स्पोर्ट्स डेस्क10 मिनट पहले
क्रिकेट, वर्ल्ड कप और भारत-पाकिस्तान मैच। यानी रोमांच का ट्रिपल डोज। 23 अक्टूबर को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी। इस बार मौका टी-20 वर्ल्ड कप का है। दोनों टीमों के फैंस को एक और हाई वोल्टेज मैच का इंतजार है।
इस स्टोरी में हम ऐसे 10 भारत-पाक मुकाबलों से गुजरेंगे जिनकी यादें हमारे जेहन में अब भी ताजा हैं। इनमें वर्ल्ड कप के साथ-साथ एशिया कप और द्विपक्षीय सीरीज के मुकाबले भी शामिल हैं। शुरुआत उन मुकाबलों से करेंगे जब भारतीय फैंस का दिल टूटा था और आखिरी हिस्से में वो मैच आएंगे जिनको याद कर हम आज भी खुशी से झूम उठते हैं। तो चलिए इस रोमांचक सफर पर…
पहले देख लेते हैं अब तक वर्ल्ड कप में खेले गए 13 मुकाबलों के रिजल्ट…
10. जब पहली बार पाकिस्तान से वर्ल्ड कप में हारा भारत
पहली बार वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान की भिड़ंत 1992 में हुई थी और इसके बाद खेले गए 12 मुकाबलों में भारतीय टीम लगातार जीत दर्ज करते आ रही थी, लेकिन 2021 के टी-20 वर्ल्ड में सब बदल गया। पहली बार वर्ल्ड कप के इतिहास में पाकिस्तान की टीम ने भारत को हराया।
भारत ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 151/7 का स्कोर बनाया। पाकिस्तान की जीत में बड़ा रोल युवा तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी ने निभाया था।
उन्होंने अपने पहले दो ओवरों में रोहित शर्मा को 0 और केएल राहुल को 3 रन पर आउट कर दिया था। बाद में विराट कोहली जो 57 रन बनाकर खेल रहे थे उनको भी पवेलियन की राह दिखाई। इस शानदार प्रदर्शन के लिए शाहीन को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
152 के लक्ष्य का पीछा कर रही पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए मैच को एकतरफा बना दिया। बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान ने टीम इंडिया के गेंदबाजों को कोई मौका ही नहीं दिया। शुरू से ही दोनों बल्लेबाज टीम इंडिया के गेंदबाजों पर हावी रहे और मुकाबला 13 गेंद पहले 10 विकेट से जीतकर अपने नाम किया। बाबर ने 68 और रिजवान ने 79 रन बनाए थे।
9. अफरीदी ने अश्विन को छक्का मारा और पाकिस्तान जीत गया
2014 के एशिया कप में छठा मुकाबला खेला जा रहा था। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 10 रनों की दरकार थी। कप्तान विराट कोहली ने आर अश्विन को गेंदबाजी करने के लिए बुलाया। पहली ही गेंद पर सईद अजमल को उन्होंने क्लीन बोल्ड कर इंडिया की जीत की आस जगा दी।
क्रीज पर नए आए जुनैद खान ने बड़ी समझदारी के साथ अपना विकेट बचाया और स्ट्राइक शाहिद अफरीदी को थमा दी। अफरीदी ने तीसरी गेंद पर दमदार छक्का जमाया। उनके उस छक्के ने मैच पूरी तरह पाकिस्तान की गिरफ्त में कर दिया।
अब जीत के लिए कुल 4 रनों की जरूरत थी और अफरीदी के पास खेलने के लिए तीन गेंदों का मौका। अफरीदी ने अश्विन के ओवर की चौथी गेंद पर जोरदार प्रहार किया। गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर हवा में ऊंची उछली। ऐसा लग रहा था कि गेंद फील्डर के हाथों में गिरेगी, लेकिन अफरीदी के पावर से वह बाउंड्री पार कर गई। मियांदाद स्टाइल छक्के के साथ अफरीदी ने पाकिस्तान को 1 विकेट की रोमांचक जीत दिला दी।
