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पाकिस्तान3 दिन पहलेलेखक: शहीद हाशमी
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अक्टूबर 2007 की बात है, लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका की टीमें आमने-सामने थीं। जैसे ही कोई बॉल बाउंड्री लाइन के बाहर आती, 13 साल का एक बच्चा तेजी से उसकी तरफ लपकता और सबसे पहले पकड़ता।
उसके भीतर गजब का जोश और जुनून था। घर लौटने के बाद वो बच्चा रात को सो नहीं पाता। पूरी रात सपने में मोहम्मद युसूफ और साउथ अफ्रीका के एबी डी विलियर्स को खेलते देखता। तब किसी को नहीं पता था, ये बच्चा कौन है।
14 साल बाद यानी फरवरी 2021, जगह वहीं गद्दाफी स्टेडियम। एक बार फिर से पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका आमने-सामने, लेकिन इस बार वो बच्चा बाउंड्री लाइन के बाहर नहीं, बल्कि स्लिप में खड़े होकर फिल्डिंग सजा रहा था, पाकिस्तान टीम को लीड कर रहा था। तेज-तरार्र, मैच जिताऊ और दुनिया के टॉप बैट्समैन में शुमार बाबर आजम के रूप में उसकी पहचान बन गई थी।
आज पाकिस्तान की टीम उसी बाबर आजम की कप्तानी में वर्ल्ड कप रनरअप बनी है।
बाबर के बचपन की तस्वीर। बाएं बाएं अपने छोटे भाई के साथ खड़े हैं।
अब तक के सात सालों के करियर में बाबर ने हर फॉर्मेट में शानदार खेला है। उसने अपनी परफॉर्मेंस की बदौलत दुनिया के दिग्गज एनालिस्ट और कमेंटेटर्स को फैब फोर से फैब फाइव टीम बनाने पर मजबूर कर दिया। स्टीव स्मिथ, विराट कोहली, केन विल्यमसन और जो रूट के साथ अपना नाम भी दर्ज करा लिया।
फिलहाल बाबर दुनिया के नंबर वन वनडे प्लेयर हैे। टेस्ट में तीसरे और टी 20 में चौथे नंबर पर। टेस्ट में 43, ODI में 56.8, और टी20 में 47.32 का औसत, इंटरनेशनल क्रिकेट में उसकी धाक बताने के लिए काफी है।
अब बाबर की कहानी पर लौटते हैं। लाहौर के रहने वाले बाबर बचपन में अपने पिता के साथ गद्दाफी स्टेडियम मैच देखने आते थे। धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी क्रिकेट में बढ़ने लगी। एक बार तो बाबर ने जेपी डुमिनी का सिक्स बाउंड्री के बाहर लपक लिया था। तब कमेंटेटर्स ने उनकी तारीफ की थी।
पिता आजम सिद्दीकी भांप गए कि बेटे की दिलचस्पी क्रिकेट में है। उन्होंने बाबर को मुस्लिम मॉडल स्कूल में क्रिकेट की कोचिंग लेने के लिए भेजा। यहां मोहम्मद यूनिस कोच थे। बच्चे उन्हें मामा जुना कहते थे। मोहम्मद यूनिस ने सलीम मलिक और नासिर जमशेद जैसे प्लेयर्स को भी ट्रेनिंग दी थी।
यूनिस ने बाबर को पहले दिन ही एक सीख दी। वो सीख थी- सबसे पहले नेट पर और सबसे लास्ट में जाओ। बाबर ने इसे फॉलो भी किया। वो 7-8 किलोमीटर पैदल चलकर सबसे पहले क्लब आते, नेट प्रैक्टिस करते और सबसे आखिर में जाते।
इसके बाद बाबर को नया मंत्र मिला- पहली बॉल भी तुम खेलो और आखिरी बॉल भी। मतलब विकेट नहीं देना है।
अपने पिता आजम सिद्दीकी के साथ बाबर आजम। कुछ इस तरह बाइक पर बैठकर पिता के साथ प्रैक्टिस के लिए जाते थे बाबर।
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बाबर कहते हैं,’ पापा अक्सर क्लब में मेरा खेल देखने के लिए आते थे। कई बार तो वे बिना बताए चुपके से भी ग्राउंड में आ जाते थे। घर लौटने पर जब मैं उन्हें बताता कि आज ऐसा खेला, इस तरह हिट किया, तो वे मेरा झूठ पकड़ लेते थे और डांट भी लगाते। मैं खेलते वक्त ग्राउंड में इधर-उधर देखते रहता था कि पापा कहीं यहां मौजूद तो नहीं है। कभी-कभी पापा ग्राउंड के किसी कोने में चुपचाप खड़े नजर आते थे।’
