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- EPF ; PF ; Tax Exemption Is Available On The Interest Received On This, There Will Be No Shortage Of Money After Retirement
नई दिल्ली17 मिनट पहले
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कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ रिटायरमेंट के लक्ष्य साधने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। लेकिन, यदि आप सरकारी नियमों के मुताबिक इसमें सिर्फ न्यूनतम निवेश (12%) करते रहेंगे तो हो सकता है कि रिटायर होने पर आपको उतनी रकम न मिले, जितनी उस दौरान जरूरत होगी।
ईपीएफ की सबसे बड़ी खूबी यह है कि एक तय सीमा तक इसमें निवेश बढ़ाने पर बतौर ब्याज होने वाली आय टैक्स-फ्री होती है। ज्यादातर दूसरे निवेश से होने वाली आय अमूमन टैक्सेबल होती है और इनमें छूट या कटौती की शर्तें होती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि ईपीएफ में ज्यादा से ज्यादा निवेश करें और ये भी सुनिश्चित करें इस फंड में आपका पैसा बढ़ता रहे।
रिटायर होने के बाद पैसे की तंगी न हो, इसके लिए आप लंबी अवधि के निवेश कर रहे होंगे। ईपीएफ, पीपीएफ, एनपीएस, इक्विटी और डेट फंड इनमें शामिल हैं। ईपीएफ में न्यूनतम निवेश अनिवार्य है, लेकिन इसे अधिकतम सीमा तक ले जाना सही फैसला हो सकता है। जानते हैं क्यों…
2.5 लाख रुपए निवेश की सीमा प्राइवेट कर्मियों के लिए
यदि आप किसी गैर-सरकारी संगठन या कंपनी में नौकरी करते हैं तो पीएफ में नॉन-टैक्सेबल निवेश की सीमा सालाना 2.50 लाख रुपए है। इसमें ईपीएफ और वॉलंटरी प्रॉविडेंड फंड (वीपीएफ) शामिल है। सरकारी कर्मचारियों के मामले में यह सीमा 5 लाख रुपए है। आप इस सीमा से ज्यादा भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन अतिरिक्त निवेश का ब्याज टैक्सेबल होगा।
ऐसे बढ़ाएं ईपीएफ में निवेश
- देखें कि ग्रॉस सैलरी से कटौती में ईपीएफ में अनिवार्य निवेश (बेसिक+डीए का 12%) की हिस्सेदारी कितनी है।
- हिसाब लगाएं कि देनदारियों, जरूरी खर्च और अन्य निवेश के बाद वीपीएफ में आप कितना निवेश कर पाने में सक्षम हैं।
- ध्यान रखें कि ईपीएफ में 2.50 लाख रुपए तक के टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट में से आपको अनिवार्य निवेश घटाना होगा।
वीपीएफ में निवेश के फायदे
- इसमें निवेश के लिए नियोक्ता को योगदान करने की जरूरत नहीं होती, जैसा कि ईपीएफ में होती है।
- वीपीएफ पर भी उतना ही ब्याज मिलता है, जितना ईपीएफ पर (अभी 8.15%) मिलता है।
- वीपीएफ में निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स लाभ भी मिलता है।
यदि आपकी बेसिक सैलरी+डीए 40,000 रुपए है
- ईपीएफ में अनिवार्य सालाना निवेश
- (40,000 का 12%)x12 = 57,600 रु.
- वीपीएफ में अधिकतम टैक्स-फ्री निवेश
- 2,50,000-57,600 = 1,42,000 रु.
- यानी यदि आप वीपीएफ में सालाना 1.42 लाख रुपए निवेश करेंगे तो ब्याज से होने वाली आय टैक्स-फ्री होगी।
वीपीएफ में निवेश ऐसे करें
आपको कंपनी के मानव संसाधन विभाग (एचआर) से बात करनी होगी। एचआर की मदद से आप वीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं। आपको अपनी सैलरी का कितना योगदान बढ़ाना है, इसके बारे में एक फॉर्म भरकर एचआर के पास जमा कराना होगा।
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