Best News Network

बजट 2022 में मेंटल हेल्थ का जिक्र: सीतारमण बोलीं- कोरोना ने मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला; जानिए इस पर क्यों है सरकार का फोकस

  • Hindi News
  • Happylife
  • Sitharaman Said Corona Had A Bad Effect On Mental Health; Know Why The Government’s Focus Is On This

40 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2022-23 का आम बजट पेश किया। अपने 1 घंटे 31 मिनट के भाषण में उन्होंने 35 सेकंड कोरोना महामारी में खराब होती मेंटल हेल्थ को भी दिए। सीतारमण ने कहा कि इस महामारी ने सभी उम्र के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है।

इस बार स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार का बजट अनुमान 86,606 करोड़ रुपए है, जो कि 2021-22 में 74,602 करोड़ रुपये से 16% ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 85,915 करोड़ रुपए है।

मेंटल हेल्थ पर बजट में क्या है खास

वित्त मंत्री सीतारमण ने ऐलान किया कि देश में मानसिक समस्याओं से निपटने के लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके लिए देश भर में 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। “टेलीमेंटल हेल्थ” का मतलब टेलीकम्युनिकेशन और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल सर्विस देना है।

निर्मला सीतारमण के अनुसार, देश भर में 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे।

निर्मला सीतारमण के अनुसार, देश भर में 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे।

सीतारमण के अनुसार, इन सेंटर्स में लोगों को मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों पर जागरूक किया जाएगा। उन्हें डॉक्टरों से सलाह और इलाज भी मिल सकेगा। इसका नोडल सेंटर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस बेंगलुरु होगा। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी बेंगलुरु इन केन्द्रों को टेक्निकल सपोर्ट देगा।

वित्त मंत्री ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म खोलने का भी ऐलान किया है, जिसकी मदद से देश में डिजिटल स्वास्थ्य ईकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें हेल्थ वर्कर्स और हेल्थ सेंटर्स की डिजिटल रजिस्ट्री की जाएगी। सभी की अलग पहचान होगी और इस फ्रेमवर्क के जरिए जनता तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने में आसानी होगी।

सरकार मेंटल हेल्थ बेहतर करने पर क्यों जोर दे रही?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डेटा के मुताबिक, कोरोना की वजह से भारत की 20% आबादी को मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। इनमें से 5.6 करोड़ लोग डिप्रेशन और 3.8 करोड़ लोग एंग्जाइटी डिसऑर्डर के शिकार हैं। मेंटल हेल्थ खराब होने के कारण जहां बच्चों और युवाओं के व्यवहार में बदलाव आते हैं, वहीं बूढ़े लोग डिप्रेशन की चपेट में आ जाते हैं। WHO का अनुमान है कि खराब मेंटल हेल्थ के कारण भारत को 2012 से 2030 के बीच में 1.03 ट्रिलियन (1 लाख करोड़) डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा।
  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ से साल 2020 के लिए जारी की गई रिपोर्ट भी परेशान करने वाली है। आंकड़े देखें तो आत्महत्या के मामलों में 2019 के मुकाबले 2020 में 10% इजाफा हुआ। आत्महत्या करने वाले इन लोगों में सबसे ज्यादा 24.6% दिहाड़ी पर काम करने वाले थे। कोरोना लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव इन्हीं लोगों की आजीविका पर पड़ा था।
  • 2019 में द लैंसेट साइकेट्री जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 19.7 करोड़ यानी हर 7 में से एक व्यक्ति किसी न किसी मानसिक विकार की चपेट में है। इन समस्याओं में डिप्रेशन, एंग्जाइटी, बायपोलर डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, आचरण विकार, औटिज्म आदि शामिल हैं।
  • 2021 में हुई एक रिसर्च में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) इंदौर के रिसर्चर्स ने कहा था कि आम जनता मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों को नहीं समझ पाती है और महामारी के समय ये “खामोश” समस्याएं चुप-चाप नजरंदाज की जा रही हैं।
  • रिसर्चर्स के मुताबिक, कोरोना में बढ़ रही चिंता ने लोगों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाला है। इन समस्याओं से जूझ रहे लोगों में आत्महत्या करने के ख्याल बढ़ते जा रहे हैं। इस चिंता के कारण पारिवारिक रिश्ते भी बिगड़े हैं, जिसके चलते घरेलू हिंसा और शराब की लत लगने के मामले बढ़े हैं।

खबरें और भी हैं…

Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our  Twitter, & Facebook

We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.

For all the latest Business News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsAzi is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.