स्पोर्ट्स डेस्क11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
भारत ने पहला ICC अंडर-19 विमेंस वर्ल्ड कप जीत लिया है। साउथ अफ्रीका के पोचेस्ट्रूम में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराया। भारत की सौम्या तिवारी ने विनिंग शॉट जमाया। 6 रन पर 2 विकेट लेने वाली टिटास साधू प्लेयर ऑफ द मैच रहीं। वहीं, उप कप्तान श्वेता सेहरवात ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 297 रन बनाए।
इस स्टोरी में आगे हम भारतीय स्क्वॉड में शामिल सभी 15 लड़कियों की प्रोफाइल देखेंगे। यह भी जानेंगे कि किसने वर्ल्ड कप जीतने में क्या योगदान दिया।
1. शेफाली वर्मा
भारत की सीनियर विमेंस टीम की ओपनर शेफाली वर्मा को अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी सौंपी गई। शेफाली ने 4 साल पहले 2019 में सीनियर विमेंस टीम के लिए डेब्यू किया था। शेफाली अब तक सीनियर टीम से 21 वनडे और 51 टी-20 खेल चुकी हैं। वर्ल्ड कप से पहले शेफाली ने साउथ अफ्रीका अंडर-19 टीम के खिलाफ 5 मैचों में कप्तानी भी की थी। इस वर्ल्ड कप के 7 मैचों में उन्होंने 172 रन बनाने के साथ 4 विकेट भी लिए।
2. श्वेता सेहरावत
दिल्ली से घरेलू क्रिकेट खेलने वालीं श्वेता सेहरावत 18 साल की हैं। टीम इंडिया की उप कप्तान राइट हैंड बैटर श्वेता ने वर्ल्ड कप में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया। वह इस टूर्नामेंट की टॉप स्कोरर हैं। उन्होंने अपनी आक्रामक बैटिंग से टीम इंडिया को अहम मौकों पर कई मैच जिताए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप के पहले मैच में भी उन्होंने ही 92 रन की नॉटआउट पारी खेली थी।
3. ऋचा घोष
शेफाली की तरह ऋचा भी सीनियर टीम से क्रिकेट खेल चुकी हैं। 19 साल की विकेटकीपर बैटर ने सीनियर टीम से 17 वनडे और 30 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। ऋचा वेस्ट बंगाल के सिलीगुड़ी से आती हैं। मिडिल ऑर्डर में वह आक्रामक बैटिंग करती हैं। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 93 रन बनाए।
4. गोंगडी त्रिषा
17 साल की गोंगडी त्रिषा तेलंगाना के बादराचलम में रहती हैं। टॉप-ऑर्डर बैटर की भूमिका में टीम इंडिया में शामिल त्रिषा 12 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रही हैं।। वह घरेलू क्रिकेट में हैदराबाद के लिए भी लगातार शानदार प्रदर्शन करती आ रही हैं। इस वर्ल्ड कप में भी उन्होंने 108 के स्ट्राइक रेट से 116 रन बनाए। फाइनल में उन्होंने अहम 24 रन भी बनाए। जरूरत पड़ने पर त्रिषा लेफ्ट आर्म बॉलिंग भी कर लेती हैं।
5. सौम्या तिवारी
मध्य प्रदेश के भोपाल की सौम्या तिवारी 17 साल की हैं। वह बैटिंग ऑल राउंडर हैं और टॉप-ऑर्डर में बैटिंग करती हैं। मध्य प्रदर्श टीम से घरेलू क्रिकेट खेलने वालीं सौम्या 7-8 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रही हैं। पहले तो सौम्या ने मोहल्ले के बच्चों को क्रिकेट खेलते देखा और यहीं से उन्हें भी क्रिकेट का शौक लग गया। इस टूर्नामेंट के 4 मैचों में उन्होंने 84 रन बनाए। फाइनल में विनिंग रन इन्होंने ही बनाया।
6. सोनिया मेंधिया
