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यूपीसीए चयनकर्ताओं पर गंभीर आरोप: वर्षों से सिलेक्शन के इंतजार कर रहे क्रिकेटरों ने लगाए धांधली के आरोप, यूपीसीए ने झाड़ा पल्ला

कानपुर3 मिनट पहले

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यूपीसीए की यह कोई पहली धांधली नहीं है, इसके पहले भी कई आरोप लगे है।

यूपीसीए में खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। चयन की प्रक्रिया में कानपुर शहर के खिलाड़ियों को नजरअंदाज किए जाने के भी आरोप लग रहे है। चर्चा है कि यह खिलाड़ी चयनकर्ताओं की साजिश का शिकार बीते कई सालों से बनते चले आ रहे हैं। बात यदि यूपी की रणजी टीम की करे तो सैयद मुश्ताक के अलावा टीम में नगर के खिलाड़ियों को ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा सीनियर टीम में अंकित राजपूत, अलमास शौकत और कुलदीप यादव के अलावा कोई खिलाड़ी नहीं है। जबकि अंडर 23 से लेकर अंडर 14 की टीम में शहर का एक भी खिलाड़ी शामिल नहीं किया गया है।

चयन प्रक्रिया में धांधली का है आरोप…
क्रिकेट प्रेमियों के बीच इन बात की चर्चा अब आम हो चली है कि बीते कई सालों से किसी भी होनहार और प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम में अपना स्थान बनाने में असफल रह गए है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की सबसे छोटी अंडर फोर्टीन की टीम में खेलने का सपना सजाए नौनिहाल क्रिकेटरों को निराशा का सामना करना पड़ा है। इस बार की टीम में नगर से एक भी खिलाड़ी का चयनित ना होना बहुत कुछ खुद में साबित करने के लिए काफी है। आरोप है कि कई सालों से प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के बजाय रसूखदार व प्रभावशाली लोगों के बच्चे ही टीम का प्रतिनिधित्व करते नजर आ रहे है।

ट्रायल प्रक्रिया में अपनी बारी का इंतजार करते खिलाड़ी कानपुर के कमला क्लब में...

ट्रायल प्रक्रिया में अपनी बारी का इंतजार करते खिलाड़ी कानपुर के कमला क्लब में…

यूपीसीए चयनकर्ताओं पर दोस्ती निभाने का आरोप…
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के सीनियर और मुख्य चयनकर्ता अरविंद कपूर के दोस्त व रेलवे विभाग में कार्यरत संजय यादव के पुत्र कुणाल यादव बीते कई सालों से यूपी की जूनियर व सीनियर टीम का हिस्सा है। वह सीधे तौर पर टीम में शामिल होते आ रहे है। जबकि उनके चयन को लेकर कई खिलाडियों ने अपनी शिकायत और विरोध भी दर्ज कराया लेकिन इसका हल निकलता नहीं दिख रहा है।

टीम में सिर्फ 41 जिलों को ही प्रमुखता…
प्रदेश की क्रिकेट टीम में सिर्फ 41 जिलों के ही खिलाड़ियों को प्रमुखता दी जा रही है, जो इस एसोसिएशन के सदस्य इकाई है। इसके अलावा सूबे के अन्य जिलों से खिलाड़ियों को पूछा भी नहीं जाता। इसी वजह से अन्य जिलों के कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों ने तो भारी मन से अब चयनकर्ताओं पर ही आरोप लगाने शुरु कर दिए है। ये बात अलग है कि वह अपना विरोध सबके सामने खुलकर प्रकट नहीं कर पा रहे है।

शहर के खिलाड़ियों के साथ अन्याय हो रहा है…
कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के जीएम दिनेश कटियार से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने भी अपनी नाराजगी दर्ज करते हुए कहा, यूपीसीए के चयनकर्ता अब नगर के खिलाड़ियों के साथ पूरी तरह से अन्याय कर रहे है। शहर में क्रिकेट पूरी तरह से अपने शबाब पर है लेकिन चयनकर्ताओं की नजरअंदाज किए जाने से खिलाड़ियों का मनोबल तो टूट ही रहा है साथ ही सालों से यूपी की टीम में जगह न बना पाने के चलते निराशा ही हासिल हो रही है।

चयनकर्ता बोले आदेश का होता है पालन…
यूपी की टीम में चयन को लेकर जब यूपीसीए के चयनकर्ता कमल कांत कनौजिया से बात की तो उन्होंने बताया, उनको जो ऊपर से आदेश मिलता है, वह वही करते है। उन्होंने बकह कि यदि कोई खिलाड़ी दमदार होता है तो उसके चयन होने से कोई नहीं रोक सकता। हम भी वही करते है। अगर खिलाडी में प्रतिभा है तो हम उसे सेलेक्ट करते है।

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