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- Delhi’s Yash Dhull To Lead India U 19 Squad In Asia Cup Entire Family Sacrificed To Make Son A Cricketer
दिल्ली8 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर
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UAE में होने वाले अंडर-19 क्रिकेट एशिया कप के लिए यश ढुल को भारतीय टीम का कप्तान बनाया है। दिल्ली के जनकपुरी के रहने वाले यश ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा कि उनके पिता विजय कुमार का सपना था कि वह देश के लिए क्रिकेट खेले, लेकिन परिवार की आर्थिक समस्याओं की वजह से उनको क्रिकेट छोड़कर जॉब करना पड़ा। अब वो मुझमें अपने सपनों को देखते हैं। मेरी प्रैक्टिस प्रभावित न हो, इसलिए उन्होंने जॉब भी बदल लिया था।
ढुल ने बताया कि पापा कॉस्मेटिक कंपनी में काम करते हैं। हमेशा उन्हें ट्रैवल करना पड़ता था। वे समय नहीं दे पाते थे। मेरे प्रैक्टिस पर ध्यान नहीं दे पाते थे। उन्होंने जॉब बदल दिया। उस दौरान घर की आर्थिक स्थिति पर इसका असर पड़ा। पापा ने कई खर्चों में कटौती की, पर मेरे और दीदी पर इसका प्रभाव नहीं पड़ने दिया। उस दौरान दादा की पेंशन से हमारे घर का खर्च चलता था। मेरे दादा आर्मी से रिटायर्ड हैं।
यश ढुल अंडर-19 एशिया चैंपियनशिप के लिए इंडिया टीम के कैप्टन नियुक्त किए गए हैं।
दादा का भी बड़ा योगदान
यश ने बताया कि पापा जॉब करते थे, ऐसे में क्रिकेट की ट्रेनिंग और मैच में मेरे दादा (जगत सिंह ढुल) जी ही मुझे लेकर जाते थे। मुझे 6 साल की उम्र से बाल भवन और एयर लाइनर क्रिकेट एकेडमी में लेकर जाने लगे। जब तक मैं ट्रेनिंग करता मेरे दादा जी ग्राउंड के बाहर ही बैठकर मेरा इंतजार करते थे। वह कई बार मुझे मैच में भी लेकर जाते थे। वहां वह बैठकर मैच देखते थे। कई बार जब मैं खराब प्रदर्शन करता, तो वह मेरा हौसला अफजाई करते थे। हमेशा कहते थे कि आज खराब खेला है तो क्या हुआ, कल शानदार खेलोगे।
मां ने पहचानी मेरी प्रतिभा
मैं अन्य बच्चों की तरह क्रिकेट खेलता था। घर में भी हमेशा बैट और गेंद से खेलता रहता था। तब मां ने मेरी क्रिकेट में रुचि को देखकर पापा से एकेडमी में दाखिला कराने के लिए कहा था। मां के मेरे क्रिकेट की रुचि में बताने के बाद पापा घर के छत्त पर मुझे बैटिंग की प्रैक्टिस कराते थे।
यश ढुल दिल्ली के अंडर-16 और अंडर-19 के कप्तान रह चुके हैं।
प्रदीप कोचर ने बनाया बल्लेबाज
यश ने बताया कि वह मीडियम पेसर गेंदबाज बनना चाहते थे, वह गेंदबाजी करते थे। पर एयर लाइनर एकेडमी के कोच प्रदीप कोचर ने मुझे बल्लेबाज बनाया। उन्होंने ही मुझे बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कहा। उनके मार्गदर्शन की वजह से ही मैं बेहत्तर बल्लेबाजी की बदौलत अंडर-19 में टीम इंडिया के कप्तान के लायक बन पाया।
देश को खिताब दिलाना लक्ष्य
मेरा एक तरह से यह पहला इंटरनेशनल भी है। हालांकि इससे पहले बांग्लादेश की टीम जब भारत में आई थी, तब मैं खेला था। उस समय भारत की दो टीमों ने भाग लिया था। मैं दिल्ली की अंडर-16 और अंडर-19 में कप्तानी कर चुका हूं। मेरा लक्ष्य एशिया चैंपियनशिप में देश को खिताब दिलाना है। साथ ही मैं अपने बल्लेबाजी से प्रभावित करना चाहता हूं ताकि मुझे सीनियर में भी मौका मिले।
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