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स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग का माइलस्टोन: देश में स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट 83% बढ़ा, सैमसंग और आईफोन आगे रहे

नई दिल्लीएक घंटा पहले

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चीन और वियतनाम दुनियाभर में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचने वाले माने जाते हैं। इन्हें ही मैन्युफैक्चरिंग का हब माना जाता है लेकिन यह स्थिति अब बदलती हुई दिख रही है। दरअसल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट करने के मामले में भारत ने लंबी छलांग लगाई है।

इस फाइनेंशियल ईयर के दौरान देश से स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट 83% की उछाल के साथ इस साल यह आंकड़ा 5.6 अरब डॉलर यानी 42,000 करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। जबकि पिछले साल देश से 23,000 करोड़ रुपए के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए गए थे।

इसके पीछे की वजह सरकार की प्रॉडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) स्कीम बताई जा रही है। भारत में बने स्मार्टफोन दुनिया के कई विकसित देशों को एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं।

PLI का सबसे ज्यादा फायदा एपल और सैमसंग को
इस स्कीम का सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एपल और दक्षिण कोरिया की सैमसंग को हुआ है। इसके साथ ही चीन और वियतनाम के साथ भारत भी दुनिया में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हब बनकर उभरा है। चार साल पहले यानी 2017-18 में देश से स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट महज 1,300 करोड़ रुपए का था। 2018-19 में यह बढ़कर 11,200 करोड़ रुपए पहुंचा और फिर 2019-2020 में 27,200 करोड़ रुपए हो गया।

एपल का एक्सपोर्ट 12,000 करोड़ रुपए का होगा
भारत से एक्सपोर्ट होने वाले स्मार्टफोन में एपल और सैमसंग की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। माना जा रहा है कि एपल का एक्सपोर्ट बढ़कर 12,000 करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। इनमें आईफोन SE, आईफोन 11 और आईफोन 12 जैसे मॉडल्स का अहम योगदान है। इसी तरह सैमसंग का एक्सपोर्ट भी बढ़कर 20,000 करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है।

प्रोडक्शन और सप्लाई देश से स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट पर असर पड़ा
कोरोना महामारी की वजह से प्रोडक्शन और सप्लाई से जुड़ी मुश्किलें के कारण देश से स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ था। वित्त वर्ष 2020-21 में यह 23,000 करोड़ रुपए रहा था। इलेक्ट्रॉनिक मार्केट इस समय कई तरह की मुश्किलों से जूझ रहा है। इनमें सेमीकंडक्टर चिप की कमी शामिल है। साथ ही लॉकडाउन और दूसरी कई तरह की पाबंदियों के कारण भी मार्केट प्रभावित हुआ है। ऐसी स्थिति में भारत से स्मार्टफोन के एक्सपोर्ट में तेजी को एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।

स्मार्टफोन के कई अहम कंपोनेंट्स की सप्लाई चीन से होती है लेकिन भारत और चीन के संबंध हाल में अच्छे नहीं रहे हैं। यही वजह है कि चीन से कई कंपोनेंट्स की सप्लाई बंद है या बहुत धीमी है। इंडस्ट्री से जुड़ी संस्था इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के चेयमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि कोरोना की तीन लहरों, वर्कफोर्स में कमी, लॉकडाउन और सप्लाई चेन में सबसे खराब संकट के बावजूद स्मार्टफोन के एक्सपोर्ट में शानदार तेजी दिख रही है।

दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मिडल ईस्ट में एक्सपोर्ट हो रहे फोन
आईसीईए ने कहा कि पहले भारत से दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मिडल ईस्ट और ईस्टर्न यूरोप को स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट होता था लेकिन अब भारत के स्मार्टफोन दुनिया के कई विकसित देशों को भेजे जा रहे हैं। महिंद्रू ने कहा कि कंपनियां अब यूरोप और एशिया के सबसे कंप्टीटिव और एडवांस्ड मार्केट्स को टारगेट कर रहे हैं। इन मार्केट्स में सबसे हाई क्वालिटी की डिमांड है और भारत में स्थित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स इस पर खरा उतर रही हैं।

क्या है PLI स्कीम?
इसके तहत केंद्र सरकार एक्स्ट्रा प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है और कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट करने की अनुमति देगा। PLI स्कीम का टारगेट कंप्टीटिव माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।

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