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- It Has Been 5 Days Since The Formation Of The Inquiry Committee, No One Knows What Is Going On; Player Raised Questions
पानीपत14 मिनट पहले
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भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए गठित की गई कमेटी को 5 दिन हो गए हैं। मगर, क्या जांच चल रही है? यह किसी को नहीं पता है। बड़ी बात यह है कि कमेटी का गठन होने के बाद से खिलाड़ियों समेत जांच सदस्यों ने मीडिया से किनारा कर लिया है।
इसी बीच आरोप लगाने वाले रेसलर्स ने भी कमेटी गठन पर सवाल उठा चुकी है। रेसलर गीता फोगाट भी PM को ट्वीट कर चुकी है कि अगर बेटियों को न्याय नहीं मिला तो यह देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य होगा।
बजरंग और विनेश का ट्वीट- मेडल देश के, उत्पीड़न हो तो खिलाड़ी हरियाणा के
गुरुवार शाम बाद बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने एक वीडियो शेयर की है। वीडियो में कहा गया है कि मेडल लाने वाले जब मेडल लाते हैं तो वे पूरे भारत के हो जाते हैं। जब वे उत्पीड़ित हो तो यह हरियाणा-उत्तर प्रदेश का मामला हो जाता है।
क्या यह देश का मामला नहीं होना चाहिए ? इसको बांटने का भी काम किया जा रहा है। जात के नाम पर बांटने का काम किया जा रहा है। क्या-क्या नहीं खेल खेला जा रहा है। एक ट्रेंड चलाया जा रहा है कि बृजभूषण नहीं, तो भाजपा नहीं। क्या मतलब है कि बृजभूषण नहीं होगा तो भाजपा खत्म हो जाएगी।
बजरंग का यह ट्वीट भी सुर्खियों में
जिन छौरियां नै, समाज तै ऊपर उठ के, देश का मान बढ़ाया। आज उन पै कुछ लोगों ने सवाल खड़े कर दिए। डर इस बात का कोणी के पहलवान रोण लाग्ये। डर इस बात का है कि उस बाहुबली खातर आज म्हारे खिलाड़ियों के मैडल फीके कर दिए।
खेल मंत्रालय ने मैरीकॉम की अगुवाई में बनाई ओवरसाइट कमेटी
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 20 जनवरी को WFI अध्यक्ष के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों के साथ नई दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर मीटिंग की थी। देर रात तक चली इस मीटिंग के बाद अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ मीडिया के सामने आकर कहा कि खेल मंत्रालय पूरे विवाद की जांच के लिए कमेटी बनाएगा जो 4 हफ्ते में रिपोर्ट देगी। कमेटी की जांच पूरी होने तक बृजभूषण सिंह WFI का कामकाज नहीं देखेंगे।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन, 23 जनवरी को अनुराग ठाकुर ने पांच मेंबरी ओवरसाइट कमेटी बनाने की जानकारी देते हुए उसके सदस्यों के नाम का ऐलान किया। कमेटी का प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम को बनाया गया जबकि इसके सदस्यों में ओलंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह कमेटी WFI का कामकाज देखेगी। अब पहलवानों ने खेल मंत्रालय की इसी ओवरसाइट कमेटी के गठन को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा न किए जाने पर सवाल उठाए हैं।
WFI-रेसलर्स विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ, 6 पॉइंट्स में पढ़ें…
1. 18 जनवरी को रेसलर्स ने दिल्ली जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। जिसमें विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। कुछ कोच तो सालों से यौन उत्पीड़न करते आ रहे हैं। बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे। जो नियमों के खिलाफ है।
यहां तक कि उसी फ्लोर पर अपना कमरा रखते थे, जहां महिला पहलवान ठहरी होती हैं। वे जानबूझकर अपना कमरा खुला रखते थे। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा। मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। मैं हर दिन खुद को खत्म करने के बारे में सोचती थी।
2. 18 जनवरी को ही संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा कि मुद्दे तब सामने आते हैं जब नए नियम लाए जाते हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलिंपिक के बाद किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा।
उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं। साथ ही ये कुश्ती पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं। इसलिए यह सब किया गया है।
3. 19 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीटिंग की। उन्होंने खिलाड़ियों से करीब पौने चार घंटे बातचीत की और कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों को विभिन्न तरह के आश्वासन दिए गए। मगर बातचीत से पहलवान संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने उस दौरान मांग रखी कि WFI अध्यक्ष को हटाया जाए। इसके बाद उन्होंने कुश्ती संघ को भंग कराने की बात कही।
4. 20 जनवरी को खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। अब यहां खिलाड़ियों के समर्थन में हरियाणा भर से खिलाड़ी पहुंचने लगे। यहां तक कि हरियाणा की खापों ने भी धरने को समर्थन दे दिया। चरखी दादरी से 7 खापों ने समर्थन में दिल्ली कूच किया। धीरे-धीरे धरना स्थल पर भीड़ बढ़ने लगी। यहां से आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही वे किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वे खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे।
5. 21 जनवरी को आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने जांच कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। 7 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। इस कमेटी में बॉक्सर मैरीकॉम, तीरअंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल कुश्तीबाज योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और 2 वकील शामिल हैं।
6. 21 जनवरी को अनुराग ठाकुर ने फिर मीटिंग की। देर रात 7 घंटे तक चली मीटिंग में खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। यह कमेटी जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ का काम देखेगी। कमेटी आरोपों की जांच भी करेगी। ओलिंपिक मेडल विजेता मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को ही इस पांच मेंबर्स वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि कमेटी 4 सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इन आश्वासनों के बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया।
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