स्पोर्ट्स डेस्क2 मिनट पहले
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भारत-पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी 2017 का फाइनल इंग्लैंड के द ओवल मैदान पर खेला गया। टॉस हारकर पहले बैटिंग करने आई पाकिस्तान ने 337 रन बनाए। रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली जैसे मजबूत टॉप ऑर्डर के सामने ये टारगेट चेज होता नजर आ रहा था। लेकिन 9 ओवर खत्म होते ही टीम इंडिया का स्कोर 33/3 हो गया। रोहित, धवन और कोहली तीनों पवेलियन में, वजह सिर्फ एक- लेफ्ट आर्म पेसर मोहम्मद आमिर।
आमिर ने पावरप्ले में तीनों को पवेलियन भेजा और भारत 180 रन से मैच हार गया। आमिर के बाद न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने वनडे वर्ल्ड कप, मुस्ताफिजुर रहमान ने बांग्लादेश, शाहीन शाह अफरीदी ने टी-20 वर्ल्ड कप, रीस टॉप्ले ने इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया के लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने भारत में ही हमारे टॉप बैटर्स की नाक में दम कर दिया।
इन सभी में कुछ बातें कॉमन रहीं, सभी लेफ्ट आर्म पेसर्स हैं, सभी तेजी से इन-स्विंग बॉल फेंकते हैं, सभी ने हमारे टॉप ऑर्डर को बड़े टूर्नामेंट और अहम मैचों के पावरप्ले में ही पवेलियन भेज रखा है और सबसे अहम बात इनमें से कोई भी भारत के लिए नहीं खेलता। आगे स्टोरी में हम जानेंगे कि हमारे बैटर्स ने लेफ्ट आर्म पेसर्स के सामने किन अहम मौकों पर स्ट्रगल किया, इसकी वजह क्या रही और इसी साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में टॉप-10 टीमों के कौन से बॉलर्स टीम इंडिया को परेशान कर सकते हैं।
सबसे पहले देखें वनडे इंटरनेशनल में लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ हमारे बैटर्स का प्रदर्शन…
चैंपियंस ट्रॉफी में हार का दर्द तो हमने जान ही लिया अब जानते हैं और किन बड़े टूर्नामेंट में लेफ्ट आर्म पेसर्स ने हमें दर्द भरी हार दी…
ट्रेंट बोल्ट | वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल
9 जुलाई 2019 को भारत और न्यूजीलैंड की टीमें वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइन में भिड़ीं। टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 239 रन पर रोक दिया। खराब मौसम के कारण बारिश होने लगी और मैच रिजर्व डे पर अगले दिन की सुबह कन्टीन्यू हुआ। केएल राहुल, रोहित और विराट जैसे बैटर्स के आगे 240 का टारगेट छोटा लग रहा था, लेकिन 3.1 ओवर में भारत का स्कोर 5/3 हो गया। तीनों टॉप ऑर्डर बैटर्स पवेलियन लौट गए।
न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने कोहली और मैट हेनरी ने बाकी 2 विकेट लिए। टीम इंडिया दबाव में आ गई, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी और रवींद्र जडेजा मैच को आखिर तक ले गए। यहां भी लेफ्ट आर्म पेसर बोल्ट आए और जडेजा को 77 रन पर आउट कर दिया। धोनी अगले ही ओवर में रन आउट हुए और भारत 18 रन से मैच हारकर फाइनल में जगह नहीं बना सका।
शाहीन शाह अफरीदी | टी-20 वर्ल्ड कप, ग्रुप स्टेज
2021 टी-20 वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज में भारत का पहला ही मुकाबला चीर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से हुआ। टूर्नामेंट में इससे पहले पाकिस्तान से कभी नहीं हारने वाली टीम इंडिया इस बार फिर फेवरेट मानी जा रही थी। भारत की बैटिंग आई और 2.1 ओवर में स्कोर 6/2 हो गया। रोहित और राहुल को लेफ्ट आर्म पेसर शाहीन अफरीदी ने आउट कर दिया।
भारतीय टीम दबाव में आ गई, यहां से कोहली ने पारी संभाली और टीम को बड़े स्कोर की ओर ले जाने लगे। यहां भी 19वें ओवर में शाहीन ने कोहली को आउट किया और भारत 20 ओवर में दुबई के मैदान पर 151 रन ही बना सका। पाकिस्तान ने बगैर विकेट गंवाए 17.5 ओवर में ही टारगेट हासिल कर भारत को टूर्नामेंट इतिहास में पहली बार हरा दिया। वो भी पूरे 10 विकेट से।
