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सिलेंडर डिलीवर करते थे रिंकू सिंह: 5 साल में 10 ही IPL मैच मिले; अब लगातार 5 छक्के लगाकर KKR को जिताया

स्पोर्ट्स डेस्क43 मिनट पहले

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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) वैसे तो विदेशी क्रिकेटर्स को मालामाल कर देती है। लेकिन इसी लीग में कई अनसुने घरेलू क्रिकेटर्स भी अपनी छाप छोड़ जाते हैं। यूपी से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले 25 साल के रिंकू सिंह ने भी रविवार शाम को कुछ ऐसा ही कर दिखाया। कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने आखिरी 5 गेंदों में 5 छक्के लगाकर अपनी टीम को 3 विकेट से रोमांचक जीत दिला दी।

रिंकू से पहले अब तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 लीग या इंटरनेशनल क्रिकेट के 20वें ओवर में 5 लगातार छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाने का कारनामा नहीं किया था। आगे स्टोरी में हम रिंकू के स्ट्रगल की स्टोरी जानेंगे। साथ ही क्रिकेट के आखिरी ओवर में हुए रोमांचक रन चेज के आंकड़ों पर भी नजर डालेंगे। मैच रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

सबसे पहले जानें रिंकू ने आखिरी किया क्या?
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में कोलकाता नाइट राइडर्स और IPL की डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस के बीच मैच खेला गया। होम टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 4 विकेट पर 204 रन बना लिए। जवाब में कोलकाता 19 ओवर में 7 विकेट पर 176 रन बनाए।

आखिरी 6 गेंदों पर KKR को 29 रन की जरूरत। पहली बॉल पर उमेश यादव ने सिंगल लिया। अगली बॉल लेफ्ट आर्म पेसर यश दयाल ने वाइड फुल टॉस फेंकी। 16 गेंद पर 18 रन बनाकर बैटिंग कर रहे रिंकू ने वाइड लॉन्ग ऑफ पर छक्का लगा दिया। दूसरी बॉल लेग स्टंप पर फुल टॉस, स्क्वेयर लेग की दिशा में छक्का। तीसरी बॉल फिर वाइड फुल टॉस, रिंकू ने अब लॉन्ग ऑफ छक्का लगा दिया।

आखिरी 2 बॉल में 10 रन की जरूरत। यश ने ऑफ स्टंप पर शॉर्ट पिच बॉल फेंकी और रिंकू ने इसे लॉन्ग ऑन के ऊपर 6 रनों के लिए भेज दिया। आखिरी गेंद, स्लोअर शॉर्ट बॉल, रिंकू ने बॉल को भांपा और सामने की ओर बैकफुट पर शॉट मारकर डगआउट की तरफ दौड़ पड़े। बॉल साइट स्क्रीन से लगी और KKR 3 विकेट से रोमांचक मुकाबला जीत गई। 21 बॉल में 48 रन की नॉटआउट पारी खेलने वाले रिंकू सिंह प्लेयर ऑफ द मैच बने।

पिता ने बहुत स्ट्रगल किया- रिंकू सिंह
मैच खत्म होने के बाद रिंकू सिंह ने कहा, ‘मैं किसान परिवार से आता हूं और पिता ने बहुत स्ट्रगल किया। मैंने जितने भी शॉट्स ग्राउंड के बाहर लगाए, ये उन्हें ही समर्पित है, जिन्होंने मेरे लिए अब तक बलिदान दिया।’

क्रिकेट में कब-कब हुआ है ऐसा?
इंटरनेशनल क्रिकेट और टेस्ट प्लेइंग नेशंस की फ्रेंचाइजी लीग की बात करें तो आखिरी बॉल पर सिक्स या आखिरी 2 बॉल पर 2 सिक्स लगाने के कारनामे तो कई बार हुए हैं। लेकिन 5 लगातार छक्के मारकर टीम को जीत दिलाने का कारनामा पहली बार ही हुआ।

2016 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में वेस्टइंडीज को इंग्लैंड के खिलाफ 6 बॉल पर 19 रन की जरूरत थी। तब विंडीज के कार्लोस ब्रेथवेट ने बेन स्टोक्स के ओवर की शुरुआती 4 गेंदों पर 4 छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी।

