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लगातार सातवें महीने 1 लाख करोड़ के पार: इस महीने GST कलेक्शन 1.15 से 1.20 लाख करोड़ रह सकता है, मार्च में 1.24 लाख करोड़ था

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मुंबईएक घंटा पहले

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  • ई-वे बिल 4.89 करोड़ पर पहुंच गया है। अनुमान है कि यह आज 5.5 करोड़ तक जा सकता है
  • अप्रैल में ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन किया है। कुछ ने पूरा किया है तो कुछ ने आंशिक किया है

कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद लगातार सातवें महीने वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार रह सकता है। इस महीने में 1.15 से 1.20 लाख करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। अक्टूबर 2020 से अब तक हर महीने 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का GST कलेक्शन हो रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद कलेक्शन बना रहेगा

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं। इसलिए GST पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। मार्च में अब तक का पिछले साढ़े तीन सालों में सबसे ज्यादा GST कलेक्शन रहा है जो 1.24 लाख करोड़ रुपए रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन किया है। कुछ ने पूरा किया है तो कुछ ने आंशिक किया है।

ई-वे बिल 4.89 करोड़ तक पहुंचा

आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के बावजूद 25 अप्रैल तक पूरे देश में ई-वे बिल 4.89 करोड़ पर पहुंच गया है। अनुमान है कि यह आज 5.5 करोड़ तक जा सकता है। रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल 2021 में मनरेगा में काम करने वालों की संख्या में 92 पर्सेंट का इजाफा हुआ है। कुल 2.57 करोड़ घरों ने काम किया है। 2013 के बाद यह किसी भी अप्रैल महीने में अब तक सबसे ज्यादा रहा है। अप्रैल 2020 में यह संख्या 1.34 करोड़ थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शहरों से प्रवासी मजदूर गांवों की ओर जा रहे हैं।

कलेक्शन में उछाल आने के कई कारण हैं

रिपोर्ट कहती है कि GST कलेक्शन में उछाल आने का कारण यह है कि फर्जी बिलों की बारीकी से निगरानी, डाटा का गहराई से विश्लेषण, ढेर सारे सोर्स से डाटा का उपयोग जिसमें GST, आईटी और कस्टम आईटी सिस्टम शामिल हैं। GST कलेक्शन में महाराष्ट्र पहले नंबर पर और गुजरात दूसरे नंबर पर है। GST कलेक्शन में केंद्र सरकार का हिस्सा, राज्य सरकार का हिस्सा होता है।

मार्च 2020 से घटने लगा था कलेक्शन

कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन से मार्च से GST कलेक्शन घटने लगा था। उस महीने कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से कम होकर 97 हजार 597 करोड़ रुपए रह गया था। अप्रैल में तो यह सिर्फ 32 हजार 172 करोड़ रुपए रह गया जो अब तक का सबसे कम है। हालांकि मई से इसमें लगातार सुधार हो रहा है। देश की GDP विकास दर अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में 0.4% रही है। जबकि इस साल यह 10-11% के बीच रहने का अनुमान है।

इकोनॉमी में तेजी आ रही है

ब्रोकिंग फर्म केआर चौकसी के एमडी देवेन चौकसी कहते हैं कि इकोनॉमी तेज हो रही है और आगे मजबूत रहेगी। स्थिति सुधरती है तो इसका असर टैक्स कलेक्शन पर दिखेगा। कारोबार ज्यादा होगा तो टैक्स ज्यादा आएगा। उनका कहना है कि सब कुछ डिजिटल होने से टैक्स की चोरी कम हुई है। बीते दो महीनों में GST कलेक्शन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना का यह भी एक कारण है।

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