नई दिल्ली7 घंटे पहले
साल 2022-23 के लिए डिफेंस बजट में 47 हजार करोड़ रुपए, यानी 9.84% की बढ़ोतरी हुई है। अब डिफेंस बजट 4.78 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.25 लाख करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल इसमें महज 1.4% की बढ़ोतरी हुई थी। इस बार डिफेंस बजट में मेक इन इंडिया पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कैपिटल बजट का 68% डोमेस्टिक इंडस्ट्री के लिए अलॉट किया जाएगा। ऐसा इसलिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा हथियारों का प्रोडक्शन देश में ही हो सके। पिछले साल इसके लिए 58% बजट अलॉट किया गया था, यानी अब इसमें 10% की बढ़ोतरी की गई है।
इसके साथ ही रिसर्च और डेवलपमेंट को अब प्राइवेट सेक्टर और स्टार्टअप्स के लिए ओपन कर दिया गया है। इसके लिए जारी बजट में से 25% प्राइवेट सेक्टर को दिया जाएगा।
आइए डिफेंस बजट को समझते हैं…
डिफेंस बजट में मुख्य रूप से 3 पार्ट होते हैं। रेवेन्यू, कैपिटल एक्सपेंडिचर और पेंशन।
1. रेवेन्यू : 7 हजार करोड़ रुपए का इजाफा
- अगर आप फौजी हैं तो आपके लिए यह सबसे अहम पार्ट है। इसका ज्यादातर हिस्सा डिफेंस स्टाफ की सैलरी पर खर्च होता है। इसके बढ़ने-घटने से आपकी सैलरी भी प्रभावित होगी।
- इस साल रेवेन्यू बजट 2.39 लाख करोड़ रुपए है, जबकि पिछले साल इसके लिए 2.32 लाख करोड़ रुपए अलॉट किए गए थे, यानी इस बार करीब 7 हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई है।
- सैलरी के अलावा आर्म्ड फोर्सेज के बाकी खर्च जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस, सड़कों और ब्रिजों का निर्माण भी इसमें शामिल होते हैं।
- इसके अंतर्गत डिफेंस की पब्लिक सेक्टर यूनिट (DPSU) और कैंटीन स्टोर्स भी आते हैं।
2. कैपिटल एक्सपेंडिचर : 17 हजार करोड़ की बढ़ोतरी
- वित्त मंत्री ने साल 2022-23 के लिए कैपिटल बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपए अलॉट किए हैं।
- पिछले साल इस मद में 1.35 लाख करोड़ रुपए अलॉट किए गए थे।
- इस साल कैपिटल एक्सपेंडिचर में 17 हजार करोड़ रुपए, यानी करीब 12% की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 19% की बढ़ोतरी हुई थी।
- सेना की ताकत के लिहाज से यह सबसे अहम पार्ट होता है। इससे हथियार, एम्युनिशन, फाइटर प्लेन जैसी चीजें खरीदी जाती हैं।
3. पेंशन : 4 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी
रिटायर्ड सैनिकों के लिए अच्छी खबर है। इस बार के डिफेंस बजट में पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पिछले साल के बजट में यह 1.15 लाख करोड़ रुपए था। यानी लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। पिछली बार सरकार ने पेंशन के लिए 18 हजार करोड़ रुपए कम कर दिए थे। देश में तीनों सेनाओं से रिटायर्ड सैनिकों की संख्या करीब 26 लाख है।
- आर्मी : सैलरी पर जोर, लेकिन हथियारों में कटौती
इस साल आर्मी के लिए रेवेन्यू बजट में 16 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है, यानी सरकार ने सैलरी और मेंटेनेंस पर फोकस किया है। दूसरी तरफ कैपिटल बजट में पिछले साल के मुकाबले 4 हजार करोड़ रुपए की कमी हुई है, यानी हथियारों पर फोकस कम है। तीनों सेनाओं के लिहाज से आर्मी का कैपिटल बजट सबसे कम है।
- नेवी : ड्रैगन से निपटने समुद्री ताकत बढ़ाने पर फोकस
नेवी के लिए इस साल रेवेन्यू बजट 25 हजार करोड़ रुपए है। पिछले साल यह 23 हजार करोड़ रुपए था। महज दो हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कैपिटल बजट में पिछले साल के मुकाबले करीब 14 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। यानी करीब 44.5% की बढ़ोतरी। इससे माना जा रहा है कि सरकार आने वाले साल में समुद्री ताकत बढ़ाएगी। चीन से तनाव के बाद सरकार लगातार इस पर फोकस भी कर रही है।
- एयरफोर्स : सैलरी के साथ मॉडर्नाइजेशन पर जोर
पिछले कुछ साल से एयरफोर्स पर लगातार जोर दिया जा रहा है। इस साल एयरफोर्स के लिए रेवेन्यू बजट 32 हजार करोड़ रुपए है। यह पिछले साल की तुलना में सिर्फ 2 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। वहीं, कैपिटल बजट की बात करें तो तीनों सेनाओं में सबसे ज्यादा अमाउंट एयरफोर्स को ही मिला है। पिछले साल कैपिटल बजट करीब 53 हजार करोड़ रुपए था, जो इस बार 55 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंच गया है।
पिछले साल अपने बजट का 60% खर्च नहीं कर पाई आर्मी
पिछले साल सरकार ने हथियारों की खरीद पर सबसे ज्यादा फोकस किया और कैपिटल बजट में 18% की बढ़ोतरी की। इसमें से सबसे ज्यादा एयरफोर्स को 53 हजार करोड़ रुपए, आर्मी को 36 हजार करोड़ और नेवी को 33 हजार करोड़ रुपए मिला था। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इसमें से भी आर्मी महज 40% ही खर्च कर पाई है। वहीं एयर फोर्स ने 70% और नेवी ने सबसे ज्यादा 90% खर्च किया है। यही वजह है कि साल 2021-22 में रिवाइज्ड बजट भी कम कर दिया गया।
डिफेंस खर्च के मामले में दुनिया में हम तीसरे नंबर पर
भारत का कुल रक्षा बजट 72.2 बिलियन डॉलर का है। दुनिया में डिफेंस पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देशों में हम तीसरे नंबर पर हैं। पहले और दूसरे नंबर पर अमेरिका और चीन हैं। इनके कुल खर्च के लिहाज से देखें, तो हमारा कुल रक्षा बजट काफी कम है। हम अपनी GDP का 2.9% हिस्सा डिफेंस पर खर्च करते हैं। वहीं, अमेरिका अपनी GDP का 3.7% और चीन 1.7% खर्च डिफेंस पर करता है।
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