जम्मू11 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर
विव्रांत शर्मा…जम्मू की गलियों में क्रिकेट खेलकर निकला 23 साल का लड़का। आज इस नाम के चर्चे चारों ओर हैं। कारण, शुक्रवार को कोच्ची में IPL-2023 के लिए हुए मिनी ऑक्शन में वे 2.6 करोड़ रुपए में बिके हैं। उन्हें हैदराबाद ने खरीदा। जबकि उनका बेस प्राइस महज 20 लाख था। शुक्रवार दिन भर चली इस नीलामी में विव्रांत के नाम पर खूब बोलियां लगीं। उन्हें खरीदने KKR और SRH में होड़ भी लगी। आखिरकार उन्हें हैदराबाद ने खरीद लिया। मिनी नीलामी से स्टार बने विव्रांत का शुरुआती करियर संघर्ष भरा रहा है। विव्रांत शर्मा के बड़े भाई विक्रांत शर्मा की मानें तो उनके भाई की तकदीर अब्दुल समद के बनाए वीडियो ने बदल दी। तो चलिए विव्रांत शर्मा के करोड़पति बनने की कहानी उनके बड़े भाई विक्रांत शर्मा की ही जुबानी जानते हैं…
विव्रांत 4 साल के थे तो मां चल बसी
हमारी मां का देहांत 2005 में हो गया था। उस समय विव्रांत 4 साल का होगा। उसके बाद पापा ने ही हम तीनों भाई-बहनों को संभाला। मैं विव्रांत से 10 साल बड़ा हूं। मां के जाने के बाद विव्रांत की देखभाल मैं ही करता था। वह मेरे ज्यादा करीब आ गया था। मैंने धीरे-धीरे क्रिकेट को अलविदा कह दिया। हालांकि विव्रांत आजाद क्रिकेट स्टेडियम कोचिंग सेंटर में कोच रणधीर सिंह (राजन सर) के पास जाता रहा।
2015 में पापा भी हम लोगों को छोड़कर चले गए। उसके बाद विव्रांत के करियर को संभालने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर पूरी तरह से आ गई। पापा के देहांत के समय विव्रांत करीब 15 साल का था। वह जम्मू से स्टेट खेलने लगा था। मुझे लगा कि विव्रांत क्रिकेट में कुछ कर सकता है। वह बेहतर तैयारी कर सके, इसलिए मैं भी उसके साथ स्टेडियम फिर से जाने लगा।
यह फोटो विव्रांत के मुंडन के समय की है। वह पापा के गोद में है और पीछे उनकी दादी हैं।
मैंने और सर ने उसकी फिटनेस पर काम शुरू किया। मैं वेलनेस कोच हूं। उसका वजन ज्यादा था। इसलिए राजन सर और मैंने उसकी फिटनेस पर काफी मेहनत की। वहीं गेंदबाजी के साथ उसकी बल्लेबाजी पर भी फोकस किया। मैं उसको गेंदबाजी करता था, ताकि उसकी बल्लेबाजी का अभ्यास हो सके।
धीरे-धीरे उसका चयन जम्मू -कश्मीर की विभिन्न ऐज ग्रुप की टीमों में होने लगा। हालांकि 16 साल में एक बार उसको टीम से ड्रॉप किया गया था, लेकिन फिर उसकी वापसी हुई और उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मिथुन मिन्हास के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ने के बाद उसको आगे बढ़ने का मौका मिला।
अंडर-14 में मैच के दौरान विव्रांत शर्मा।
6 साल की उम्र से क्रिकेट की शुरुआत
मेरे पापा का केमिकल का बिजनेस था। हम दो भाई और एक बहन हैं। मैं आजाद क्रिकेट स्टेडियम कोचिंग सेंटर में कोच रणधीर सिंह (राजन सर) के पास क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने के लिए जाता था। विव्रांत मेरे से 10 साल छोटा है। 6 साल की उम्र से मेरे साथ वह भी राजन सर के पास जाने लगा। मैं भी क्लब स्तर पर क्रिकेट खेल चुका हूं।
