नई दिल्ली3 घंटे पहले
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इस साल देश 500 से ज्यादा रेलवे स्टेशन को रि-डेवलप किया जाएगा। इसके लिए रेल मंत्रालय ने अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से स्टेशन के टेक्नो-इकॉनोमिक व्यवहार्यता (फीजेबिलिटी) की स्टडी शुरू कर दी है। इस स्टडी के आधार पर स्टेशन के अगले फेज को डेवलप करने की योजना बनाई जाएगी। इनमें ज्यादातर रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों वाले हैं।
ज्यादातर रेलवे स्टेशन को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। अभी पश्चिम रेलवे के तहत गांधीनगर राजधानी (गुजरात) और पश्चिम मध्य रेलवे के तहत रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (मध्य प्रदेश) को चालू किया गया है। दक्षिण पश्चिम रेलवे के अंतर्गत बनाया गया सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल (बेंगलुरु) चालू होने के लिए तैयार है।
एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल वाले सभी रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन इस मॉडल के तहत तैयार होने वाला पहले रेलवे स्टेशन है। यहां पर एयरपोर्ट की तरह वेटिंग रूम, रेस्टोरेंट, गेम जोन, शॉपिंग जोन जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं। स्टेशन पर पैसेंजर के प्लेटफॉर्म तक पहुंचने का और स्टेशन से बाहर निकलने का अलग-अलग रास्ता होता है। इससे स्टेशन पर भीड़-भाड़ नहीं होती।
इसके अलावा स्टेशन पर बस मेट्रो जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं। यहां से एयरपोर्ट तक जाने के लिए भी सर्विस मिल जाती है। स्टेशन पर आसानी से पहुंचने के लिए ड्रॉप-ऑफ, पिक-अप मिलता है। पार्किंग की बेहतर सुविधा होती है। इस पैमाने पर रेलवे स्टेशनों का डेवलपमेंट अपनी तरह का पहला और कॉम्पलैक्स नेचर का होता है। ऐसे में टेक्नो-इकॉनोमिक फीजेबिलिटी की स्टडी जरूरी हो जाती है।
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