7 मिनट पहलेलेखक: शलभ आनंद बाजपेयी
- कॉपी लिंक
आस्ट्रेलिया में इस साल के अंत में टी-20 विश्वकप खेला जाना है। भारत इस फॉर्मेट का पहला विजेता बना था, लेकिन उसके बाद से टीम के हाथ सिर्फ़ मायूसी लगी। ऐसे में 2022 टी-20 के लिए भारतीय टीम ने अभी से तैयारी शुरु कर दी है। जिसकी एक बानगी भारत और श्रीलंका के बीच लखनऊ में खेले गए मुक़ाबले में देखने को मिली। दरअसल, इस मुकाबले के लिए टीम में कई बदलाव किए गए। वहीं, स्पिन आलराउंडर दीपक हुड्डा ने अपना डेब्यू भी किया।
सलामी बल्लेबाजी का नया प्रयोग…
चाहे 2007 की टी-20 विश्वकप हो या 2011 का विश्व कप भारतीय टीम को चैंपियन बनाने में सलामी बल्लेबाजों का भूमिका अहम रही है। टी-20 विश्वकप में जहां बाएँ हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर और दाएँ हाथ के बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने यह भूमिका निभाई थी। तो वहीं 2011 विश्वकप मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की विश्व प्रसिद्ध जोड़ी ने टीम इंडिया को अजेय बनाया था। इसके बाद के चैंपियंस ट्रॉफी 2014 में भी कप्तान रोहित शर्मा व शिखर धवन की जोड़ी ने टीम को चैंपियन बनाया था। दरअसल, 2011 विश्व कप को छोड़ दे तो दोनों विपरीत हाथों के बल्लेबाज ने ही टीम की नैया पार लगाई है। ऐसे में अब कप्तान रोहित शर्मा बाएँ हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन के साथ टी-20 विश्व कप में जाना चाह रहे हैं। ईशान ने भी लखनऊ में ताबड़तोड़ हाफ़ सेंचुरी जड़कर अपनी दावेदारी को और मजबूत किया है।
नंबर तीन के लिए अय्यर भी बेहतर विकल्प…
पूर्व कप्तान विराट कोहली इस सीरीज में उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में नंबर तीन को लेकर काफी चिंताजनक स्थिति थी। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टी-20 में ही कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें मौका दिया था। लेकिन वह उतने खरे साबित नहीं हुए थे और 25 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए थे। लेकिन लखनऊ में खेले गए मुकाबले में उन्होंने 28 गेंदों में ताबड़तोड़ 57 रन जड़कर नंबर तीन के लिए बेहतर विकल्प पेश किया है। हालाँकि पूर्व कप्तान विराट कोहली की उपलब्धता के बाद उन्हें नंबर चार पर भी बल्लेबाजी कराया जा सकता है। जो लंबे समय से टीम इंडिया के जूझते मिडिल आर्डर को सहारा देगा।
ज्यादा गेंदबाजी विकल्प के साथ जाना चाहेगी टीम इंडिया…
टीम इंडिया को पिछले दो टी-20 विश्व कप में मिली हार की वजह गेंदबाजी के ज्यादा विकल्प न होना या यूं कहे कि टीम में आलराउंडरों की कमी होना सामने आई थी। जिसे देखते हुए चयनकर्ता लगातार तेज व स्पिन गेंदबाज व आलराउंडरों की तलाश में जुटे है। अब इस सूची में दीपक हुड्डा का नाम जुड़ गया है। वहीं हार्दिक पांड्या के लंबे समय से चोटिल होने के चलते वेंकटेश अय्यर ने भी शानदार गेंदबाजी कर अपनी दावेदारी पेश की है। दरअसल टी-20 में एक गेंदबाज को मात्र 24 गेंद ही फेंकनी होती है। ऐसे में आलराउंडरों के चलते टीम की बल्लेबाजी लंबी हो जाती है और गेंदबाजी के भी कई विकल्प मौजूद रहते हैं।
इंजरी के बाद लय में नजर आए जडेजा…
इंजरी के बाद श्रीलंका दौर से वापसी कर रहे रवींद्र जडेजा पूरी लय में नजर आए। पॉकेट साइज डायनेमो ईशान किशन के आउट होते बल्लेबाजी करने उतरे जडेजा बल्ले से तो कमाल नहीं दिखा सके। हालांकि उन्होंने मात्र चार गेंदों का ही सामना किया। लेकिन गेंदबाजी में आते ही उन्होंने पहली ही गेंद में श्रीलंकाई विकेटकीपर चंदीमल को चलता कर दिया। इसके अलावा फ़ील्ड में उन्होंने क़रीब आठ से दस रन बचाए। जडेजा का फिट होना व पहले ही मैच से लय में आना टीम इंडिया के लिए शुभ संकेत हैं। आगामी टी-20 विश्वकप में वह भारत के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.