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- Ramesh Powar | Indian Women Coach Selection Controversy; CAC Members Madan Lal And Naik Under Scanner
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मुंबई35 मिनट पहले
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क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (CAC) ने गुरुवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच पूर्व स्पिनर रमेश पवार को बनाया है। इस सिलेक्शन के बाद से ही CAC और महिला टीम का सिलेक्शन करने वाली नीतू डेविड की अध्यक्षता वाली चयन समिति भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के रडार पर आ गई है।
दरअसल, पवार दूसरी बार भारतीय महिला टीम के कोच बनेंगे। वे 2018 में 5 महीने वुमन टीम के कोच रह चुके हैं। तब मिताली राज से विवाद और 2018 टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार के बाद पवार को पद से हटा दिया गया था। ऐसे में दोबारा उनका सिलेक्शन कर CAC विवाद में आ गई है। वहीं, जिस तरह से 8 उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए गए, उससे पता चलता है कि सुलक्षणा नाइक ने पहले ही मन बना लिया था कि महज एक खराब सीरीज के बाद रमन को कोच बरकरार नहीं रखना है।
रमेश पवार को 2018 में मिताली राज से अनबन के बाद छोड़ना पड़ा था पद; पूर्व स्पिनर पर करियर तबाह करने का आरोप लगा था
साउथ अफ्रीका सीरीज में हार के बाद रमन टारगेट पर रहे
पवार पूर्व भारतीय ओपनर डब्ल्यूवी रमन की जगह लेंगे। रमन के कोच रहते भारतीय महिला टीम 2020 के टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। यहां ऑस्ट्रेलिया से उसे हार मिली थी। रमन BCCI के रडार में मार्च में आए थे। भारत को तब साउथ अफ्रीका ने लखनऊ में खेले गए 5 मैच की वनडे सीरीज में 4-1 से हराया था। वहीं, 3 मैच की टी-20 सीरीज में अफ्रीकी महिला टीम ने भारत को 2-1 से हराया था। इस सीरीज में मिताली की स्लो बैटिंग के लिए आलोचना भी हुई थी। मिताली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 50 रन (85 बॉल), 36 रन (50 बॉल), 45 रन (71 बॉल) और 79 रन (104 बॉल) की पारी खेली थी।
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक नीतू डेविड, आरती वैद्य, रेणु मार्गरेट, मिठू मुखर्जी और वी कल्पना ने साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए जिस भारतीय महिला टीम को चुना था, उससे BCCI खुश नहीं थी। सिलेक्शन कमेटी ने युवा बल्लेबाज शेफाली वर्मा और सीनियर बॉलर शिखा पांडे को टीम से बाहर रखा था। यह सबको चौंकाने वाला फैसला रहा था। वहीं ऋचा घोष को वनडे टीम में जगह नहीं दी गई थी।
रमेश पवार के सिलेक्शन पर 3 बड़े सवाल
1. 70 साल के मदन लाल CAC की बैठक में कैसे शामिल हुए?
BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मादी पाजी (मदन लाल) इसी साल 20 मार्च को 70 साल के हुए हैं। नियम के मुताबिक वे CAC की बैठक में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। BCCI ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों में कुछ सुधारों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में 70 साल की आयु-सीमा को हटाने की मांग नहीं की है। ऐसे में मदन लाल का CAC की बैठक में शामिल होना गलत रहा।
2. इंटरव्यू में रमन से विवादास्पद सवाल पूछा गया
BCCI अधिकारी के मुताबिक इंटरव्यू में मौजूदा कोच रमन से विवादास्पद सवाल पूछा गया। उनसे पूछा गया कि जिस टीम को रमेश पवार ने बनाया है, यदि वह टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचती है, तो उसका श्रेय आप कैसे ले सकते हैं? उन्होंने कहा कि सुलक्षणा नाइक ने रमन की सफलता का श्रेय जिस तरह से पवार को दिया क्या उसी तरह रमन की बनाई हुई टीम पवार को नहीं मिल रही है?
3. सुलक्षणा मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन संजय नाइक की छोटी बहन हैं
CAC की 3 सदस्य में शामिल सुलक्षणा मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन संजय नाइक की छोटी बहन हैं। वहीं, रमेश पवार भी घरेलू टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली टी-20 में मुंबई के कोच रह चुके हैं। ऐसे में सूत्रों की मानें तो सुलक्षणा नाइक ने पहले ही मन बना लिया था कि रमन को पद से हटाना है। तभी तो 8 उम्मीदवारों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया गया।
रमन का नीतू डेविड से मतभेद
महिला टीम के कोच रहते हुए रमन के सिलेक्शन कमेटी की अध्यक्ष नीतू डेविड से भी मतभेद चल रहे थे। रमन ने शेफाली वर्मा और शिखा पांडे को सिलेक्ट नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। वे चाहते थे कि शेफाली को वनडे सीरीज और शिखा को टी-20 के साथ वनडे सीरीज के लिए भी चुना जाए। सूत्रों की मानें तो दोनों खिलाड़ियों को सिलेक्ट नहीं करने पर भी चयन समिति ने बेतुके तर्क दिए थे।
उन्होंने बताया कि सिलेक्टर्स ने कहा था कि लॉकडाउन में शिखा पांडे का वजन बढ़ गया है। हालांकि, BCCI ने जब तर्क मांगा तो सिलेक्टर्स अपनी बात को साबित नहीं कर सके थे। शेफाली को खराब फील्डिंग के कारण वनडे टीम में नहीं चुना। इस पर कोच ने सवाल उठाए कि यदि शेफाली की फील्डिंग खराब है, तो उन्हें टी-20 के लिए क्यों चुना गया। इसमें तो और भी ज्यादा अच्छी फील्डिंग चाहिए होती है।
गांगुली और जय शाह इस मामले में गौर करेंगे
सूत्र ने कहा कि हम कोच के सिलेक्शन पर सवाल नहीं उठा रहे, लेकिन यह एक ऐसा बुरा संयोग है, जिसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। मुझे उम्मीद है कि BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह इस पूरे मामले पर गौर करेंगे। रमन ने गलत सिलेक्शन प्रोसेस की कीमत चुकाई है। हमें इस साल वर्ल्ड कप भी खेलना है। ऐसे में उम्मीद करता हूं कि गांगुली और शाह हर एक सिलेक्शन मीटिंग पर नजर रखेंगे। वैसे भी BCCI सिलेक्शन की सभी मीटिंग को रिकॉर्ड भी करता है।
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