वेस्टइंडीज के कार्लोस ब्रेथवेट टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल के 20वें ओवर में लगातार 4 छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाने का कारनामा कर चुके हैं।

वेस्टइंडीज के कार्लोस ब्रेथवेट टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल के 20वें ओवर में लगातार 4 छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाने का कारनामा कर चुके हैं।

IPL में धोनी का रिकॉर्ड तोड़ा
IPL में महेंद्र सिंह धोनी ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स से खेलते हुए किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 20वें ओवर में 23 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी। उन्होंने अक्षर पटेल के ओवर में ये कारनामा किया था। इस तरह रिंकू ने धोनी का IPL रिकॉर्ड तोड़ा। बिग बैश लीग-2015 में सिडनी सिक्सर के बैटर्स ने भी 20वें ओवर में 23 रन बनाकर अपनी टीम को सिडनी थंडर के खिलाफ जीत दिलाई है।

चेज करते हुए इंग्लिश टी-20 टीम समरसेट ने 20वें ओवर में 34 रन बनाए हैं। लेकिन तब टीम को 57 रन की जरूरत थी, इस कारण ये स्कोर सक्सेसफुल चेज का हिस्सा नहीं है।

IPL के एक ओवर में 5 छक्के
IPL में रिंकू से पहले 3 और बैटर्स भी एक ही ओवर में 5 छक्के लगा चुके हैं। इनमें RCB से क्रिस गेल ने 2013, RR से राहुल तेवतिया ने 2020 और CSK से रवींद्र जडेजा ने 2021 में 6 गेंदों पर 5 छक्के लगाए हैं।

राहुल तेवतिया 2020 में पंजाब किंग्स के खिलाफ लगातार 5 गेंदों में 5 छक्के लगाने का कारनामा कर चुके हैं।

राहुल तेवतिया 2020 में पंजाब किंग्स के खिलाफ लगातार 5 गेंदों में 5 छक्के लगाने का कारनामा कर चुके हैं।

अब जानते हैं अलीगढ़ निवासी रिंकू सिंह के स्ट्रगल की कहानी…

परिवार में 5 भाई
KKR को दिए एक इंटरव्यू में रिंकू ने बताया है कि वह परिवार में 5 भाई हैं। मोहल्ले में 6-7 और लड़के थे, जिनके साथ पैसे मिलाकर गेंद लाते और फिर टेनिस और लेदर बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। यूपी में अलीगढ़ की मॉडर्न स्कूल में पढ़ते हुए स्कूल की टीम से भी क्रिकेट खेला। इंटर स्कूल टूर्नामेंट में लेदर बॉल के पहले मैच में 32 बॉल पर 54 रन की नॉटआउट पारी खेली।

सरकारी स्टेडियम में प्रैक्टिस की
रिंकू बताते हैं, ‘शुरुआत में क्लब क्रिकेट खेलने का पैसा नहीं था तो सरकारी स्टेडियम में कार्ड बनवाकर प्रैक्टिस करते थे। मैच खेलने के लिए पैसे लगते, घरवालों से मांगों तो कहते थे कि पढ़ाई करो। फिर स्कूल का लेक्चर बंक कर सीनियर्स का मैच देखने चला जाता था।’

रिंकू सिंह ने 11-12 साल की उम्र में लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया।

रिंकू सिंह ने 11-12 साल की उम्र में लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया।

बाइक पर सिलेंडर डिलीवर किए
रिंकू बताते हैं कि पापा खेलने के लिए हमेशा मना करते थे, मम्मी थोड़ा सपोर्ट करती थीं। शहर के पास एक टूर्नामेंट हुआ, उसके लिए पैसे चाहिए थे। मम्मी ने दुकान से एक हजार रुपए उधार लेकर दिए।

