अमृतसर8 घंटे पहले
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![भारतीय हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर की फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/04/q7xzqm0rk4yabnvz3ok8_1628053105.jpg)
भारतीय हॉकी खिलाड़ी गुरजीत कौर की फाइल फोटो।
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम बुधवार को सेमीफाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना के खिलाफ मैदान में उतरी। दोपहर 3:30 बजे मैच शुरू होने के दूसरे ही मिनट में पंजाब के अमृतसर जिले की रहने वाली गुरजीत कौर ने विरोधी टीम पर गोल दागकर सबको रोमांचित कर दिया। अंत तक चले कड़े मुकाबले के बाद बेशक अर्जेंटीना टीम 3-1 से जीत गई लेकिन भारतीय टीम ने अपने खेल से सबको प्रभावित किया। गुरजीत कौर का परिवार टीम के फाइनल में न पहुंचने से थोड़ा मायूस जरूर हो गया मगर उसे अभी भी उम्मीद है कि भारतीय महिला टीम अभी भी ग्रेट ब्रिटेन को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जरूर जीतेगी।
![गुरजीत कौर के पिता सतनाम सिंह।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/04/04821asr01_1628085533.jpg)
गुरजीत कौर के पिता सतनाम सिंह।
गुरजीत कौर के माता-पिता और बाकी परिवार अमृतसर के अजनाला में रहता है। टीवी पर सेमीफाइनल मुकाबला देख रहे गुरजीत कौर के पिता सतनाम सिंह ने कहा कि भारतीय हॉकी टीम ओलिंपिक में 41 साल बाद सेमीफाइनल तक पहुंची है। हमें पॉजिटिव सोचना चाहिए। भारतीय लड़कियां वीरवार को तगड़ी होकर ब्रॉन्ज मेडल के लिए मैदान में उतरेगी और उसे जरूर जीतेंगी।
![गुरजीत कौर चचेरा भाई गुरचरण सिंह।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/04/04821asr02_1628085549.jpg)
गुरजीत कौर चचेरा भाई गुरचरण सिंह।
गुरजीत कौर के चचेरे भाई गुरचरण सिंह ने कहा कि हर टीम जीतने के लिए खेलती है। मुकाबले में एक टीम जीतती है तो दूसरी हारती है। हालांकि भारतीय टीम के पास अभी भी जीतने का एक मौका है। उन्हें पूरा यकीन है कि ग्रेट ब्रिटेन के साथ होने वाले मुकाबले में उनकी बहन की ड्रैग फ्लिक ट्रिक का जलवा जरूर देखने को मिलेगा।
गुरचरण सिंह ने कहा कि उन्हें गुरजीत कौर का भाई होने पर फख्र है। यह लगातार दूसरा मैच रहा जिसमें उनकी बहन ने शुरुआती गोल करके टीम को बढ़त दिला दी थी। उसके बाद टीम कोई गोल नहीं कर पाई, इसका अफसोस करने की जगह यह देखना चाहिए कि भारतीय महिला हॉकी टीम 41 साल बाद ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। अभी ब्रॉन्ज मेडल के विनर का फैसला होना बाकी है।
![घर पर टीवी स्क्रीन पर नजर गड़ाए परिवार और गांव के लोग।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/04/04821asr03_1628088847.jpg)
घर पर टीवी स्क्रीन पर नजर गड़ाए परिवार और गांव के लोग।
इससे पहले गुरजीत कौर और पूरी महिला हॉकी टीम की जीत के लिए उनके घर में अरदास चल रही थी। मां हरजिंदर कौर सुबह से ही अरदास करने बैठी थीं। हरजिंदर कौर ने कहा कि पूरी हॉकी टीम की लड़कियां उनकी बेटियां हैं। वह कामना करती हैं कि टीम जितना अच्छा आज खेलीं, कल इससे भी अच्छा खेलेंगी और ब्रॉन्ज मेडल पक्का करेंगी।
गुरजीत कौर की बहन प्रदीप कौर भी नेशनल प्लेयर रह चुकी हैं और इस समय पंजाब टीम की कोच हैं। दोनों बहनें बचपन से कैरों स्थित स्कूल से साथ हॉकी खेलती रही हैं। प्रदीप कौर ने कहा कि उनकी क्वार्टर फाइनल के बाद से ही गुरजीत से बात नहीं हो पाई है मगर आज पंजाब ही नहीं, पूरी दुनिया गुरजीत की ड्रैग फ्लिक की दीवानी हो चुकी है।
2012 के बाद अच्छी ड्रैग फ्लिकर बनने के लिए की मेहनत
गुरजीत कौर के करियर में सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट ड्रैग फ्लिक था। इस तकनीक की वजह से ही उन्हें टीम में अलग पहचान मिली। 2012 में जूनियर नेशनल कैंप में जुड़ने से पहले गुरजीत ड्रैग फ्लिकिंग में बहुत माहिर नहीं थी, मगर उसके बाद अच्छी ड्रैग फ्लिकर बनने के लिए उसने कोच के साथ मिलकर बहुत मेहनत की। इसका नतीजा ओलिंपिक के मुकाबलों में देखने को भी मिला।
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