नागौर9 मिनट पहले
IPL का सीजन-15 चल रहा है। टूर्नामेंट का छठा मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच आज शाम को खेला जाएगा। इस मैच में नागौर के ऑल राउंडर प्लेयर महिपाल लोमरोर की RCB प्लेइंग इलेवन में जगह मिलने का अनुमान है। हांलाकि इससे पहले पंजाब किंग्स के खिलाफ हुए RCB के मैच में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली थी।
विराट कोहली के साथ महिपाल लोमरोर।
कोच नगेंद्र कमल पुरोहित ने बताया कि महिपाल ग्रामोत्थान विद्यापीठ में पढ़ता था। हम स्टेडियम में डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट की ट्रेनिंग देते थे। इस दौरान वो 4 साल का था। घर में उधम मचाता था। उसकी दादी सिणगारी देवी उसे ग्राउंड पर लेकर आईं और बोलीं कि इसे क्रिकेट खेलना सीखा दो। उस समय ये बात मजाक लगी। लेकिन, अगले कुछ दिन देखा कि वो 4 साल का बच्चा तपती गर्मी में रोजाना ग्राउंड पर आ रहा है और खेलने के लिए प्रयास कर रहा है। बड़े लड़कों के साथ उसे एडजस्ट करना ठीक नहीं लग रहा था, पर वो बोला मैं खेल लूंगा सर। बस यहीं से उसकी क्रिकेट ग्राउंड की जर्नी शुरू हो गई।
कोच बोले: सबसे फिट खिलाड़ी है
इस बीच दैनिक भास्कर संवाददाता ने महिपाल के शुरुआती कोच नगेन्द्र कमल पुरोहित और मुकेश प्रजापत से बात की। उन्होंने बताया कि महिपाल राजस्थान के मौजूदा क्रिकेट प्लेयर्स में सबसे फिट खिलाड़ी है। BCCI के योयो फिटनेस टेस्ट में वो लगातार 17 से साढे 17 का स्कोर कर रहा है। जो कि इंटरनेशनल लेवल पर भी काफी काम प्लेयर कर पाते है। उसका मेंटली स्ट्रॉन्ग होना और यूनिक शॉट सिलेक्शन उसे सुपर प्लेयर बनाते है। इतना ही नहीं दोनों कोच ने बताया कि वो कभी भी अपना विकेट थ्रो नहीं करता है और खड़े-खड़े कवर के ऊपर से बड़ी से बड़ी बाउंड्री को क्लियर कर छक्के मार देता है। ये खासियत उसे तगड़ा बनाती है। इन्हीं खूबियों के चलते वो लगातार प्रोग्रेस कर रहा है। अब विराट कोहली, फाफ डु प्लेसिस और दिनेश कार्तिक जैसे बड़े प्लेयर के साथ उसका खेल और निखरेगा। उम्मीद है कि जल्द ही वो सीनियर इंडियन टीम में जलवे दिखाएगा।
महिपाल लोमरोर के शुरूआती कोच नगेंद्र कमल पुरोहित।
कोच पुरोहित ने बताया कि उसका गेम देखकर कोई ये कह ही नहीं सकता था कि वो छोटा था। थोड़े टाइम में ही अपने जुनून से उसने शानदार खेल दिखाना शुरू कर दिया। इस दौरान उसे फिजिकल ट्रेनिंग देने वाले कोच मुकेश प्रजापत ने बताया कि वो मेंटली जबरदस्त स्ट्रॉन्ग था। फिटनेस उसकी सबसे बड़ी ताकत है। मसल्स पावर के दम पर वो खड़े-खड़े कवर के ऊपर से किसी भी बॉलर को छक्के मार सकता है। ये बड़े-बड़े प्लेयर्स भी नहीं कर पाते है। उसके इसी खेल को देखकर दोनों कोच को लगा कि महिपाल एक स्पेशल टैलेंट है और इसका निखरना जरुरी है। इस पर दोनों ने उसके पिता कृष्णकांत लोमरोर से बात कर उसे जयपुर स्थित सुराणा एकेडमी में दाखिला दिलवा दिया।
RCB टीम में अपने साथी प्लेयर अनुज रावत के साथ महिपाल लोमरोर।
इसके बाद जल्द ही उसे नागौर जिले की तरफ से खेलने का मौका मिला। यहां शानदार प्रदर्शन के बूते महिपाल का राजस्थान से अंडर-14 की टीम में चयन हो गया। यह मैच मुंबई में हुआ था। वहां महिपाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 250 रन की नाबाद पारी खेली। वहां मौजूद मुंबई के पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेटर और चंद्रकांत पंडित ने महिपाल की पारी को देखने के बाद कहा कि ये तो भारत का जूनियर क्रिस गेल है, जो तूफानी अंदाज में बाउंडरी क्लियर कर रहा है। इसके बाद ही उसे जूनियर गेल नाम मिल गया।
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