8. चेतन शर्मा के आखिरी बॉल पर मियांदाद का सिक्स और पाकिस्तान जीता
जब-जब भारत पाकिस्तान के मैच की बात होगी तो जावेद मियांदाद का 1986 में लगाया गया आखिरी बॉल पर छक्का कोई नहीं भूल सकता। टीम इंडिया ने पहले बैटिंग की और पाकिस्तान को 246 का टारगेट दिया। भारत ने 7 विकेट भी गिरा लिए, लेकिन जावेद मियांदाद दीवार बनकर खड़े हो गए। शतक मारा और अब बारी थी आखिरी ओवर की जो चेतन शर्मा को सौंपा गया।
अब इस ओवर की पूरी कहानी
पहली बॉल: मियांदाद ने 2 रन लेने की कोशिश की और वसीम अकरम रन आउट हो गए। जीत के लिए 5 बॉल पर चाहिए थे 10 रन।
दूसरी बॉल: जावेद मियांदाद ने मिड विकेट पर चौका लगाया।
तीसरी बॉल: तीसरी बॉल पर मियांदाद ने एक रन लिया।
चौथी बॉल: चौथी बॉल पर चेतन शर्मा ने बोल्ड मारा और पाकिस्तान ने 9 विकेट गंवा दिए।
पांचवीं बॉल: बल्लेबाज ने सिंगल लिया और मियांदाद क्रीज पर आए।
आखिरी बॉल: एक गेंद पर 4 रन चाहिए थे। चेतन शर्मा ने फुलटॉस फेंकी और मियांदाद ने लेग साइड पर सिक्स जड़कर पाकिस्तान को मैच जिता दिया।
मियांदाद के उस आखिरी शॉट को आप नीचे देख सकते हैं…
अब आपको भारत की सात शानदार जीत की कहानी बताते हैं और देखेंगे कैसे सचिन के आगे पाकिस्तान झुक गया…
7. सबा करीम और राजेश चौहान ने पथराव के बीच जीत दिलाई
1997 में भारत पाकिस्तान के दौरे पर गया था। पहले वन डे में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। कराची के नेशनल स्टेडियम में 30 सितंबर 1997 को दूसरा मुकाबला खेला गया। पाकिस्तान के कप्तान सईद अनवर ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। शाहिद अफरीदी ने 72 रन और इंजमाम उल हक ने 74 रन की शानदार पारी खेली।
अचानक स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ बेकाबू हो गई और भारतीय खिलाड़ियों पर पत्थर, बोतल चलाने लगी। भारतीय टीम मैदान से बाहर चली गई। तब तक पाकिस्तान ने 47.2 ओवर में चार विकेट पर 265 रन बनाए थे और उसकी पारी को यहीं समाप्त मान लिया गया।
राजेश चौहान ने भारत के लिए 21 टेस्ट और 35 वनडे मैच खेले, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उस छक्के के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
कुछ देर बाद मैच दोबारा शुरू हुआ। भारत को 47 ओवर में 266 रन बनाने थे। सचिन और गांगुली ने मिलकर 71 रन की तेज शुरुआत दी। सचिन 21 रन बनाकर आउट हो गए। गांगुली ने 89 रन और विनोद कांबली ने 53 रन की पारी खेली। ने 98 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद अजहर (6) और अजय जडेजा (8) जल्दी आउट हो गए। हालांकि रॉबिन सिंह (नॉटआउट 31 रन), सबा करीम (26 रन) ने 62 रन की साझेदारी करके भारत को जीत के दरवाजे तक पहुंचा दिया।
सबा करीम को वकार यूनुस ने बोल्ड किया तो उसके बाद भारत को जीत के लिए सकलैन के आखिरी ओवर में आठ रन की जरूरत थी और सामने थे राजेश चौहान। सकलैन की फॉर्म और चौहान की बैटिंग को देखते हुए यह लक्ष्य काफी कठिन लग रहा था, लेकिन चौहान ने सकलैन की दूसरी गेंद पर मिड विकेट पर शानदार छक्का लगाकर टारगेट को आसान कर दिया, फिर तीसरी गेंद पर भारत को एक अविश्वसनीय जीत दिला दी।
