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- WFI President Brij Bhushan Sharan Singh Poem; Wrestlers Sexual Harassment Case| Vinesh Phogat Bajrang Punia Sakshi Malik
पानीपत8 मिनट पहले
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एक तरफ भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ पहलवानों का जंतर मंतर पर पिछले पांच दिनों से प्रदर्शन जारी है, तो दूसरी तरफ कैसरगंज से बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक कविता की कुछ पंक्तियां गाकर अपनी भावनाओं का इजहार खुलकर किया है।
बीजेपी सांसद ने एक कविता की कुछ पंक्तियों का जिक्र उस समय किया है, जब दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। इस मामले में आज हरियाणा और वेस्ट यूपी खाप पंचायत के नेता जंतर-मंतर पर पहुंचकर और तूल दे सकते हैं। खास बात यह है कि बृजभूषण शरण सिंह ने कविता के जरिए बहुत कुछ कहने की कोशिश की है। लगता है इसके जरिए उन्होंने जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों को विशेष संदेश देना चाह रहे हैं।
शुरुआत में कहा- आज के समय में याद आ रही कविता
दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह एक कविता गाते हुए भावुक नजर आए हैं। उन्होंने कहा है कि मुझे एक कविता याद आ रही है। आज के समय में- जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा, जिस दिन संघर्षों में जाली लग जाएगी, जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी, उस दिन जीवन से मृत्यु कहीं बढ़ जाएगी। बीजेपी सांसद यहीं नहीं रुके। इसके आगे उन्होंने कहा कि, मित्रों जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा, क्या खोया, क्या पाया है, और जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है। जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मैं लाचार हूं, बेचारा हूं। ऐसी जिंदगी को जीना मैं पसंद नहीं करूंगा और चाहूंगा, ऐसी जिंदगी जीने के पहले मृत्यु मेरे करीब आ जाए।
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