रोहतक42 मिनट पहले
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WFI अध्यक्ष विवाद में गठित जांच कमेटी के सदस्य एवं ओलंपियन योगेश्वर दत्त।
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष विवाद में गठित जांच कमेटी के सदस्य एवं ओलंपियन योगेश्वर दत्त जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले नेताओं पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कमेटी की रिपोर्ट को तो मंदिर की घंटी बना दिया है, जो आता है उसको ही गलत ठहरा देता है। यदि किसी को रिपोर्ट गलत लगती है तो वह सरकार से कहकर अलग कमेटी बनवाकर इसकी जांच करा सकता है।
योगेश्वर गोहाना में भगवान परशुराम की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी। अब पुलिस जांच करेगी। अगर पुलिस को लगता है कि गिरफ्तारी होनी चाहिए तो की जाएगी। कमेटी का काम सिर्फ जांच कर रिपोर्ट देना है। हर कोई आकर कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठा रहा है।
गोहाना में भगवान परशुराम की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे योगेश्वर दत्त।
बोले- कमेटी किसी को दोषी-निर्दोष नहीं बता सकती
उन्होंने कहा कि कमेटी किसी को दोषी या निर्दोष करार नहीं दे सकती। किसी को सजा देने का काम कोर्ट का है। हर कोई कमेटी की जांच रिपोर्ट पर सवाल कर रहा कि रिपोर्ट सही नहीं है। रिपोर्ट खिलाड़ियों के बयानों के आधार पर तैयार की गई। जिसकी वीडियोग्राफी भी करवाई गई है।
कमेटी की रिपोर्ट की भी करवाएं जांच
उन्होंने कहा कि 6 सदस्य कमेटी ने कोई गलत रिपोर्ट नहीं तैयार की। फिर कमेटी से गलत करने का संदेह होता है तो पीएम और खेल मंत्रालय को एक कमेटी और बनाई जानी चाहिए। जिसमें उन खिलाड़ियों के सदस्य भी मेंबर हो। अगर हमारी जांच टीम के किसी ने गलती की है तो उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए। अगर उन्होंने भी गलत किया है तो सजा मिले, लेकिन जांच कमेटी ने कोई गलत रिपोर्ट नहीं दी है।
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