तस्वीर सितंबर 1997 में कराची में खेले गए वनडे मैच की है। इसमें पाकिस्तानी खिलाड़ी रॉबिन सिंह से हाथ मिला रहे हैं। पीछे हैं राजेश चौहान।
6. 24 साल पहले लगे एक चौके ने दिलाई थी भारतीय टीम को जीत
24 साल पहले 1998 में ढाका में इंडिपेंडेंस कप का बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल का तीसरा मैच खेला जा रहा था। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी करने का न्योता दिया।
पाकिस्तान की तरफ से एजाज अहमद और सईद अनवर की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए 230 रन जोड़ दिए और भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई। PAK टीम ने 48 ओवर में 5 विकेट खोकर 314 रन बनाए थे। उस समय इतना बड़ा स्कोर किसी भी टीम ने चेज नहीं किया था।
बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की। तेंदुलकर और गांगुली ने सिर्फ 8 ओवर में 71 रन जोड़ दिए, लेकिन शाहिद अफरीदी की गेंद पर तेंदुलकर आउट हो गए। गांगुली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी जारी रखी और शतक पूरा किया।
उनका साथ देने आए रॉबिन सिंह ने भी 82 रन जोड़े, लेकिन उनके आउट होते ही विकेट की झड़ी लग गई। एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन लौट गए। 48 ओवर के मैच में भारतीय टीम ने 47 ओवर खत्म होने तक 7 विकेट खोकर 306 रन बना लिए थे।
आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 9 रन चाहिए थे और क्रीज़ पर ऋषिकेश कानिटकर और जवागल श्रीनाथ थे। इस बीच सकलैन मुश्ताक अंतिम ओवर लेकर आए। पहली गेंद पर कानिटकर ने एक रन लिया और श्रीनाथ क्रीज पर आ गए।
दूसरी और तीसरी गेंद पर भी श्रीनाथ ने दो-दो रन चुराए। इस दौरान वह बड़ा शॉट लगाना चाहते थे और पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उनके कैच भी छोड़ दिए। चौथी गेंद पर श्रीनाथ ने एक रन लिया। अब जीत के लिए दो गेंद पर 3 रन चाहिए थे। सकलैन ने कानिटकर के पैरों के पास गेंद डाली और उन्होंने बल्ला घुमाया और मिड-विकेट पर शानदार चौका जड़ टीम इंडिया को जीत दिला दी।
ऋषिकेश कानिटकर पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद वापस पवेलियन लौटते हुए। उनके साथ उस समय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं।
5. पहला टी-20 वर्ल्ड कप, पहला मैच बॉल-आउट से जीता भारत
2007 में पहला टी-20 वर्ल्ड कप खेला गया था। ये वर्ल्ड कप साउथ अफ्रीका में हो रहा था। इसमें भारत और पाकिस्तान पहले लीग मैच में और फिर फाइनल में भिड़े।
लीग मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 141 रन बनाए। यह स्कोर काफी नहीं था। अच्छी गेंदबाजी की बदौलत इंडिया ने पाकिस्तान को 141 पर ही रोक दिया। इसके बाद मैच का नतीजा बॉल-आउट से निकला।
भारत की तरफ से तीन थ्रो हुए। ये तीनों थ्रो वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और रॉबिन उथप्पा ने किए। भारत के तीनों थ्रो विकेट पर जाकर लगे। पाकिस्तान की तरफ से भी तीन थ्रो किए गए, लेकिन उनका एक भी थ्रो विकेट पर नहीं लगा और टीम इंडिया ये मुकाबला जीत गई।
क्या होता है बॉल-आउट?
