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नई दिल्ली2 मिनट पहले
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सुशील कुमार के नरसिंह यादव (बीच में) का विवाद काफी चर्चित रहा था। वहीं, खास रहे जीतेंद्र (दाएं) ने भी सुशील का साथ छोड़ा।
छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सुशील कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है। सुशील से विवाद की वजह से ही ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त और वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले बजरंग पूनिया समेत कई कोच छत्रसाल स्टेडियम छोड़कर चले गए।
नरसिंह यादव और सुशील विवाद सबसे चर्चित कुश्ती विवाद बना। इतना ही नहीं, 2018 में नेशनल ट्रायल्स के दौरान पहलवान प्रवीण राणा और उसके भाई के साथ मारपीट के आरोप में भी सुशील पर केस दर्ज हुआ था। हम आपको सुशील के साथ जुड़ी तमाम विवादों के बार में बता रहे हैं….
1. सुशील पर नरसिंह यादव को डोपिंग में फंसाने का आरोप
सुशील कुमार VS नरसिंह यादव।
2016 रियो ओलिंपिक के लिए 74 किलो वेट में नरसिंह यादव और 2 बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार दावेदार थे। सुशील ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स के ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाए। इसके बाद नरसिंह को ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स इवेंट के लिए भेजा गया। नरसिंह ने अपनी प्रतिभा से कोटा हासिल भी कर लिया।
नेशनल रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NRFI) के नियमों के मुताबिक, जो खिलाड़ी जिस वेट में कैटगिरी में कोटा हासिल करता है, वही ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधत्व करता है। सुशील चाहते थे कि वे दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट हैं, इसलिए उन्हें जाने का मौका दिया जाना चाहिए। वे फिर से ट्रायल कराने को लेकर कोर्ट भी गए, जहां याचिका खारिज कर दी गई।
इसके बाद नरसिंह ने सोनीपत में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) में ट्रेनिंग शुरू कर दी। ओलिंपिक से 10 दिन पहले नरसिंह की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से डोपिंग के लिए भेजा गया सैंपल पॉजिटिव आता है। हालांकि, NADA ने उन्हें क्लीन चिट दे दी, लेकिन वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA ) ने न सिर्फ ओलिंपिक में उन्हें भाग लेने से रोक दिया, बल्कि 4 साल के लिए बैन भी कर दिया।
ये तस्वीर लंदन ओलिंपिक से पहले की है।
इस मामले में नरसिंह भी खुलकर सामने आए और उन्होंने सुशील पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सुशील के इशारे पर उन्हें डोपिंग में फंसाया गया। उनका आरोप था कि सोनीपत में ट्रेनिंग के दौरान सुशील के इशारे पर ही उनके खाने में कुछ मिलाया गया।
इस मामले में प्रधानमंत्री के पहल पर मामले के लिए जांच कमिटी भी गठित की गई थी। वहीं, नरसिंह को डोप में फंसाने के बाद भी सुशील ओलिंपिक में नहीं जा सके थे। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने नरसिंह की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को कोटा देने से इंकार कर दिया था।
2. पहलवान प्रवीण कुमार के साथ मारपीट के आरोप
सुशील का नाम साल 2018 में रेसलर प्रवीण राणा के साथ मारपीट के मामले में भी आया था। दरअसल 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में ट्रायल आयोजित की गई थी। इस ट्रायल में सुशील का मुकाबला उभरते रेसलर प्रवीण राणा के साथ था।
सुशील के समर्थकों ने प्रवीण और उनके भाई के साथ मारपीट की थी। प्रवीण और उनके भाई ने आरोप लगाए थे कि सुशील के इशारे पर ही मारपीट की गई थी। इस मामले में केस भी दर्ज हुआ था।
3. ओलिंपिक में मेडल जीत चुके योगेश्वर से भी विवाद
लंदन ओलिंपिक से पहले योगेश्वर दत्त और सुशील अच्छे दोस्त हुआ करते थे।
लंदन ओलिंपिक में सुशील के साथ देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले योगेश्वर के साथ भी उनका विवाद सामने आया। योगेश्वर छत्रसाल स्टेडियम में ही ट्रेनिंग करते थे। सुशील के साथ विवाद होने की वजह से उन्होंने लंदन ओलिंपिक के बाद छत्रसाल स्टेडियम छोड़ दिया था। योगेश्वर के अलावा सुशील के खास रहे पहलवान जीतेंद्र कुमार और प्रवीण ने भी छत्रसाल स्टेडियम छोड़ दिया था।
जीतेंद्र और प्रवीण दोनों पहलवान 74 किलो वेट में ही लड़ते थे और सुशील को आदर्श मानते थे। ये दोनों ही पहलवान सार्वजनिक रूप से सुशील का पैर छूते थे। इनके अलावा वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में मेडल जीत चुके पहलवान बजरंग भी विवाद के कारण छत्रसाल स्टेडियम को छोड़कर चले गए थे। पूनिया टोक्यो ओलिंपिक के लिए कोटा हासिल कर चुके हैं।
4. कोच रामफल और वीरेंद्र सिंह ने भी साथ छोड़ दिया
सुशील के खास कोच रह चुके वीरेंद्र सिंह भी छत्रसाल स्टेडियम छोड़कर चले गए।
सुशील का विवाद न केवल खिलाड़ियों के साथ रहा है, बल्कि उनके व्यवहार से तंग आकर कई कोच भी छत्रसाल स्टेडियम को छोड़कर चले गए। लंदन ओलिंपिक के बाद कोच रामफल छत्रसाल स्टेडियम छोड़कर चले गए थे। वहीं, 6 महीने पहले सुशील के खास माने जाने वाले कोच वीरेंद्र सिंह भी किसी विवाद की वजह से सुशील से दूरी बना ली। वह दिल्ली और हरियाणा बॉर्डर से सटे एक गांव में अपनी अकेडमी चला रहे हैं।
5. UP के नामी बदमाश सुंदर भाटी के साथ भी जुड़ा था नाम
सुशील का नाम उत्तर प्रदेश के नामी बदमाश सुंदर भाटी के साथ भी जुड़ा था। सुशील ने दिल्ली और गाजियाबाद के बॉर्डर पर टोल टैक्स वसूलने का ठेका दिल्ली नगर निगम से लिया था। सुशील पर आरोप था कि उन्होंने यहां पर टोल वसूलने का जिम्मा गैंगस्टर सुंदर भाटी को सौंपा है।
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