दिल्ली9 मिनट पहले
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IPLके 15वें सीजन में सोमवार को गुजरात टाइटन्स के खिलाफ लखनऊ सुपर जायंट से डेब्यू करने वाले आयुष बदोनी ने 41 गेंदों पर 54 रन की पारी खेली। एक समय लखनऊ ने पहले चार विकेट 29 के स्कोर पर गंवा दिए थे। इसके बाद आयुष बदोनी ने दीपक हुड्डा के साथ 5वें विकेट के लिए 68 गेंदों पर 87 रन की पार्टनरशिप कर टीम को मैच में वापस ला खड़ा किया।
डेब्यू में हाफ सेंचुरी लगाने वाले आयुष बदोनी के प्रदर्शन के बाद भास्कर ने उनके पिता विवेक बदोनी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि आयुष 3 साल से IPL टीमों के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन IPLमें उन्हें मौका नई टीम लखनऊ सुपर जायंट से मिला। यही नहीं उन्हें दिल्ली रणजी से भी ड्रॉप कर दिया गया था।
आयुष को था एक मौके का इंतजार
दिल्ली के वसंतकुंज के रहने वाले हैं। उनके पिता विवेक बदोनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाते हैं। जबकि मां दिल्ली के गवर्नमेंट स्कूल में टीचर हैं। आयुष के पिता विवेक बदोनी ने भास्कर को बताया कि आयुष पिछले तीन सालों से IPLके विभिन्न टीमों के ट्रायल में शामिल हो रहे थे। उन्हें ट्रायल के लिए फ्रेंचाइजी से बुलावा आता था, परंतु मौका नहीं मिल पाया था। उन्हें अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए एक मौका की जरूरत थी। टीम के कोच विजय दहिया और मेंटर गौतम गंभीर ने उन्हें मौका दिया। दोनों ने आयुष में खेलते हुए देखा था। उन्होंने आयुष पर भरोसा जताया और IPL लखनऊ ने उन्हें बेस प्राइज 20 लाख पर खरीदा।
मुझे खुशी है कि बेटे ने मौके का फायदा उठाया और टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। अब उससे लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है। मैं उम्मीद करता हूं कि और कड़ी मेहनत कर लोगों और कोच की उम्मीदों पर खड़ा उतरेगा।
दिल्ली के रणजी टीम से ड्रॉप कर दिया गया
विवेक ने बताया कि आयुष को दिल्ली की रणजी टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। विवेक को रणजी से पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दिल्ली टीम में शामिल थे, परंतु उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। हालांकि अंडर-25 के ट्रायल में इन्होंने डबल सेंचुरी बनाई थी और अंडर-25 दिल्ली टीम में इन्हें शामिल किया गया था।
2018 अंडर 19 एशिया कप में भी बदोनी ने कमाल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 28 गेंद में 52 रन की पारी खेली थी
श्रीलंका के खिलाफ अंडर-19 में ऑलराउंड प्रदर्शन
आयुष के पापा ने बताया कि आयुष ऑलराउंडर हैं। वह मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज के साथ ही ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं और अंडर-19 में श्रीलंका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने चार दिवसीय मैच में 9.3 ओवर में 24 रन देकर 4 विकेट लिए थे। साथ ही उन्होंने 202 गेंदों पर 185 रन की पारी खेली थी।
आयुष बदोनी अपने एकेडमी के कोच और सीनियर्स के साथ।
8 साल की उम्र में सोनेट क्लब गए
आयुष की प्रतिभा की पहचान उनके पैरंट्स ने पहचानी। आयुष के पिता विवेक बदौनी ने बताया कि आयुष 8 साल की उम्र के थे तो हमने देखा की उनकी रुचि क्रिकेट में है। वह घर में भी हमेशा बल्ला उठाकर ही घूमते थे। तब हमने उन्हें एकेडमी में एडमिशन कराने की सोची। हमें सोनेट क्लब के बारे में पता चला। जहां पर तारक सिन्हा सर और देवेंद्र शर्मा कोचिंग कराते हैं। हम उनके पास लेकर उन्होंने ही इनकी प्रतिभा को निखारा। आज तारक सर होते, तो काफी खुश होते। सोनेट क्लब में उनकी प्रतिभा में निखार आया। फिर दिल्ली के अंडर-15, 17 और टीम इंडिया के अंडर-19 टीम में जगह मिली।
ऋषभपंत, शिखर धवन, आशीष नेहरा के प्रतिभा को निखारने वाले तारक सिन्हा का निधन पिछले साल हार्ट अटैक से हो गया था।
आयुष बदोनी(बीच में) कोच तारक सिन्हा और कोच देवेंद्र शर्मा के साथ।
छोटा भाई फुटबॉलर
आयुष के पापा ने बताया कि आयुष दो भाई हैं। छोटा भाई प्रत्युष बदोनी फुटबॉल खेलते हैं और वह देश का प्रतिनिधित्व फुटबॉल में करना चाहते हैं। हमने कभी भी प्रत्युष पर क्रिकेट खेलने का दबाव नहीं डाला। हम चाहते थे, कि दोनों बेटे अपने करियर अपने मुताबिक चुने।
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