नई दिल्लीएक दिन पहले
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एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने शुक्रवार (9 जून) को चाइनीज मोबाइल कंपनी शाओमी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शाओमी के अलावा ED ने कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) समीर राव, पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर मनु जैन और तीन विदेशी बैंकों को भी नोटिस भेजा है।
ED ने ₹5,551 करोड़ का हिसाब मांगा
ED ने यह कारण बताओ नोटिस 5,551 करोड़ रुपए के कथित फॉरेन एक्सचेंज उल्लंघन को लेकर जारी किया है। एजेंसी ने बताया कि फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके दो अधिकारियों, सिटी बैंक, HSBC बैंक और ड्यूश बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
शाओमी इंडिया ने साल 2014 से भारत में काम करना शुरू किया था। ये चीन की प्रमुख स्मार्टफोन कंपनी शाओमी के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है। ED ने अपनी जांच में पाया था कि शाओमी इंडिया ने साल 2015 से अपनी पैरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया। कंपनी ने विदेशी कंपनियों को टोटल 5,551.27 करोड़ रुपए भेजे।
FEMA के प्रावधानों के तहत ED ने जब्त किए पैसे
इसके बाद ED ने पिछले साल FEMA के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए शाओमी इंडिया के खातों में जमा करीब 5,551.27 करोड़ रुपए जब्त कर लिए थे। यह कार्रवाई गैरकानूनी तरीके से रॉयल्टी के नाम पर विदेशों में पैसा भेजने के लिए की गई थी। शाओमी इंडिया ने ED की इस कार्रवाई को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को रद्द कर दिया था।
जानकारों के मुताबिक, FEMA के तहत जांच पूरी होने के बाद ED की ओर से संबंधित कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। अगर इस नोटिस में भी कंपनियां कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पाती हैं तो फिर उन्हें नियमों के अनुसार जुर्माने का भुगतान करना होता है।
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