रिंकू कहते हैं, ‘पापा सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे। हम पांचों भाइयों से भी काम करवाते, जब कोई नहीं मिलता तो डंडे से पीटते थे। हम सारे भाई बाइक पर 2-2 सिलेंडर रखकर होटलों और घरों में डिलीवर करने जाते थे। सभी ने पापा को भी सपोर्ट किया और जहां भी मैच होते तो सारे भाई एक साथ ही खेलने जाते थे।’

मां वीणा देवी के साथ रिंकू सिंह।

मां वीणा देवी के साथ रिंकू सिंह।

झाड़ू-पोछा लगाने की जॉब छोड़ी
KKR को दिए इंटरव्यू में रिंकू ने बताया, ‘क्रिकेट शुरू ही किया था, तब रिश्तेदारों ने बोला कि भाई के साथ जॉब कर ले। मुझे कोचिंग में झाड़ू-पोछा लगाने की जॉब मिली। मैंने मना कर दिया। मैं जानता था, पढ़ाई मुझसे होगी नहीं तो क्रिकेट ही सबकुछ है। वहां से गेम पर ही पूरा फोकस लगाया। क्रिकेट ही एकमात्र ऑप्शन था।’

IPL में सिलेक्ट होने से पहले रिंकू सिंह का पूरा परिवार इस कमरे में रहता था।

IPL में सिलेक्ट होने से पहले रिंकू सिंह का पूरा परिवार इस कमरे में रहता था।

अच्छा खेला तो पैसे कम लगे
रिंकू ने बताया, ‘बचपन में अच्छा खेलने लगे तो दूसरी टीमों में मौका मिलने लगा। पैसे भी नहीं लगते थे, कोच मसूद अमीनी सर ने भी खूब सपोर्ट किया। मोहम्मद जीशान भैया ने क्रिकेट किट दिलाई। 2010-11 में यूपी स्टेट अंडर-16 टीम के ट्रायल्स दिए, लेकिन फर्स्ट राउंड में बाहर हो गए।’

‘2012 में पहली बार अंडर-16 टीम में सिलेक्ट हुए, पहले ही मैच में 154 रन बना दिए। अंडर-19 टीम में सिलेक्ट होने के बाद रणजी ट्रॉफी डेब्यू भी कर लिया। यहां से फिर विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी भी खेलने लगा।’

कोच मसूद अमीनी के साथ रिंकू सिंह।

कोच मसूद अमीनी के साथ रिंकू सिंह।

IPL सिलेक्शन के बाद घरवाले बहुत खुश थे
रिंकू बताते हैं, ‘2018 में कोलकाता ने 80 लाख रुपए में खरीदा। पापा की सैलरी 10-12 हजार रुपए थी, घरवालों को IPL पता तो लगा तो बहुत खुश हुए, बहुत ज्यादा ही खुश हुए। किसी ने कभी इतने ज्यादा पैसे देखे नहीं थे। परिवार के जितने भी छोटे-मोटे कर्ज थे, उन्हें चुकाया और सबसे पहले घर बनवाया।’

इंजरी हुई तो पापा ने खाना बंद कर दिया
रिंकू को 2021 में विजय हजार ट्रॉफी के दौरान घुटने की इंजरी हो गई। ऑपरेशन हुआ और वो 6-7 महीनों के लिए क्रिकेट से दूर हो गए। रिंक बताते हैं, ‘ऑपरेशन के बाद पापा ने 2-3 दिन तक खाना खाना ही बंद कर दिया। मैंने उन्हें समझाया कि क्रिकेट में ये सब चलता रहता है। घर के लिए मैं ही सबकुछ करता हूं, मुझे चोट लगी तो पापा थोड़े परेशान हो गए थे।’

‘इंजरी के बाद लौटा तो एक मैच में प्लेयर ऑफ द मैच बना। घर पर सारे मीडिया वाले पहुंच गए, परिवार वाले नर्वस हो गए। उन्होंने फोन कर के सारी चीजें तो बताईं तो मैंने कहा, अब तो ये सब झेलना पड़ेगा।’

