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विमेंस क्रिकेटर की फिटनेस बढ़ाने BCCI ने कैम्प लगाया: 30 यंग प्लेयर्स ने WPL के बाद बेंगलुरु में इंटेंस ट्रेनिंग की

बेंगलुरु4 मिनट पहले

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बेंगलुरु में ट्रेनिंग के दौरान इंडिया विमेंस टीम की प्लेयर्स। - Dainik Bhaskar

बेंगलुरु में ट्रेनिंग के दौरान इंडिया विमेंस टीम की प्लेयर्स।

क्या आपको फरवरी में टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की एलिस पैरी ने जिस तरह से भारत के खिलाफ बाउंड्री रोकी थी, वह याद है? उन्होंने डीप स्क्वैयर लेग में रस्सी के पास से दौड़ते हुए 20 मीटर की दूरी तय की, खुद को पूरी तरह स्ट्रेच किया और एकदम हवा में उड़ते हुए बाउंड्री रोकी।

इस आखिरी ओवर में उन्होंने अहम दो रन बचाए थे और ऑस्ट्रेलिया 5 रन से जीता था। केपटाउन में हुई इस घटना को चार महीने बीत चुके हैं और भारतीय महिला टीम नए सीजन की तैयारी कर रही है, जो जुलाई में भारत के सीमित ओवर की सीरीज के लिए बांग्लादेश दौरे से शुरू होगा।

इसके बाद भारत सितंबर-अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका व न्यूजीलैंड के खिलाफ सफेद गेंद की सीरीज की मेजबानी करेगा। नए साल के आसपास इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट-वनडे-टी20 का पूरा दौरा करेंगी। भारत की इतनी अहम सीरीज को देखते हुए खिलाड़ियों की फिटनेस और फील्डिंग पर ध्यान देना काफी जरूरी हो गया।

सीनियर महिला सिलेक्शन पैनल ने चुनीं 30 प्लेयर्स
टीम को तैयार करने के लिए सीनियर महिला सिलेक्शन पैनल ने 30 खिलाड़ियों को चुना और उन्हें बेंगलुरु में इन्टेंस ट्रेनिंग कैम्प में भेजा। इसमें एथलीट मॉनिटरिक सिस्टम (एएमएस) और चोट से बचाव (आईपी) पर काम किया गया। हालांकि, ये सिस्टम नए नहीं हैं।

विमेंस प्रीमियर लीग से शुरू होकर अब ये महिला टीम में भी इस्तेमाल होने लगा है। दरअसल, भारत को अगले दाे साल में दो वर्ल्ड कप भी खेलने हैं। 2024 में बांग्लादेश में टी20 वर्ल्ड कप और 2025 में भारत में वनडे वर्ल्ड कप। बीसीसीआई को उम्मीद है कि उनके इस प्रयास से भारत को अंतत: ट्रॉफी जीतने में मदद मिलेगी।

खिलाड़ियों की थकान और नींद पर नजर रखता है सॉफ्टवेयर
एथलीट मॉनिटरिंग सिस्टम (एएमएस) एक सॉफ्टवेयर है, जो खिलाड़ियों की थकान, नींद, मूड, मासिक धर्म-चक्र और तनाव पर नजर रखता है। इससे चोट के जोखिम को कम करने और प्रदर्शन सुधारने में मदद मिलती है। इससे सभी खिलाड़ियों के फिटनेस लेवल की जानकारी मिलती है।

खिलाड़ियों का डेक्सा स्कैन होता है, जो बॉडी-फैट का प्रतिशत बताता है। कैम्प में शामिल विदर्भ की दिशा कसात बताती हैं, ‘कैम्प में पहले दिन से अंत तक सभी के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ। हम जिम में काफी समय दे रहे थे। रनिंग बेहतर हुई। फील्डिंग में हर सेशन में करीब 50 कैच ले पा रहे थे।’

स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच दाते तय करते हैं फिटनेस पैरामीटर
भारतीय टीम के लिए पूर्णकालिक स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच आनंद दाते की नियुक्ति गेमचेंजर साबित हुई। पूर्व बल्लेबाज वीआर वनिता कहती हैं, ‘जब खिलाड़ी ब्रेक के बाद एनसीए या कैम्प में आती हैं तो दाते खिलाड़ी के हिसाब से फिटनेस पैरामीटर तय करते हैं। एएमएस ने यह सुनिश्चित किया कि खिलाड़ी अंडर ट्रेनिंग या ओवर ट्रेनिंग न करें। खिलाड़ियों का वर्कलोड मापा जाता है।

आईपी प्रणाली चोट की सीमा निर्धारित करती है। वह देखती है कि किस समय खिलाड़ी का फिटनेस स्तर क्या है। यह खिलाड़ी के चोटिल होने से पहले अलर्ट कर देती है। इससे वर्कलोड मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है।’

भारत-ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों के बीच अंतर कम होगा: झूलन
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने कहा कि डब्ल्यूपीएल में मुंबई इंडियंस की गेंदबाजी कोच के रूप में उन्होंने इस प्रक्रिया को काफी करीब से देखा है। उनका मानना है कि इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम के बीच जो अंतर है, वो काफी कम होगा।

झूलन ने कहा, ‘फिटनेस के मामले में ऑस्ट्रेलिया ने महिला क्रिकेट में बेंचमार्क स्थापित किए हैं। हम उसी दिशा में शुरुआत कर रहे हैं। खिलाड़ियों को पता है कि सिर्फ कौशल पर्याप्त नहीं है। यह आपको एक निश्चित स्तर तक ही ले जा सकता है, लेकिन अगर खिलाड़ी को अपना करियर लंबा करना है तो उसके लिए फिटनेस बेहद जरूरी है।’

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