हरियाणा की सोनिया मेंधिया 18 साल की हैं। वह बैटिंग ऑलराउंडर हैं, ऑफ स्पिन के साथ राइट हैंड बैटिंग भी कर लेती हैं। हरियाणा से घरेलू क्रिकेट खेलने के दौरान वह तेज स्ट्राइक रेट से बैटिंग करने के लिए जानी जाती हैं। बीच के ओवरों में सटीक लाइन लेंथ पर बॉलिंग भी कर लेती हैं। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 11 रन बनाए।
7. रिषिता बसु
रिषिता बसु 18 साल की विकेटकीपर बैटर हैं। वह पश्चिम बंगाल के हावड़ा से आती हैं। ऋचा घोष के बाद वह टीम इंडिया के लिए दूसरा विकेटकीपिंग ऑप्शन हैं। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 25 रन बनाए। फाइनल में वह सौम्या तिवारी के साथ नाबाद रहीं।
8. सोनम यादव
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की सोनम यादव महज 15 साल की हैं। टीम इंडिया में वह लेफ्ट आर्म स्पिनर के रूप में शामिल हैं। इस टूर्नामेंट के 6 मैचों में उन्होंने 5 विकेट हासिल किए। फाइनल मैच में इंग्लैंड का आखिरी विकेट उनकी बॉलिंग पर ही आया।
9. मन्नत कश्यप
19 साल की मन्नत कश्यप पटियाला से हैं। वह ऑलराउंडर हैं और मुख्य रूप से लेफ्ट आर्म बॉलिंग करती हैं। टूर्नामेंट से पहले वह मांकडिंग करते हुए चर्चा में आई थीं। इस टूर्नामेंट के 6 मैचों में उन्होंने 9 विकेट हासिल किए। वह पार्श्वी चोपड़ा के बाद भारत की दूसरी सबसे सफल बॉलर रहीं।
10. अर्चना देवी
18 साल की अर्चना देवी उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैं। वह टीम की फर्स्ट चॉइस ऑफ स्पिनर हैं। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत के लिए कई अहम मौकों पर विकेट चटकाए। फाइनल में 2 विकेट लेने काे साथ उन्होंने एक शानदार फ्लाइंग कैच भी पकड़ा। इस टूर्नामेंट के 7 मैचों में उन्होंने 8 विकेट लिए।
11. पार्श्वी चोपड़ा
16 साल की पार्श्वी चोपड़ा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली हैं। लेग स्पिनर ने टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा 11 विकेट लिए। इस दौरान उनकी इकोनॉमी भी महज 3.76 रही। वह सीनियर विमेंस-बी टीम से भी घरेलू क्रिकेट खेल चुकी हैं।
12. टिटास साधू
पश्चिम बंगाल के चिनसुरा में रहने वाली टिटास साधू 18 साल की हैं। दाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करने वाली साधू का पेस बेहतरीन है। फाइनल में इंग्लैंड का पहला विकेट उन्होंने ही लिया। इस टूर्नामेंट के 6 मैचों में उन्होंने 6 विकेट लिए।
13. शभनम शकील
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में रहने वालीं शभनम शकील 15 साल की हैं। तेज गेंदबाजी करने के लिए वह टीम इंडिया शामिल की गईं। इस टूर्नामेंट के 2 मैचों में उन्हें मौका मिला। इस दौरान उन्होंने एक विकेट भी लिया।
14. फलक नाज
उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज की रहने वाली फलक नाज 18 साल की हैं। वह बॉलिंग ऑलराउंडर हैं, लेकिन इस वर्ल्ड कप के एक भी मैच में उन्हें प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिला।
15. सोप्पाधंडी यशश्री
हैदराबाद से घरेलू क्रिकेट खेलने वाली सोप्पाधंडी यशश्री 18 साल की हैं। टीम में बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में शामिल यशश्री को स्कॉटलैंड के खिलाफ टीम ने मौका दिया। उस मैच में उनकी बैटिंग नहीं आई, लेकिन बॉलिंग से 2 ओवरों में 22 रन दिए थे।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.