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- Motilal Oswal ; Bull Run In The Market Is Not Over Yet, This Fall Is Healthy Correction, Motilal Oswal Financial Services Chairman Ramdev Agarwal Still Bullish
नई दिल्ली13 घंटे पहलेलेखक: स्कन्द विवेक धर
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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल
सेंसेक्स 62 हजार से गिरकर 55 हजार पर आ गया है। इसका मतलब ये नहीं है कि भारतीय बाजार में बुल-रन खत्म हो गया है। यह एक करेक्शन है, जिसका डेढ़ साल से इंतजार था। निवेशकों को धीरे-धीरे खरीदारी करनी चाहिए। जाने-माने निवेशक और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने दैनिक भास्कर के स्कन्द विवेक धर से बातचीत में यह विचार जाहिर किए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश…
दो महीने में सेंसेक्स 62 हजार से गिरकर 55 हजार पर आ गया है। क्या बुल रन खत्म हो गया है?
बुल रन खत्म नहीं हुआ है। बुल रन के दौरान भी बाजार में करेक्शन आता है। बीते कुछ समय से सब अच्छा हो रहा था। कंपनियों के नतीजे अच्छे थे, विदेशी निवेशक लगातार निवेश कर रहे थे, 3-4 करोड़ नए निवेशक बाजार में आए थे। इसके चलते अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 तक बाजार लगातार चढ़ रहा था और इसमें एक हाइप क्रिएट हो गया था। अब इसमें एक हेल्दी करेक्शन आया है, जो बहुत जरूरी था।
बाजार की वर्तमान स्थिति में निवेशकों की क्या रणनीति होनी चाहिए?
निवेशकों को खरीदारी करनी चाहिए। लेकिन एकमुश्त नहीं, गिरावट में धीरे-धीरे उन कंपनियों के शेयर खरीदने चाहिए, जिसकी वैल्यूएशन अच्छी हो गई है। यहां से बाजार हजार-दो हजार पॉइंट और गिर सकता है। तब निवेश का और भी सुनहरा मौका होगा।
बीते डेढ़ साल में ज्यादातर आईटी कंपनियों के शेयर के दाम दोगुने हो चुके हैं। ऐसे में आप आईटी को लेकर बुलिश क्यों हैं?
पिछले डेढ़ साल को छोड़ दें तो आईटी कंपनियों की ग्रोथ ठहरी हुई थी। अब दुनियाभर में डिजिटल मूवमेंट शुरू हो रहा है। इसका फायदा भारतीय आईटी कंपनियों को मिलेगा। आईटी कंपनियों के लिए असली बिजनेस अब शुरू होगा। उन्होंने बीते एक साल में जो भर्तियां की हैं, वह 2023 से प्रोडक्टिविटी दिखाना शुरू करेंगे। आईटी सेक्टर ने वाय2के के समय जैसी तेजी देखी थी, उससे भी बड़ी तेजी देखने को मिलनी चाहिए। यह तेजी 5 से 10 साल तक चलेगी।
हाल में पेटीएम, जोमैटो, नायका जैसे टेक बेस्ड स्टार्टअप लिस्ट हुए हैं। इनमें निवेश को लेकर आपकी राय क्या है?
हमने अपनी वेल्थ क्रिएशन रिपोर्ट में एटम और बिट्स दो श्रेणियों की बात की है। एटम परंपरागत कंपनियां हैं, जबकि बिट्स डिजिटल कंपनियां। डिजिटल के रूप में बिजनेस जगत में एक बड़ा बदलाव हो रहा है। हमें इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। ये आने वाले समय में सबसे बड़े वेल्थ क्रिएटर बनेंगे। हालांकि, यहां भी हाइप से बचना चाहिए। ज्यादातर स्टार्टअप ओवर-वैल्यू पर लिस्ट हुए हैं। इनमें अभी करेक्शन आएगा। तब निवेश किया जा सकता है।
किसी शेयर का वैल्यूएशन मापने के पीई रेश्यो का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन हाल में कई शेयर की पीई 900 के पार तक पहुंच गई। ऐसे में क्या पीई का कोई महत्व रह गया है?
6-7 साल पहले भी पीई में काफी अंतर देखा जाता था। हाल में यह अंतर ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन कोई शेयर महंगा है या नहीं, ये पता लगाने में पीई अब भी कारगर है। हालांकि, सिर्फ पीई देखकर निवेश नहीं करना चाहिए। इसके साथ ग्रोथ, आरओआई, डिविडेंड आदि का भी आकलन करना चाहिए।
एफपीआई लगातार भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं। ऐसा कब तक जारी रहेगा?
भारत के बाजार ने दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वह महंगा हो गया था। सभी इंटरनेशनल ब्रोकरेज कंपनियों ने भारतीय बाजार की रेटिंग निगेटिव कर दी थी। इसलिए विदेशी निवेशक यहां से पैसे निकाल रहे हैं। इस करेक्शन के बाद जल्द ही भारतीय बाजार की रेटिंग में सुधार होगा। इससे विदेशी निवेशक वापस लौटने लगेंगे।
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