नई दिल्ली4 घंटे पहले
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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को अपनी हाइड्रोजन से चलने वाली कार टोयोटा मिराई में संसद पहुंचे। गडकरी पेट्रोल-डीजल को छोड़ फ्यूल के नए ऑप्शन की हमेशा बात करते रहते हैं और अब उन्होंने हाइड्रोजन कार चलाकर बता दिया कि फ्यूल का फ्यूचर हाइड्रोजन ही है। गडकरी के मुताबिक आत्मनिर्भर बनने के लिए, हमने ग्रीन हाइड्रोजन को पेश किया है जो पानी से पैदा होता है। यह कार पायलट प्रोजेक्ट है। अब देश में ग्रीन हाइड्रोजन का बनना शुरू होगा। ज्यादा इंपोर्ट पर रोक लगेगी और रोजगार के नए मौके मिलेंगे।
गडकरी ने बताया कि भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपए का मिशन शुरू किया है और जल्द ही हम हाइड्रोजन को एक्सपोर्ट करने वाले देश बन जाएंगे। (देश में) जहां भी कोयले का इस्तेमाल होगा वहां ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा।”
जनवरी में ही मंत्री ने बता दिया था कि वह जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाली नई कार में दिखाई देंगे। ये कार जापान की टोयोटा कंपनी की है और हाइड्रोजन ईंधन फरीदाबाद स्थित इंडियन ऑयल पंप से भरा जाएगा।
हाल ही में लॉन्च की थी टोयोटा मिराई
नितिन गडकरी ने इस महीने की शुरुआत में भारत का पहला हाइड्रोजन आधारित एडवांस्ड फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल टोयोटा मिराई लॉन्च किया। कंपनी का दावा है कि इस कार में सिर्फ पांच मिनट में ईंधन भरा जा सकता है। यह कार एक बार फुल टैंक ईंधन भरने पर 646 किमी तक की दूरी तय कर सकती है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ने यह अध्ययन करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है कि टोयोटा मिराई भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों के लिए कितनी सही है।
दो साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमत पेट्रोल व्हीकल्स के बराबर होगी
गडकरी ने संसद में भी वैकल्पिक ईंधन के बारे में बात की और कहा कि ग्रीन ईंधन से इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल की कॉस्ट कम हो जाएगी, जिससे उनकी कीमत अगले दो वर्षों में पेट्रोल से चलने वाले व्हीकल्स के बराबर हो जाएगी। उन्होंने ने कहा ये वैकल्पिक ईंधन दिल्ली के प्रदूषण स्तर को भी नीचे लाएगा।
गडकरी ने आगे बताया कि दो वर्षों के भीतर इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा के जैसी होंगी। लिथियम-आयन बैटरी की कीमतें कम हो रही हैं। हम जिंक-आयन, एल्यूमीनियम-आयन, सोडियम-आयन बैटरी की इस रसायन शास्त्र को विकसित कर रहे हैं। यदि पेट्रोल पर आप 100 रुपए खर्च कर रहे हैं, तो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर आप 10 रुपए खर्च करेंगे।
बेहद खास है ये कार
नितिन गडकरी ने 16 मार्च को टोयोटा मिराई फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक कार की खासियतों के बारे में एक वीडियो साझा किया था, जिसमें इस कार की खूबियों के बारे में बताया गया है।
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन हाइड्रोजन कार कैसे चलती है?
ग्रीन हाइड्रोजन पारंपरिक ईंधन का एक ऑप्शन है जिसे किसी भी व्हीकल पर इस्तेमाल किया जा सकता है। ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन मध्यम से लंबी दूरी की यात्रा के लिए काफी भरोसेमंद मानी जा रही है। ग्रीन हाइड्रोजन एक शून्य-उत्सर्जन ईंधन है। यानी इससे कोई प्रदूषण नहीं होगा। यात्रा के दौरान पानी के अलावा कोई उत्सर्जन नहीं होगा। एक कार में हाइड्रोजन भरने में 3 से 5 मिनट का समय लगेगा जैसे पेट्रोल भरने में लगता है। हाइड्रोजन से चलने वाली कार में, गैस को एक हाई-प्रेशर टैंक में स्टोर किया जाता है। फिर इसे बिजली पैदा करने के लिए फ्यूल सेल में भेजा जाता है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच प्रतिक्रिया से बिजली पैदा होती है।
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