सुपर ओवर के आने से पहले बराबरी पर छूटे मैच का फैसला ‘बॉल आउट’ के तहत होता था।। बॉल-आउट में दोनों टीमों के पांच गेंदबाजों को गेंदबाजी करने का मौका दिया जाता था। गेंदबाजों को गिल्लियां उड़ाने का टारगेट मिलता था।
ऐसे में जिस टीम के गेंदबाज ज्यादा बार गेंद से गिल्लियां गिरा पाते उसे विजयी घोषित कर दिया जाता था। अगर दोनों टीमों के खिलाड़ी बराबर स्टंप गिरा लें तो यह खेल तब तक चलता था जब तक फैसला न हो जाए। उदाहरण के लिए अगर किसी एक टीम के 5 गेंदबाजों में से 3 गेंदबाज स्टंप उखाड़ने में कामयाब हो जाते और दूसरी टीम के गेंदबाज सिर्फ 2 ही स्टंप उखाड़ते हैं जो 3-2 के आधार पर पहली टीम को विजयी माना जाता है।
बॉल-आउट मैच में कैसे भारतीय गेंदबाजों ने गिल्लियां उड़ाई आप नीचे देख सकते हैं…
4. नए कप्तान धोनी ने भारत को बनाया वर्ल्ड चैंपियन
2007 टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप मैच के बाद दोनों टीमों की भिड़ंत एक बार फिर फाइनल में हुई थी। मैच में टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 54 गेंदों पर 75 रनों की धमाकेदार पारी खेली।
उन्होंने अपनी पारी के दौरान 8 चौके और दो छक्के लगाए। उनके अलावा रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 30 रनों की पारी खेली। भारत ने 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत बहुत ही खराब रही।
पाकिस्तान ने 77 रन पर अपने 6 विकेट गंवा दिए, लेकिन मिस्बाह उल हक मैच आखिरी ओवर तक ले गए। इस ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे, लेकिन मिस्बाह 43 रन बनाकर आउट हो गए और भारत ने 5 रन से मैच जीत लिया।
इसी के साथ टीम इंडिया पहले टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता भी बनी। इस मैच में आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा करने आए थे। सिर्फ एक मैच से जोगिंदर स्टार बन गए थे। इस युवा गेंदबाज को भारत का बच्चा-बच्चा जान गया था।
3. कोहली के 55 रन जो शतक से भी बढ़कर
2016 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान का मुकाबला कोलकाता में खेला गया। एक बार फिर पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाजी की और वो फिसड्डी साबित हुई। उन्होंने 20 ओवर में सिर्फ 118 रन बनाए। हालांकि, टीम इंडिया जब बल्लेबाजी करने आई तो भारत को शुरुआती झटके लगे।
मोहम्मद आमिर और मोहम्मद सामी ने भारत के तीन विकेट जल्दी गिरा दिए। रोहित शर्मा 10, शिखर धवन 6 और सुरेश रैना खाता खोले बिना आउट हो गए।
ऐसा लगा पाकिस्तान मैच पलट देगा, लेकिन विराट कोहली ने 37 गेंदों में 55 रन बनाए और टीम को जीत दिला दी। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 7 चौके और 1 छक्का लगाया। टीम इंडिया ये मैच 6 विकेट से जीत गई। विराट कोहली प्लेयर ऑफ द मैच बने।
2. कोहली के 183 रन
2012 का एशिया कप और बांग्लादेश के मीरपुर मैदान पर 18 मार्च को भारत और पाकिस्तान की टक्कर थी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की और 329 रनों का पहाड़ जैसा टारगेट खड़ा कर दिया। पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद ने शतकीय पारी खेली थी। वहीं, यूनिस खान ने भी अर्धशतक लगाया था।