टी-20 में भी हमारे बैटर्स अक्सर लेफ्ट आर्मर्स के खिलाफ स्ट्रगल करते हैं। नीचे के ग्राफिक में देखें टीम इंडिया के बैटर्स का टी-20 में लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाजों के खिलाफ प्रदर्शन…
द्विपक्षीय सीरीज में इन्होंने किया परेशान
2015 में टीम इंडिया महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वनडे सीरीज खेलने बांग्लादेश गई। टीम जब भारत लौटी तो हम 2-1 से सीरीज हार चुकी थे, बांग्लादेश को सीरीज जिताने वाले प्लेयर का नाम मुस्ताफिजुर रहमान था। इस लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज ने वनडे सीरीज के 3 मैचों में 13 भारतीय बैटर्स को पवेलियन भेजा। अब हालात ये है कि मुस्ताफिजुर भारत के खिलाफ अब तक 12 वनडे में कुल 22 ले चुके हैं।
मुस्ताफिजुर के बाद तो जैसे विपक्षी टीमें भारत के खिलाफ एक न एक लेफ्ट आर्म पेसर को टीम में रखने ही लगीं। जिसका नतीजा भी विपक्षी टीमों को मिला, 2022 में इंग्लैंड गई टीम इंडिया के खिलाफ रीस टॉप्ले ने वनडे में 6 विकेट लेकर लगभग अकेले ही टीम को हरा दिया। उस दौरे पर टी-20 और वनडे सीरीज में लेफ्ट आर्म पेसर डेविड विली ने भी खूब विकेट चटकाए। टॉप्ले के नाम तो भारत के खिलाफ 5 वनडे में 12 विकेट हैं, वहीं विली के नाम भी 9 विकेट हैं।
टेस्ट में भी आती हैं दिक्कतें
वनडे और टी-20 के अलावा टीम इंडिया के बैटर्स टेस्ट में भी लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ स्ट्रगल करते हैं। इंग्लैंड के सैम करन तो 2018 की टेस्ट सीरीज में भारत और इंग्लैंड के बीच जीत का सबसे बड़ा अंतर रहे। उन्होंने पूरी सीरीज के 4 मैचों में 11 विकेट लिए, वो भी अहम मौकों पर। उन्होंने जिन बैटर्स को आउट किया, उनमें विराट कोहली, केएल राहुल, मुरली विजय से लेकर चेतेश्वर पुजारा भी शामिल रहे।
साउथ अफ्रीका के मार्को यानसेन ने भी 2021-22 की टेस्ट सीरीज में कोहली, राहुल समेत हमारे कई टॉप ऑर्डर बैटर्स को पवेलियन भेज कर भारत को सीरीज जीतने से रोका था। टीम इंडिया उस दौरे पर 1-2 से टेस्ट सीरीज हार गई थी।
इंग्लैंड के लेफ्ट आर्म पेसर सैम करन ने भारत के खिलाफ 7 टेस्ट में 14 विकेट लिए हैं।
क्या हैं कारण?
लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ हमारे बैटर्स के स्ट्रगल करने के 2 कारण नजर आते हैं। अच्छे लेफ्ट आर्म बॉलर्स के सामने प्रैक्टिस न होना और तेजी से आती इन-स्विंगिंग गेंदों पर हमारे बैटर्स की टेक्निक।
अब दोनों कारणों को थोड़ा विस्तार से समझते हैं…
टीम इंडिया में लेफ्ट आर्म पेसर्स ही नहीं
भारतीय टीम के बैटर्स पिछले 10 सालों में लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ कुछ ज्यादा ही स्ट्रगल कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ प्रैक्टिस की कमी है। टीम इंडिया में इस वक्त स्टार्क, बोल्ट, शाहीन या आमिर जैसे लेफ्ट आर्म पेसर्स नहीं हैं। पिछले कुछ सालों में जो लेफ्ट आर्म बॉलर्स टीम में खेले, उनमें खलील अहमद, जयदेव उनादकट, बरिंदर सरन, चेतन साकरिया, थंगारसु नटारजन और अर्शदीप सिंह शामिल रहे।
इनमें से न तो कोई बॉलर परमानेंट हो सका और न ही कोई लगातार 145+ किमी की स्पीड से बॉल को स्विंग करा सकता है। इंटरनेशनल के अलावा मुकेश चौधरी, यश दयाल, आकाश सिंह और मोहसिन खान जैसे कुछ बॉलर्स IPL और घरेलू क्रिकेट में अच्छा कर रहे हैं, लेकिन इंटरनेशनल लेवल की छाप नहीं छोड़ पा रहे। घरेलू क्रिकेट के इन्हीं चुनिंदा 10-12 बॉलर्स के सामने भारतीय बैटर्स पिछले कुछ समय से प्रैक्टिस कर रहे हैं।
नतीजा यह निकल रहा है कि ये प्रैक्टिस इंटरनेशनल लेवल के पेसर्स का सामना करने के लिए काफी नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी सीरीज में तो भारत के पास उनादकट ही एकमात्र लेफ्ट आर्म पेस बॉलिंग ऑप्शन हैं। वहीं 2013 से पहले तक टीम में जहीर खान, इरफान पठान, आरपी सिंह और आशीष नेहरा के रूप में 4 लेफ्ट आर्म पेसर्स एक साथ टीम इंडिया में खेले हैं। ऐसे में घरेलू क्रिकेट में अच्छे लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाजों के नहीं होने से भी बैटर्स के प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है।