इसके बाद बाबर का सिलेक्शन नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानी NCA के लिए हो गया। NCA यानी पाकिस्तान के युवा क्रिकेटरों की नर्सरी। एक दिन पाकिस्तान के पूर्व ओपनर और कोच मुदस्सर नजर की निगाह बाबर पर पड़ी। उन्होंने बाबर से कहा- ‘ बेटा बैटिंग पर ध्यान दो’। इसके बाद बाबर ने बैटिंग पर फोकस करना शुरू किया।
अपने परिवार के साथ बाबर आजम। बाबर के पिता लाहौर में वॉच रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे।
उन दिनों को याद करते हुए बाबर कहते हैं, ‘एक दिन मुदस्सर सर ने शोएब अख्तर को प्रैक्टिस सेशन में बुलाया और मुझसे कहा कि इनकी गेंद खेले। मुझे देखकर शोएब चौंक गए, लेकिन उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘बच्चे, तुम्हें बॉल को डीफेंड करना है। मैं ऊपर गेंद डालूंगा।’
बाबर कहते हैं,’दो से तीन बार मैंने डेड शॉट खेला, लेकिन उसके बाद मैं समझ गया कि इस गेंद का सामना कैसे करना है और अगली गेंद पर शॉट लगा दिया। शोएब थोड़े परेशान हुए और अगली बॉल बाउंसर डाल दी। मैंने उसे डक किया। दूसरी छोर पर खड़े मुदस्सर सर ने मुझे बुलाया और कहा कि डरो नहीं, फेस करो। इसके बाद शोएब जब भी ग्राउंड पर आते, तो मैं उन्हें फेस करता। एक बार तो उन्होंने ऐसी बाउंसर फेंकी जो मेरे सिर पर लगते-लगते बच गई।’
2020 में शोएब अख्तर ने बाबर आजम को लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘ये तब भी उतना ही टैलेंटेड था और आज भी है।’
मई 2008 में पाकिस्तान अंडर 15 क्रिकेट टीम क्लिको कप खेलने के लिए वेस्टइंडीज गई। फाइनल में वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान को हरा दिया, लेकिन 8 मैच में 436 रन बनाने वाले बाबर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने। इस सीरीज में बाबर ने 1 सेंचुरी और चारा हाफ सेंचुरी बनाई। इससे उनके कोच काफी खुश हुए।
मुदस्सर ने 2009 में कहा था,’हम चाहते थे कि बाबर धीरे-धीरे अपना गेम इम्प्रूव करें। हमने बाबर के साथ कभी जल्दबाजी नहीं की। बाबर NCA का रियल प्रोडक्ट है। अगर आप एक बार बाबर को बता दो कि तुम ये गलती कर रहे हो, तो वो उसके ऊपर घंटों प्रैक्टिस करता और फिर कभी वो गलती नहीं दोहराता।’
इसके बाद बाबर का सिलेक्शन अंडर 19 टीम में हो गया। 2009-10 की बात है,’पाकिस्तान की अंडर 19 टीम जिम्बाब्वे टूर पर गई। उस दौरे में बाबर 5 मैंचों में सिर्फ 41 रन ही बना पाए। इसके बावजूद सिलेक्टर्स ने उन्हें 2010 के ICC जूनियर वर्ल्ड कप के लिए चुना। उस सीरीज में बाबर ने 6 मैचों में 59.60 की औसत से 298 रन बनाए। इसमें एक सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी भी थी।’
2012 में ऑस्ट्रेलिया जूनियर वर्ल्ड कप के लिए बाबर को पाकिस्तान का कैप्टन बनाया गया। इस सीरीज में बाबर ने 57.40 की औसत के साथ 287 रन बनाए। जिसमें एक सेंचुरी और दो हाफ सेंचुरी शामिल थीं। इस सीरीज के बाद ही बाबर को पाकिस्तान के फ्यूचर प्लेयर के रूप में देखा जाने लगा। कई लोग तो उन्हें पाकिस्तान का फ्यूचर कैप्टन भी कहने लगे।
तस्वीर 2012 अंडर 19 एशिया कप की है। भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला टाई रहा था। आजम तब पाकिस्तान अंडर 19 के कैप्टन थे।
2014-15 के सीजन में कुईद-ए-आज्म सिल्वर लीग में बाबर ने 429 रन बनाए और फाइनल में 266 रन। इसके बाद प्रेसिडेंट गोल्ड कप सीरीज में बाबर ने 7 मैचों में 484 रन बनाए। औसत 97.40 का और तीन शतक।