टीम इंडिया इस टारगेट का पीछा करने उतरी तो गौतम गंभीर जल्दी आउट हो गए, लेकिन इसके बाद सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने पारी को संभाल और पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर धुलाई की। सचिन तेंदुलकर ने 51 और विराट कोहली ने 183 रन की लाजवाब पारी खेली।
वहीं, रोहित शर्मा ने भी 68 रन बनाए। टीम इंडिया ने 47.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर इस टारगेट को हासिल कर लिया था। पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक थे और टीम इंडिया की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी।
1.2003 वर्ल्ड कप में सचिन के 98 रन
भारत-पाकिस्तान की टीमें 2003 वर्ल्ड कप के 36वें मुकाबले में आमने-सामने थी। तब तक भारतीय टीम 5 में से 4 मैच जीत चुकी थी। वहीं, पाकिस्तान 4 में से 2 मैच हार चुका था। दोनों टीमें तीन साल बाद वनडे में आमने-सामने थी। मैच से पहले ही मीडिया में यह बात होने लगी थी कि यह दुनिया के बेस्ट बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच मुकाबला है। साउथ अफ्रीका के सेंचुरियन मैच में सचिन तेंदुलकर ने शोएब अख्तर के ओवर में 18 रन बनाए। भारत ने पाक के खिलाफ लगातार दो हार के बाद कोई वनडे मुकाबला जीता था।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। उसने ओपनर सईद अनवर के शतक की मदद से 50 ओवर में 273 रन बनाए। अनवर ने 126 गेंद पर 101 रन की पारी खेली। टारगेट का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के लिए सचिन तेंदुलकर ने पहला गेंद खेला।
उन्होंने वसीम अकरम के पहले ओवर की तीसरी गेंद पर चौका लगाकर टीम का खाता खोला। दूसरा ओवर करने शोएब अख्तर आए। अख्तर ने मैच से पहले कहा था कि मैं सचिन को जल्दी आउट कर दूंगा।
शोएब के पहले ओवर में कैसे बने 18 रन…
- अख्तर के पहले ओवर की पहली गेंद वाइड थी।
- सचिन इसके बाद अगली गेंद पर रन नहीं बना सके।
- दूसरी गेंद पर उन्होंने सिंगल लिया।
- तीसरी गेंद पर वीरेंद्र सहवाग रन नहीं बना सके।
- अगली गेंद वाइड थी, इस पर दोनों बल्लेबाजों ने छोर बदल लिया।
- चौथी गेंद अख्तर ने बाउंसर डाली। ऑफ स्टंप से बाहर जाती इस बाउंसर पर सचिन ने बैकवर्ड प्वाइंट बाउंड्री के बाहर छह रन के लिए चली गई।
- इसकी अगली गेंद पर सचिन ने पैड पर आती गेंद को ऑन साइड में चौका मारा।
- उन्होंने आखिरी गेंद को सीधे बल्ले से खेलते हुए स्ट्रेट ड्राइव लगाया। गेंद चार रन के लिए सीमा रेखा से बाहर चली गई।
सचिन का यादगार छक्का आप नीचे देखिए…
सचिन ने अख्तर के एक ओवर में 18 रन लगाकर पाकिस्तानी गेंदबाजों के हौसले पस्त कर दिए थे। पाकिस्तान के कप्तान वकार यूनुस ने अख्तर को गेंदबाजी से हटा दिया। वे खुद गेंदबाजी के लिए आए।
उन्होंने छठे ओवर में लगातार दो गेंद पर सहवाग और सौरव गांगुली को पवेलियन भेज दिया। सचिन ने 75 गेंद पर 98 रन की पारी खेली। वे जब आउट हुए तब 134 गेंद पर 97 रन बनाने थे। यानी 4.34 के रन रेट से। जिसे राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने आसानी से हासिल कर लिया। शोएब ने 10 ओवर में एक विकेट पर 72 रन दिए।
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