 60 हजार करोड़ से 70 हजार करोड़ रुपए के बीच हो सकता है।
LIC IPO में 5% हिस्सा बेच सकती है
LIC IPO में 5% हिस्सा बेच सकती है। हालांकि पहले यह 10% का अनुमान था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश की रकम के लक्ष्य को घटाकर 78 हजार करोड़ रुपए कर दिया है जो पहले 1.75 लाख करोड़ रुपए था। ऐसे में LIC में भी कम हिस्सेदारी बिकेगी। इस समय LIC में सरकार की 100% हिस्सेदारी है।
इसकी असेट्स 44 लाख करोड़ रुपए के पार है। इसके पास 29 करोड़ पॉलिसीज और 34.3 लाख करोड़ रुपए का लाइफ फंड्स है। 2,048 ब्रांच ऑफिस, 8 जोनल कार्यालय, 113 विभागीय कार्यालय और 11.48 लाख एजेंट्स इसके हैं।
LIC के एजेंट सक्रिय हैं
पिछले 2 महीने से LIC के एजेंट लगातार अपने पॉलिसीधारकों से डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कह रहे हैं। LIC ने भी खुद कहा है कि अगर आप इस IPO का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। भारतीय शेयर बाजार में LIC का करीबन 3.67% हिस्सा है। यानी अन्य कंपनियों में जो उसका निवेश है, वह इतना है। इसके इस हिस्से का कुल वैल्यू 9.53 लाख करोड़ रुपए है।
278 स्टॉक में एक पर्सेंट से ज्यादा हिस्सेदारी
एनएसई के 278 स्टॉक ऐसे हैं, जिसमें इसकी एक पर्सेंट से ज्यादा हिस्सेदारी है। बीमा कंपनियों का जो निवेश शेयर बाजार में है, उसमें अकेले यह 77% हिस्सा अपने पास रखती है। पर्सेंट के लिहाज से IDBI बैंक में इसकी सबसे ज्यादा 49.24% हिस्सेदारी है जबकि LIC हाउसिंग फाइनेंस में यह 45.24% की मालिक है।
निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी
दरअसल, किसी भी IPO में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होता है। इसे दो डिपॉजिटरीज के पास खोल सकते हैँ। एक CDSL और दूसरा NSDL। इसके बाद आपको ब्रोकरेज हाउस के पास एक खाता खोलना होता है। फिर आप किसी इश्यू में निवेश कर पाएंगे।
18 साल की उम्र होना जरूरी
18 साल की उम्र से ज्यादा का कोई भी व्यक्ति डिजिटल तरीके से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकता है। इसके लिए पैन, बैंक अकाउंट, पहचान और पते का प्रूफ अनिवार्य दस्तावेज हैं।पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं। फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें। इसमें आपको नाम, पता, पैन और उस बैंक अकाउंट की डिटेल्स भरनी होंगी जिन्हें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ना है। साथ ही सबसे उपयुक्त ब्रोकरेज प्लान को चुनने की जरूरत होती है।
डॉक्यूमेंट अपलोड करें
आधार, पैन, कैंसिल चेक जैसे डॉक्यूमेंट की स्कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत पड़ती है। निवेशक की तस्वीर के साथ स्कैन किए हुए सिग्नेचर की भी जरूरत हो सकती है। इन-पर्सन वेरिफिकेशन ब्रोकर करते हैं। इसे डिजिटल कॉल या व्यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए निवेशकों को स्क्रीन पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है।
डिस्काउंट ब्रोकर्स के ब्रोकरेज चार्ज फुल सर्विस ब्रोकरों के मुकाबले कम होते हैं। फुल सर्विस ब्रोकर्स तमाम तरह की ऐड-ऑन सर्विस भी देते हैं। इनमें एडवाइजरी, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि होते हैं।
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