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- Paralympic Table Tennis Pair Mukesh And Poonam Qualified Last Year And Were Practicing For Months, But Poonam Suffered A Knee Fracture While Playing,so Both Won’t Be Able To Participate In Tournament.
चंडीगढ़एक दिन पहलेलेखक: आरती एम अग्निहोत्री
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पैरा एथलीट मुकेश कुमार और उनकी पत्नी पूनम।
चंडीगढ़ के पैरालिंपिक टेबल टेनिस प्लेयर्स मुकेश कुमार और पूनम का टोक्यो में फाइट करने का सपना टूट गया है। वजह इस जोड़ी में से एक पूनम के घुटने में फ्रैक्चर आ जाना है। इसके बाद से दोनों खिलाड़ी थोड़े निराश हैं, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी है। इनका कहना है कि जिंदगी में और भी टूर्नामेंट आएंगे। इस बार नहीं तो अगली बार सही।
दरअसल, मुकेश कुमार और उनकी पत्नी पूनम ने 24 अगस्त से 5 सितंबर तक होने वाले टोक्यो पैरालिंपिक्स के लिए पिछले साल ही क्वालिफाई कर लिया था। काफी दिन से वे तैयारी कर रहे थे। दोनों सुबह-शाम सेक्टर-23 के टेबल टेनिस हॉल में घंटों प्रैक्टिस भी करते थे। एकाग्रता के लिए देर शाम सेक्टर 19 स्थित योग केंद्र में योग भी कर रहे थे। डाइट पर भी काम कर रहे थे, लेकिन प्रैक्टिस के दौरान ही पूनम को चोट लग गई। इसी के चलते अब यह जोड़ी टोक्यो पैरालिंपिक्स में नहीं जा पाएगी।
हालांकि मुकेश तो इस लेवल के टूर्नामेंट खेल चुके हैं, पर पूनम काे पहली बार शामिल होना था। इस बात से दोनों ही निराश हैं। अब कहते हैं कि भविष्य में और भी टूर्नामेंट आगे आएंगे। इस बार नहीं तो अगली बार सही। अब से पहले भी ये कई नेशनल और इंटरनेशनल मेडल्स भी जीत चुके हैं। पूनम ने बताया कि प्रैक्टिस के दौरान शॉट लगाते हुए भार पड़ने से उनका बायां पैर मुड़ गया, जिससे वह गिर गईं। अस्पताल में चेक कराया और X-RAY में घुटने में फ्रैक्चर आया। अब 3 हफ्ते के लिए उनके पैर में प्लास्टर लग गया है। दो हफ्ते बाद सोमवार को फिर से चेकअप करवाया तो एक अंगुली में और फ्रैक्चर आया है। अब दोबारा प्लास्टर लगा है।
वहीं मुकेश ने बताया कि जिस दौरान पूनम घायल हुईं, उसी दौरान दिल्ली में उन्हें पेपर्स जमा करवाने थे, पर वह पूनम के साथ अस्पताल में थे। पैरालिंपिक में हिस्सा लेने के लिए उनके पास किट भी आ गई थी, जिसमें खेलने वाली टी-शर्ट भी शामिल है, पर वे अब इस टी-शर्ट का क्या करें।
बच्चे की जान बचाते हुए खराब हुआ था मुकेश का पैर, पूनम को बचपन से था पोलियो
मुकेश पहले सामान्य वर्ग में टेबल टेनिस प्लेयर थे। एक नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, इतने में एक बच्चा अचानक रेलवे ट्रैक पर आ गया। मुकेश ने ट्रैक पर पहुंच कर बच्चे की जान तो बचा ली, लेकिन ट्रेन की चपेट में आने से अपना पैर खराब कर बैठे। वहीं, उनकी पत्नी को बचपन में पोलियो था। दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और टेबल टेनिस में पूरी ताकत लगा दी। आज नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर मेडल बटोर रहे हैं।
मुकेश के 59 पदक
मुकेश इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में खेलते हुए कई पदक जीतने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने नेशनल में 14 स्वर्ण, 8 रजत और 7 कांस्य पदक जीते हैं। इसके साथ ही इंटरनेशनल स्तर पर भी मुकेश 6 स्वर्ण, 10 रजत और 14 कांस्य जीत चुके हैं।
इनके अलावा मुकेश को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा देश का सबसे बड़ा बहादुरी का जीवन रक्षा पदक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नेशनल अवॉर्ड, पंजाब के राज्यपाल ओपी वर्मा की ओर से रेड एंड व्हाइट बहादुरी पुरस्कार, हरियाणा सरकार की तरफ से स्टेट अवॉर्ड, हरियाणा सरकार की तरफ से पर्यावरण रक्षक अवॉर्ड और हरियाणा सरकार की तरफ से विवेकानंद अवॉर्ड भी मिल चुका है।
ये हैं पूनम के रिकॉर्ड
पूनम ने इंटरनेशनल लेवल पर 9 स्वर्ण और नेशनल लेवल पर 14 स्वर्ण और 15 रजत व कांस्य मेडल अपने नाम किए हैं। 2014 में साउथ कोरिया में हुए एशियन गेम्स में चौथे स्थान पर रही हैं।
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