मैं भी लेफ्ट आर्म स्पिनर था। मुझे देखकर ही उसने गेंदबाजी शुरू की। हम दोनों को राजन सर ने क्रिकेट की बारीकियां बताईं, पर पारिवारिक परिस्थितियों के कारण मुझे क्रिकेट से दूर होना पड़ा।
येलो के निशान वाले विव्रांत शर्मा। यह फोटो अंडर-14 जम्मू टीम की है।
IPLके प्लेटफॉर्म तक पहुंचाने का श्रेय अब्दुल समद को
विव्रांत सनराइजर्स हैदराबाद के साथ पिछले सीजन से नेटबॉलर के तौर पर जुड़ा है। वहां तक ले जाने का श्रेय जम्मू के खिलाड़ी और सनराइजर्स हैदराबाद में पिछले तीन सीजन से खेल रहे अब्दुल समद को जाता है। मैं और मेरा भाई विव्रांत मौलाना आजाद क्रिकेट स्टेडियम कोचिंग सेंटर में कोच रणधीर सिंह (राजन सर) के पास ट्रेनिंग लेने के लिए जाते हैं। अब्दुल समद और उमरान मलिक दोनों ही वहीं पर प्रैक्टिस करते हैं।
पिछले सीजन में जब सनराइजर्स हैदराबाद से लेफ्ट आर्म स्पिनर राशिद खान दूसरी फ्रेंचाइजी में चले गए तो उन्हें एक लेफ्ट आर्म स्पिनर की तलाश थी। विव्रांत लेफ्ट स्पिनर हैं। समद इनकी गेंदों पर बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करते हैं। समद ने सनराइजर्स हैदराबाद के कोचिंग स्टाफ को विव्रांत के बारे में बताया और उनकी गेंदबाजी और बैटिंग का वीडियो बनाकर सनराइजर्स हैदराबाद के कोचिंग स्टाफ के पास भेजा। बाद में SRH की ओर से विव्रांत को हैदराबाद बुलाया गया। उसके बाद उनका सिलेक्शन नेटबॉलर के तौर पर हो गया।
लारा ने बल्लेबाजी, मुरलीधरन और बेदी ने गेंदबाजी को निखारा
विव्रांत की गेंदबाजी और बल्लेबाजी को निखारने में जम्मू के ही रणजी खिलाड़ी मिथुन मिन्हास सहित ब्रायन लारा और मुथैया मुरलीधरन और बिशन सिंह बेदी को जाता है। जब विव्रांत सनराइसर्ज हैदराबाद के नेटबॉलर बने तो वहां के कोचिंग स्टाफ में शामिल ब्रायन लारा ने उनकी बल्लेबाजी पर काम किया। वहीं ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने उनकी गेंदबाजी को निखारने में मदद की।
वहीं जब विव्रांत 14 साल के थे, तो उनका चयन नॉर्थ जोन के कैंप में हुआ था। उस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने उनकी गेंदबाजी को निखारने में काफी मदद की। उसके बाद उनकी गेंदबाजी में काफी सुधार हुआ।
विजय हजारे में 154 रन की पारी खेलने के बाद विव्रांत शर्मा(बायें) जम्मू टीम के कोच अजय शर्मा के साथ।
उम्मीद थी कि बिकेगा, पर 2 करोड़ से ज्यादा मिलेगा, ये नहीं सोचा था
मुझे उम्मीद थी कि मिनी ऑक्शन में कोई न कोई टीम विव्रांत को खरीद लेगी, क्योंकि ऑक्शन से पहले मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के ट्रायल में उसे बुलाया गया था। उसे चेन्नई सुपर किंग्स के ट्रायल में भी बुलाया गया था, पर वह घरेलू मैचों की वजह से नहीं जा सका।
वहीं इस साल घरेलू टूर्नामेंट में विव्रांत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। ऐसे में हमें भरोसा था कि केकेआर या सनराइजर्स हैदराबाद या मुंबई इंडियंस में से कोई न कोई उसे खरीद लेगा। इसलिए पूरे परिवार के साथ मैं IPLऑक्शन को देख रहा था।
जब केकेआर और सनराइजर्स के बीच इसको खरीदने को लेकर होड़ लगी तो मुझे लगा कि भाई की मेहनत और हमारे त्याग का फल मिल गया है। विव्रांत अभी रणजी टीम में शामिल है। उससे बात नहीं हो पाई है।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.