2015 में बाबर की इंटरनेशनल क्रिकेट में एंट्री हुई। सामने थी जिम्बाब्वे, बाबर ने 60 गेंदों में 54 रन बनाए। अपने शुरुआती 15 ODI में बाबर ने पांच हाफ सेंचुरी बनाई और यहीं से बाबर की बैटिंग ने रफ्तार पकड़ी।
2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बाबर ने लगातार तीन सेंचुरी बनाई। फिर उसी साल एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और पैट कम्मिंस जैसे अटैक के सामने भी सेंचुरी बनाई। इसके बाद तो बाबर के नाम कई बड़े रिकॉर्ड जुड़ते गए।
सबसे तेज 2000 ODI रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी। सबसे तेज 1000 टी20 रन बनाने वाले दूसरे और चार इनिंग में सबसे तेज 2000 टी20 रन बनाकर विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा।
हालांकि शुरुआती दिनों में टेस्ट फॉर्मेंट में बाबर का कुछ खास नहीं कर पाए। उन्हें स्पिन खेलने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। बाबर ने पहली टेस्ट सेंचुरी 2018 में अपने 17वें मैच में लगाई। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तक बाबर 7 टेस्ट सेंचुरी लगा चुके हैं।
बाबर ने अपना पहला टी20 2016 में खेला। शुरुआत में उनका परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा। उनकी आलोचना भी हुई कि वो धीरे खेलते हैं और डॉट बॉल ज्यादा खेलते हैं। बाबर ने 2021 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 103 रनों की पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाया। ये उनका पहला टी20 शतक था। बाबर अब तक टी20 में दो शतक लगा चुके हैं।
विराट कोहली अच्छे हैं, तो एक बार बाबर आजम को खेलते हुए देखें- टॉम मूडी
शुरुआती दिनों में ही कई क्रिकेटर्स बाबर की तुलना विराट कोहली से करने लगे थे। इसको लेकर 2019 में बाबर ने कहा था,‘अभी मैं कोहली से बहुत पीछे हूं। वो एक मैच विनिंग प्लेयर हैं। मैं एक दो बार उनसे मिला हूं और अपनी कमजोरियों के बारे में बात किया हूं। मैं अलग-अलग सिचुएशंस मे कोहली को बैटिंग करते हुए देखता हूं और उससे सीखने की कोशिश करता हूं।’
बाबर कहते हैं कि कोहली से कंपेयर करना अच्छा है। वह बहुत शानदार प्लेयर हैं और ग्राउंड पर अपना सौ फीसदी देते हैं। मैं अभी अपने करियर के शुरुआती दौर में हूं, इसलिए कोशिश है विराट की तरह बनूं और अपनी टीम को जीत दिला सकूं।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर टॉम मूडी ने पिछले साल कहा था, ‘अगर आपको लगता है कि विराट कोहली अच्छे हैं, तो एक बार बाबर आजम को खेलते हुए देखें।’
हालांकि कोहली बाबर से काफी आगे हैं। कोहली ने 43 वनडे सेंचुरी में से 26 लक्ष्य का पीछा करते हुए लगाई है। जिसमें 22 में भारत को जीत मिली है और 17 में कोहली मैन ऑफ द मैच रहे हैं। जबकि बाबर , के टारगेट का पीछा करते हुए सिर्फ 4 ही शतक लगा पाए हैं। इनमें दो में ही वे पाकिस्तान को जीत दिला पाए हैं।
बाबर का कोहली के साथ रिलेशन भी अच्छा रहा है। बात पिछले साल टी20 वर्ल्ड की है। पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया। इसके बाद बाबर की कोहली के साथ बात करते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें दोनों हंसते हुए दिख रहे थे। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर ने काफी सुर्खियां बटोरी।
