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- India Bans Pakistan Youtube Channel Website For Pushing Fake Content | All You Need To Now
9 मिनट पहले
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सरकार ने पाकिस्तान की 2 वेबसाइट और 20 यूट्यूब चैनल के ऊपर कैंची चलाई है। ये भारत में फेक न्यूज फैला रहे थे। साथ ही देश विरोधी गतिविधियों का अंजाम भी दे रहे थे। देश की इंटेलिजेंस एजेंसियों और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के इनकी पहचान की थी। ये सभी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे थे। इन पर कश्मीर, भारतीय सेना, अल्पसंख्यक समुदाय, राम मंदिर, CDS जनरल बिपिन रावत, कृषि कानूनों, CAA के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ पोस्ट आ रहे थे।
ग्राफिक
भारत में बैन किए गए यूट्यूब चैनल्स की लिस्ट
1. The Punch Line 11. Khalsa TV
2. The Naked Truth 12. News24
3. 48 News and Cover Story 13. Fictional
4. InternationalWeb News 14. Go Global
5. Naya Pakistan Global 15. eCommerce
6. Junail Haleem Official 16. Punjab Viral
7. Mohsin Rajput Official 17. Zain Ali Official
8. Najam Ul Hassan Bajwa 18. Tayyab Hanif
9. Historical Facts 19. Sadaf Durrani
10. Mian Imran Ahmad 20. Kaneez Fatima
पाकिस्तान से चल रहे यूट्यूब चैलन और वेबसाइट बैन इसलिए लगाया गया क्योंकि दे फेक कंटेंट को पोस्ट कर रहे थे। इस तरह के कंटेंट को लेकर यूट्यूब की पॉलिसी क्या कहती है? क्या सरकार चाहे तो आपके यूट्यब चैनल को बैन कर सकती है? आखिर किन-किन गलतियों की वजह से यूट्यूब चैनल पर बैन लगाया जा सकता है? इन तमााम सवालों के जवाब जानते हैं।
कंटेंट क्रिएटर के लिए यूट्यूब की पॉलिसी क्या कहती है?
गूगल ने यूट्यूब कंटेट क्रिएटर और चैलन चलाने वालों के लिए एक पॉलिसी बनाई है, जो उसके support.google.com पर दी है। इस पॉलिसी के मुताबिक, आप यूट्यूब से कमाई कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आपका चैनल, यूट्यूब पर कमाई करने से जुड़ी पॉलिसी को फॉलो करता हो। पॉलिसी में यूट्यूब के कम्यूनिटी दिशा-निर्देश, सर्विस की कंडीशन, कॉपीराइट और गूगल एडसेंस प्रोग्राम की पॉलिसी शामिल हैं। ये पॉलिसी उन लोगों पर लागू होती हैं जो ‘यूट्यूब पार्टनर कार्यक्रम’ में शामिल हैं या शामिल होना चाहते हैं।
- आप अपने वीडियो पर विज्ञापन दिखाने की सर्विस ऑन करके कमाई करना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि वे विज्ञापन देने वालों के लिहाज से अच्छे वीडियो बनाने के गाइडलाइन के मुताबिक हों।
- इस बात को पक्का करें कि आपने हर पॉलिसी को अच्छी तरह पढ़ लिया है। क्योंकि इन पॉलिसी से ही तय किया जाता है कि किसी चैनल पर कमाई करने की सुविधा दी जा सकती है या नहीं।
- यूट्यूब समीक्षक नियमित रूप से देखते रहते हैं कि कमाई करने वाले चैनल इन पॉलिसी का पालन कर रहे हैं या नहीं। वे पॉलिसी को किस तरह लागू करते हैं, इसकी जांच से जुड़ी जरूरी बातें।
ग्राफिक
यूट्यूब चैनल का रिव्यू करने से जुड़ी बातें
मेन थीम
ऐसे वीडियो जिन्हें सबसे ज्यादा देखा गया हो
नए वीडियो
ऐसे सब्जेक्ट वाले वीडियो जिन्हें देखने का कुल समय सबसे ज्यादा हो
वीडियो का मेटाडेटा (इसमें टाइटल, थंबनेल और डिटेल शामिल है)
यूट्यूब के कम्यूनिटी गाइडलाइन का फॉलो नहीं किया तब क्या होगा?
कम्यूनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले वीडियो से कमाई नहीं कर पाएंगे। उसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। यूट्यूब से कमाई करने वाले क्रिएटर्स को यह पता होना चाहिए कि दिशा-निर्देश, किसी खास वीडियो पर ही नहीं, बल्कि पूरे चैनल पर लागू होते हैं। ऐसे में क्रिएटर को इन तमाम बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
ग्राफिक
यूट्यूब से कमाई करने वाले इन बातों का ध्यान रखें
स्पैम, गुमराह करने वाली गतिविधियां और धोखाधड़ी
नेकेड और सेक्शुअल कॉन्टेंट
बच्चों की सुरक्षा
नुकसान पहुंचाने वाला या खतरनाक कंटेंट
नफरत फैलाने वाली भाषा
उत्पीड़न और इंटरनेट पर धमकाना
यदि आप कंटेंट क्रिएटर के तौर पर यूट्यूब की गाइडलाइन को फॉलो नहीं करते हैं, तो न सिर्फ आप उस वीडियो से पैसे कमा पाएंगे। बल्कि आपके चैनल पर भी बैन लगा दिया जाएगा। फिर जब तक उसका रिव्यू नहीं किया जाता वो बैन ही रहेगा। यूट्यूब अपनी गाइडलाइन को लेकर काफी सख्ती दिखाता है।
सरकार की ताकत बने नए IT नियम
भारत सरकार ने इसी साल 26 मई से नए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 लागू किए हैं। नए IT नियम 16 की आपातकालीन शक्तियों की बदौलत सरकार ने इन चैनलों और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया। सरकार ने नए नियमों के इस मंशा के साथ तैयार किया था कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की घटनाओं को रोका जा सके। इनमें आतंकवादियों की भर्ती के लिए लालच देना, आपत्तिजनक कंटेंट का सर्कुलेशन, वित्तीय धोखाधड़ी, हिंसा को बढ़ावा देने जैसे कई मुद्दे शामिल थे।
- अगर सोशल मीडिया पर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है, तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
- कोई अदालत या सरकारी संस्था किसी आपत्तिजनक, शरारती ट्वीट या मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी मांगती है, तो कंपनियों को देनी होगी।
- कंपनियों को तीन महीने में चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर, नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन, रेसिडेंट ग्रिवांस ऑफिसर अपॉइंट करने होंगे। ये भारतीय नागरिक होंगे।
- जो यूजर अपना वैरिफिकेशन चाहता हो, सोशल मीडिया कंपनियों को उसे इसकी व्यवस्था देनी होगी। जैसे ट्विटर वैरिफाइड अकाउंट को ब्लू टिक देता है।
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