इन स्विंगिंग गेंदें ज्यादातर बैटर्स की कमजोरी
चैंपियंस ट्रॉफी, वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप से लेकर द्विपक्षीय सीरीज के ज्यादातर मैचों में हर किसी लेफ्ट आर्म पेसर ने हमारे बैटर्स को परेशान नहीं किया। ये तो वो ही बॉलर्स कर सके जो तेजी से राइट हैंड बैटर्स को इन-स्विंगिंग गुड और फुलर लेंथ गेंदें फेंक रहे थे। स्टार्क भी फिलहाल जारी सीरीज में कुछ ऐसा ही कर रहे हैं और उन्हीं जैसे बॉलर्स के सामने हमारे बैटर्स ने खूब स्ट्रगल किया।
कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि तेजी से गुड और फुलर लेंथ से बॉडी की ओर आने वाली गेंदें किसी भी वर्ल्ड क्लास बैटर को परेशान कर सकती हैं। इंडियन बैटर्स भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। बॉलिंग की बात करें तो उनादकट एंगल का यूज कर बॉल को राइट हैंड बैटर से दूर की ओर ले जात हैं। वहीं अर्शदीप अच्छी इन-स्विंग तो फेंक रहे हैं, लेकिन स्टार्क या शाहीन जितनी पेस नहीं जनरेट कर पा रहे। ऐसे में टीम की बैटिंग प्रैक्टिस लेफ्ट आर्मर्स के सामने कुछ हद तक अधूरी ही रह जा रही है।
अब जानें टी-20 में किन लेफ्ट आर्म पेसर्स ने भारतीय बैटर्स के सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं…
विराट-राहुल करते हैं टेक्निक पर काम
भारत की मौजूदा टीम में सबसे बेहतरीन टेक्निक वाले बैटर्स की बात करें तो विराट कोहली, केएल राहुल और रोहित शर्मा के नाम सामने आते हैं। तीनों ही किसी पर्टिकुलर गेंद पर आउट होने के बाद अपनी टेक्निक इम्प्रूव करते हैं और अगले मैचों में उस तरह की गेंदों को बेहतर तरीके से खेलते हैं।
दूसरे वनडे में कोहली का ही उदाहरण लें। वे पहले वनडे में स्टार्क की इन-स्विंगिंग फुलर लेंथ बॉल पर LBW हुए, दूसरे वनडे में कोहली ने उसी गेंद पर चौका लगाया। कोहली लगभग सेट हो चुके थे, लेकिन राइट आर्म पेसर नाथन एलिस की सीधी बॉल पर चमका खा कर LBW हो गए। उन्होंने भारतीय पारी में सबसे ज्यादा 31 रन बनाए, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल सके।
कोहली के अलावा राहुल ने पहले वनडे में अपनी टेक्निक का बेहतरीन उपयोग किया और स्टार्क के सामने अपना विकेट नहीं गंवाया। वह आखिर तक टिके रहे और टीम को जीत दिलाने में सफल रहे। रोहित भी इंग्लैंड में अपनी टेक्निक सुधार कर रन बनाने में कामयाब रहे हैं। ऐसे में हमारे बैटर्स में कमबैक की काबिलियत तो है, लेकिन कई अहम मौकों पर वे भी चोक कर जाते हैं।
वनडे वर्ल्ड कप में ये बॉलर्स करेंगे परेशान
50 ओवर की भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज वनडे वर्ल्ड कप के लिहाज से दोनों टीमों के लिए अहम है। क्योंकि भारत में ही 7 महीने बाद वनडे वर्ल्ड कप होगा, जिसमें ये दोनों ही टीमें रहेंगी। ऑस्ट्रेलिया में तो स्टार्क और जेसन बेहरनड्रॉफ के रूप में 2 लेफ्ट आर्म पेसर्स मौजूद हैं, जो भारत और विपक्षी टीम के टॉप ऑर्डर को परेशान कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया-भारत के अलावा टूर्नामेंट में 8 और टीमें भी रहेंगी। उन टीमों में भी कुछ अच्छे लेफ्ट आर्म पेसर्स हैं, जो वर्ल्ड कप में भारत की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इनमें साउथ अफ्रीका के मार्को यानसेन, वेन पार्नेल, वेस्टइंडीज के शेल्डन कॉट्रेल, ओबेड मैकॉय, श्रीलंका के दिलशान मदुशंका, इंग्लैंड के सैम करन और रीस टॉप्ले, पाकिस्तान के शाहीन अफरीदी और बांग्लादेश के मुस्ताफिजुर रहमान जैसे बॉलर्स शामिल हैं।
यहां देखें भारत को किन लेफ्ट आर्म बॉलर्स ने वनडे में सबसे ज्यादा परेशान किया…
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