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- Rs 12.55 To Rs 106.05: Kilburn Engineering Stock Turned Into A Multibagger In Three Years
मुंबई16 घंटे पहले
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किलबर्न इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयरों ने पिछले कुछ सालों में अपने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। BSE लिस्टेड इस स्मॉल-कैप मल्टीबैगर स्टॉक का प्राइस पिछले 3 साल में ₹12.55 से बढ़कर ₹100 के पार पहुंच गया है। यानी लगभग 3 साल में इस कंपनी ने अपने इन्वेस्टर्स को 745% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। शुक्रवार को इसका शेयर 0.40 रुपए यानी 0.38% बढ़कर 106.05 रुपए पर बंद हुआ।
किलबर्न इंजीनियरिंग लिमिटेड का शेयर शुक्रवार को 106 रुपए पर बंद हुआ।
₹1 लाख का बना ₹8 लाख
वहीं इस कंपनी के शेयर ने पिछले 20 साल में अपने निवेशकों के इन्वेस्टमेंट को करीब 85 गुना तक बढ़ा दिया है। अगर आपने 3 साल पहले किलबर्न इंजीनियरिंग के 1 लाख रुपए के शेयर खरीदे होते, तो आज आपका इन्वेस्टमेंट बढ़कर 8.45 लाख रुपए से ज्यादा का हो जाता।
एक साल में 150% रिटर्न दिया
वहीं बीते एक साल में इस शेयर ने निवेशकों को करीब 150% का रिटर्न दिया है। इस स्टॉक ने बीते एक महीने में करीब 13% का ही रिटर्न दिया है। बीते 6 महीने में कंपनी के शेयरों में करीब 50% की तेजी आई।
21 साल में 8450% का रिटर्न
किलबर्न इंजीनियरिंग के शेयर 21 साल पहले BSE पर लिस्ट हुए थे। कंपनी के शेयरों की कीमत उस समय 1.24 रुपए थी। पिछले 21 सालों में इस कंपनी के शेयर ने अपने निवेशकों को करीब 8450% का शानदार रिटर्न दिया है।
यानी तब इसमें 1 लाख रुपए इन्वेस्ट किए होते तो आज उसकी वैल्यू बढ़कर 85 लाख रुपए हो जाती। किलबर्न इंजीनियरिंग का मार्केट कैपिटलाइजेशन 385.58 करोड़ रुपए का है। यह कंपनी इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स बनाने का काम करती है।
रिस्की है छोटी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश
- छोटी कंपनियों के बारे में पता लगाना और जानकारियां इक्ट्ठा करना बहुत मुश्किल होता है और बिना किसी जानकारी के ऐसे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना रिस्की होता है। ऐसे सटॉक्स की लिक्वीडिटी भी कम होती है। यानी, बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयर सीमित होते हैं। कम मार्केट कैपिटलाइजेशन और कम लिक्वीडिटी के कारण इसकी कीमत में हेरफेर आसान होता है।
- इंवेस्टर्स कई बार फर्जीवाड़े का शिकार हो जाते हैं। ऑपरेटर कम दाम में एक साथ ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं, जिसके चलते शेयर के दाम बढ़ने लगते हैं। शेयर के दाम बढ़ते देख रिटेल निवेशक इसमें एंट्री करते हैं। दाम ज्यादा बढ़ने के बाद ऑपरेटर शेयर बेच देते हैं। इससे शेयर के दाम गिरने लगते हैं। लोअर सर्किट के कारण इसमें फंसे रिटेल निवेशक शेयरों को बेच नहीं पाते। इसे पंप एंड डंप स्कीम कहते हैं।
स्टॉक खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- कंपनी के बारे में रिसर्च- किसी भी कंपनी के स्टॉक्स खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च करें। कंपनी के फ्यूचर ग्रोथ, प्रोडक्ट, परफॉरमेंस और बैकग्राउंड को जानने के बाद ही स्टॉक्स खरीदें।
- ज्यादा दिनों के लिए शेयर न रखें- ऐसे स्टॉक्स में ज्यादा दिनों के लिए इन्वेस्ट न करें। इनके शेयर का दाम तेजी से बढ़ता है, उतना ही तेजी से गिरता भी है। इसलिए शेयर खरीद कर भूल न जाएं, अच्छे रिटर्न मिलने पर शेयर बेच दें।
- किसी पर विश्वास न करें- आज इंटरनेट पर ज्ञान की कमी नहीं है। किसी पर आंख बंद कर विश्वास न करें। जांचने और समझने के बाद ही इन्वेस्ट करें।
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