घुटने में ऑपरेशन के चलते रिंकू सिंह 2021 का IPL नहीं खेल सके थे।

घुटने में ऑपरेशन के चलते रिंकू सिंह 2021 का IPL नहीं खेल सके थे।

5 साल में 10 ही IPL मैच खेल सके
2018 में IPL डेब्यू के बाद 3 साल तक उन्हें 10 ही मैचों में मौके मिले। 2021 में इंजर्ड होने के चलते पूरा सीजन मैच नहीं खेल सके। 2022 में मेगा ऑक्शन होना था, टीमें 5 ही टॉप खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती थी। 10 IPL मैचों में परफॉर्मेंस के आधार रिंकू KKR से रिटेन नहीं ही होने वाले थे और ऐसा ही हुआ भी।

KKR कोचिंग स्टाफ ने बहुत सपोर्ट किया
2018 में कोलकाता से जुड़ने के बाद टीम मैनेजमेंट ने बताया कि उन्हें रिंकू की क्षमता पर डाउट नहीं था। बस थोड़े टेक्निकल सुधार करने की जरूरत पड़ी। 2019 IPL के बाद अभिषेक नायर और KKR के बाकी कोचिंग स्टाफ ने ऑफ सीजन कैंप में रिंकू की बैटिंग स्किल्स और ट्रेनिंग पर काम किया।

ट्रेनिंग का असर घरेलू क्रिकेट में रिंकू की बैटिंग पर दिखा। 2019 के 10 रणजी ट्रॉफी मैचों में उन्होंने 105 से ज्यादा की औसत से 953 रन बना दिए। 4 शतक और 3 फिफ्टी के साथ वह सीजन के टॉप रन स्कोरर की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहे। रिंकू पिछले 2-3 साल से सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी उत्तर प्रदेश के लिए खूब रन बना रहे हैं।

LSG के खिलाफ लगभग जिता दिया था मैच
पिछले IPL सीजन में कोलकाता 14 मैचों में 6 जीत के बाद 12 अंक लेकर 7वें स्थान पर रही। टूर्नामेंट में बने रहने के लिए लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ टीम को किसी भी हाल में जीतना था। LSG ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में बगैर विकेट के 210 रन बना दिए। जवाब में नीतीश राणा, श्रेयस अय्यर और सैम बिलिंग्स ने उपयोगी पारियं खेलीं, लेकिन जीत दूर थी।

अंत में रिंकू सिंह और सुनील नरेन बैटिंग पर थे। 18 बॉल पर 55 रन की जरूरत थी। नरेन और रिंकू ने बड़े-बड़े शॉट्स खेलने शुरू किए। 18वें और 19वें ओवर में दोनों ने मिलकर 17-17 रन जोड़ लिए। अब आखिरी 6 बॉल पर 21 रन की जरूरत, रिंकू ने 4 बॉल पर 18 रन बना दिए। 2 बॉल पर 3 रन चाहिए थे और रिंकू बड़ा शॉट खेलने में कैच आउट हो गए।

आखिरी बॉल पर उमेश यादव भी आउट हो गए और KKR 2 रन के करीबी अंतर से मैच हार गई। रिंकू ने 15 बॉल पर 40 रन बनाए और नरेन 7 बॉल में 21 रन बनाकर नॉटआउट रहे।

रिंकू सिंह और सुनील नरेन ने पिछले साल LSG के खिलाफ करो या मरो मैच में KKR को लगभग जीत दिला दी थी।

रिंकू सिंह और सुनील नरेन ने पिछले साल LSG के खिलाफ करो या मरो मैच में KKR को लगभग जीत दिला दी थी।

3 ही मैचों में खुद को साबित कर दिया
2022 के मेगा ऑक्शन में KKR ने ही रिंकू को 55 लाख रुपए में खरीदा। उस सीजन के 7 मैचों में उन्होंने 148.72 के स्ट्राइक रेट से 174 रन बनाए। इस बार IPL के 3 मैचों में ही रिंकू 168.97 के स्ट्राइक रेट से 98 रन बना चुके हैं। इनमें गुजरात के खिलाफ मैच विनिंग इनिंग और बेंगलुरु के खिलाफ पिछले मैच में शार्दूल ठाकुर के साथ 103 रन की पार्टनरशिप भी शामिल हैं।

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