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- Behind The Historic Victory, Two And A Half Years Of Hard Work Of The Players, Where This Moment Is A Proud Moment For Every Countryman; Will Talk To CM To Increase Facilities In Rajasthan
उदयपुरएक घंटा पहले
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ज्ञानेंद्रो निगोंबम, हॉकी इंडिया प्रेजिडेंट
भारतीय हॉकी टीम के इतिहास रचने पर देशभर में खुशी का माहौल है। पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल पाया है। हॉकी इंडिया के प्रेजिडेंट ज्ञानेंद्रो निगोंबम ने भी ऐतिहासिक मुवमेंट की देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया की बड़ी जीत के पीछे मुख्यतया खिलाड़ियों का जी-तोड़ प्रेक्टिस और समर्पण है।
ज्ञानेन्द्रों ने कहा कि उम्मीद है भारतीय महिला टीम भी मैच जीतकर लाकर भारत का नाम बढ़ाएगी। उदयपुर के एमएलएसयू में हॉकी संघ की ओर आयोजित सम्मान समारोह में आये ज्ञानेंद्रो निगोंबम के साथ दैनिक भास्कर की खास बातचीत।
सवाल : 41 बरस बाद भारत की हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मैडल मिला है, इस पल को आप कैसे देखते है।
जवाब – मेरे लिए ही नही, बल्कि हर देशवासी के लिए यह पल गौरवान्वित करने वाला है। ढाई साल की कड़ी मेहनत के बाद इंडिया के खिलाड़ियों ने बेहतर परफॉर्म किया है। उम्मीद है कि अब भारतीय महिला टीम भी अपने परफॉमेंस से मेडल जीत कर देश का नाम ऊंचा करेगी।
सवाल – जीत के बाद भले जश्न मनाया जा रहा है, जबकि प्रेक्टिस के वक्त उन्हें पर्याप्त संसाधन, गाइडेंस और दूसरी सुविधाएं क्यों नही मिलती।
जवाब – ऐसे हालातो में बिल्कुल सुधार होना चाइये। मगर हमारे खिलाडियों ने गोल्ड मैडल के लिए पूरे प्रयास किये, मगर ब्रॉन्ज तो हमारे नाम हुआ ही।
सवाल – सरकार या जिम्मेदार विभाग की तरफ क्या सहयोग मिला।
जवाब – हमारे खिलाड़ियों को सरकार का पूरा सहयोग मिला। हमे आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नही आई। खिलाड़ी लगातार अभ्यास से आगे बढ़ते रहे।
सवाल – अन्य खेलों के मुक़ाबले में हॉकी को कैसे और कितना बढ़ावा मिलना चाहिए।
जवाब – आगे के प्लान पर अभी बहुत कुछ कहा नही जा सकता। हां मगर इस ओलंपिक के बाद अब खिलाड़ियों के कोचिंग, डायट सहित कई तरीकों में बदलाव देखने को मिलेंगे।
सवाल – देश के कई राज्यो या क्षेत्रो में आज भी हॉकी के खिलाड़ी नही है, उन्हें कैसे आगे लाया जा सकता है।
जवाब – सभी राज्यो को बराबर लाने के लिए हॉकी के स्टेटस के लिए प्लान बनाया गया है। जल्द ही उसे पूरी तरह इम्प्लीमेंट करेगे, ताकि सभी को समान रूप से प्रतिनिधित्व मिले।
सवाल – राजस्थान में कैसे हॉकी के खिलाड़ियों के उभरने की संभावनाओं को देखा जा सकता।
जवाब – राजस्थान में हॉकी के खेल में बहुत पोटेंशियल है।अच्छे खिलाडियों को तैयार कर आगे ले जाएंगे। 4-5 जिलो से काफी अच्छे खिलाड़ी भी सामने आ चुके है, यदि एक बार किसी क्षेत्र से कोई खिलाड़ी इंटरनेशनल खेल लेगा तो उस क्षेत्र से ओर भी खिलाड़ी सामने आ जायेंगे।
सवाल – देश के दूसरे राज्यो के मुकाबले राजस्थान में सुविधाएं कैसी है।
जवाब – अभी भी हमे राजस्थान सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है। अगली बार हम हॉकी के खिलाडियों के सुविधाओ पर राजस्थान के मुख्यमंत्री से मिलकर ज्यादा से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर डवलप करने की मांग करेंगे।
(सतीश शर्मा)
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