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e-RUPI की सीमा बढ़ी: अब एक लाख रुपए का कर सकते हैं ट्रांजैक्शन, अभी तक 10 हजार रुपए थी लिमिट

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मुंबई12 घंटे पहले

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भारतीय रिजर्व बैंक ने ई-रूपी (e-RUPI) की सीमा अब एक लाख रुपए कर दी है। अभी तक यह 10 हजार रुपए थी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद कहा कि इसे कई सारे उपयोग के लिए भी मंजूरी दी गई है।

बैंक खाता जरूरी नहीं

ई-रूपी के लिए लाभार्थी का बैंक खाता होना जरूरी नहीं है। इसका उपयोग एक से ज्यादा बार भी किया जा सकता है। ई-रूपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त 2021 को लॉन्च किया था। यह एक इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का यह पहला कदम था।

इसके जरिए आप SMS या फिर एक QR कोड के जरिए पैसा ले सकते हैं। यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर की तरह होता है।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने का उद्देश्य

इसका उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है। इसके जरिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट होगा। सरकार के अनुसार इसके जरिए योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। ई-रुपी एक प्रीपेड ई-वाउचर है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने विकसित किया है।

बिना डेबिट, क्रेडिट कार्ड के उपयोग कर सकते हैं

इसे बिना किसी डेबिट, क्रेडिट कार्ड या फिर मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के किसी खास सेंटर पर आप भुना सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिस काम के लिए यह रकम दी जाएगी, उसी काम के लिए उपयोग होगी। यानी अगर सरकार आपको पढ़ाई के लिए इसके जरिए पैसा दे रही है तो आप सीधे स्कूल या कॉलेज में जाकर इसके जरिए रकम दे सकते हैं।

कोई भी बैंक जारी कर सकता है

इसे कोई भी बैंक जारी कर सकता है। जिसे पैसा मिलेगा, उसकी पहचान मोबाइल फोन के जरिए की जाएगी। यह जिसके नाम पर होगा, वही इसे भुना सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ने 1,600 अस्पतालों के साथ करार किया है जहां इसका फायदा लिया जा सकता है।

इससे होंगे ये 9 फायदे

  1. ये एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है।
  2. ये सेवा देने और लेने वालों को सीधे तौर पर जोड़ता है।
  3. इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों को मिलेगा। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
  4. यह एक QR कोड या SMS स्ट्रिंग-बेस्ड ई-वाउचर है, जिसे सीधे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है।
  5. इस वन टाइम पेमेंट सर्विस में यूजर्स बिना कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के बावजूद वाउचर को रिडीम कर सकेंगे।
  6. e-RUPI के जरिए सरकारी योजनाओं से जुड़े विभाग या संस्थान बिना फिजिकल कॉन्टैक्ट के सीधे तौर पर लाभार्थियों और सर्विस प्रोवाइडर से जुड़े रहेंगे।
  7. इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाए।
  8. प्रीपेड होने की वजह से यह किसी भी मध्यस्थ को शामिल किए बिना सर्विस प्रोवाइडर को समय पर भुगतान करता है।
  9. इन डिजिटल वाउचर का उपयोग प्राइवेट सेक्टर में अपने इम्प्लॉई वेलफेयर और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के लिए भी किया जा सकता है।

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