इस साल जुलाई में जब कोहली खराब फॉर्म से जूझ रहे थे, तभी भी बाबर ने ट्वीट कर कहा था कि ये वक्त भी गुजर जाएगा, मजबूत रहो। इस साल भी दुबई में एशिया कप प्रतियोगिता से पहले कोहली और बाबर ने हाथ मिलाया था।
कोहली से सीखा नेट्स पर कैसे बेहतर खेला जाए- बाबर
बाबर कहते हैं,’ शुरुआत में मैं नेट्स पर ज्यादा टाइम नहीं दे पाता था। कई बार जल्दी आउट हो जाता था। इससे मेरा पूरा दिन खराब हो जाता था। इसके बाद मैंने नेट प्रैक्टिस पर ध्यान देना कम कर दिया। इसका असर मेरे खेल पर दिखने लगा। एक बार मैंने कोहली से पूछा कि अगर मैं नेट्स में तीन या चार बार आउट हो रहा हूं या मैं वहां गेंद को ठीक से नहीं खेल पा रहा, तो क्या करूं।
तब कोहली ने मुझसे कहा कि आप नेट्स में जैसा खेलते हैं, जैसा सोचते हैं, वहीं चीज मैच में भी आपके साथ होती है। इससे मुझे काफी मदद मिली।’
बाबर कहते हैं,’मुझे एबी डिविलियर्स का कवर ड्राइव बहुत पसंद था। मैं इसे देखता था और रोज सीमेंट की पिच पर कॉपी करने की कोशिश करता था। शुरुआत में मैं कॉन्फिडेंस के साथ कवर ड्राइव नहीं मार पाता था। सीनियर्स कहते थे कि ये जुनून छोड़ दो, लेकिन जिस चीज से प्यार हो, उसे कैसे छोड़ता। मैंने अपनी कोशिश जारी रखी और धीरे-धीरे मैं बेहतर कवर ड्राइव करने लगा।’
पाकिस्तान के कोच रहे मिकी आर्थर का भी बाबर को निखारने में काफी अहम योगदान रहा है। उन्होंने बाबर को तकनीक भी सिखाई और हौसला भी बढ़ाया। वे बाबर से अक्सर कहते थे कि किसी भी कीमत पर अपना विकेट मत जाने दो। हर बॉल को ध्यान से खेलो। एक बार मिकी ने कहा था कि बाबर आजम उनके बेटे की तरह हैं।
इस साल अगस्त में एशिया कप के दौरान बाबर आजम से हाथ मिलाते हुए विराट कोहली। इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी। लोगों ने इस पर कई मीम्स शेयर किए।
लाइन लेंथ जल्दी पहचानना और देर से खेलना बाबर की मजबूती है
इतना ही नहीं पाकिस्तान के बैटिंग कोच रहे ग्रांट फ्लावर भी बाबर के प्रशंसक रहे हैं।
पिछले साल ग्रांट फ्लावर ने कहा था -‘जब पहली बार मैं बाबर से मिला तो उसकी तरफ बॉल फेंका। मैंने देखा कि वो बहुत जल्द बॉल की लाइन लेंथ भांप लेता है और देर से खेलता है। यानी उसकी आंखों का उसके हाथों से तालमेल अच्छा है। यही बड़े प्लेयर की निशानी है। स्टीव स्मिथ और विराट कोहली भी यही टेक्निक अपनाते हैं। मुझे लगता है वो जल्द बहुत सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा’
अक्टूबर 2019 की बात है। सरफराज को हटाकर पाकिस्तान ने बाबर आजम को तीनों ही फॉर्मेट्स की कप्तानी सौंप दी। इसके चर्चा छिड़ गई कि बाबर कप्तानी का प्रेशर नहीं झेल पाएंगे। हालांकि अभी भी बाबर को कप्तान बने ज्यादा वक्त नहीं गुजरा है। ऐसे में कुछ भी कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन उसने शुरुआत बढ़िया की है। बाबर की बैटिंग और डिसिप्लिन उनकी कप्तानी में भी झलकता है।
वनडे कप्तान बनने के बाद बाबर ने दो शतक लगाए। इसमें जिम्बाब्वे के खिलाफ उनकी टीम हार गई। क्रीज पर जमने के बाद भी वे गेम फिनिश नहीं कर पाए। जल्द ही उन्होंने ये कमी भी दूर कर ली और साउथ अफ्रीका के खिलाफ न सिर्फ शतक लगाया, बल्कि टीम को जीत भी दिलाई।
उनके कोच रहे मुदस्सर कहते हैं,’ पाकिस्तान को बाबर के रूप में नया क्रिकेट हीरो मिल गया है। जिसे देश के लिए अभी बहुत कुछ हासिल करना है। वो एक दिन जरूर महान खिलाड़ी बनेगा, लेकिन ये रातोंरात नहीं होगा। इसमें वक्त लगेगा।’
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