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- Gold ETF Investment Features & Benefits Explained | Gold Hallmarking Mandatory
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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राहुल को सोना खरीदना या उसमें निवेश करना बहुत पसंद है, वो त्यौहार या अन्य मौकों पर सोना खरीदता रहता है। एक दिन राहुल को अचानक रुपए की जरूरत पड़ती है और वो गोल्ड लोन लेने जाता है। वह गहने लेकर बैंक जाता है, तो पता चलता है कि जो सोना इसके पास है वो 15 कैरेट की शुद्धता वाला है। जबकि सुनार ने उसे 19 कैरेट का कहकर बेचा था। ऐसे में राहुल को कम लोन मिलता है। लेकिन, 1 अप्रैल 2023 के बाद ऐसा नहीं होगा।
1 अप्रैल से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने वाली है, यानी ज्वैलर्स सिर्फ हॉलमार्क वाला सोना ही बेच सकेंगे। इससे पता चलेगा कि सुनार से जो सोना खरीद रहे हैं, वह शुद्ध है या नहीं है।
हम आपको बता रहे हैं कि अगर आपको भी सोने में निवेश करना पसंद है तो फिजिकल गोल्ड जैसे ज्वैलरी या सोने के बिस्किट-सिक्कों के अलावा भी कई अन्य तरीकों से आप इसमें पैसा लगा सकते हैं। इसमें आपका पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और पैसों की जरूरत पड़ने पर आप इसे आसानी से बेच भी सकेंगे। सोना 5 सालों में 31 हजार से 60 हजार पर पहुंच गया है।
1. गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (गोल्ड ETF)
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ETF कहते हैं। ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है। चूंकि गोल्ड ETF का बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड की कीमतें हैं, आप इसे सोने की वास्तविक कीमत के करीब खरीद सकते हैं। गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग डीमैट खाता होना चाहिए।
इसमें निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी: गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE या BSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक
2. पेमेंट ऐप से भी सोने में निवेश
अब आप अपने स्मार्टफोन से ही डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च करने की भी जरूरत नहीं होती है। आप अपनी सुविधानुसार जितनी कीमत का चाहें, सोना खरीद सकते हैं। यहां तक कि 1 रुपए का भी। यह सुविधा अमेजन-पे, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
डिजिटल गोल्ड खरीदने के कई फायदे हैं। आप 1 रुपए से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। इसके जरिए आप शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। ज्वेलरी मेकिंग का खर्च नहीं आता है। इससे भी पैसों की बचत होती है। इसे फिजिकल गोल्ड की तरह सुरक्षित रखने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है।
3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी अच्छा ऑप्शन
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है, जिसे सरकार समय-समय पर जारी करती है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बॉन्ड 1 ग्राम सोने का है, तो 1 ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50% का निश्चित ब्याज मिलता है। इसमें निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होता है।
इसे खरीदना है आसान: गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए आपको किसी ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें एनएसई पर उपलब्ध गोल्ड बॉन्ड के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। इसमें ऑफलाइन भी निवेश किया जा सकता है। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
4. फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड में निवेश यानी ज्वैलरी या सोने के बिस्किट-सिक्के खरीदना। एक्सपर्ट्स ज्वैलरी खरीदने को सोने में निवेश करने का सही तरीका नहीं मानते हैं, क्योंकि इस पर जीएसटी और मेकिंग चार्ज देना पड़ता है। इसीलिए इसमें आपको पहले ही ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। वहीं ज्वैलरी बनवाने पर आप 24 कैरेट सोने में निवेश नहीं करते हैं, क्योंकि 24 कैरेट शुद्धता सोने की ज्वैलरी नहीं बनती है। हालांकि आप सोने के बिस्किट या सिक्के में निवेश कर सकते हैं।
10 सालों में दोगुने से ज्यादा हुई सोने की कीमत
बीते 10 सालों की बात करें तो सोने ने 100% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। मार्च 2013 में सोना 29 हजार रुपए पर था, जो अब 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी मार्च 2020 में इस समय सोना 52 हजार रुपए पर था। यानी सोने ने बीते 1 साल में करीब 15% का रिटर्न दिया है। वहीं IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता कहते हैं कि शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के कारण सोने को सपोर्ट मिल रहा है। इसके चलते इस साल के आखिर तक सोना 65 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
सोने में सीमित निवेश फायदेमंद
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि भले ही आपको सोने में निवेश करना पसंद हो तब भी आपको इसमें सीमित निवेश ही करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए। किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है। सोने में कम से कम 3 से 5 साल के लिए निवेश करना सही रहेगा।
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