नई दिल्ली23 मिनट पहले
बाजार में निवेशकों के लिए कई तरह की सेविंग स्कीम्स मौजूद है। इसमें सबसे कॉमन स्कीम फिक्स्ड डिपॉजिट है जो अब तक फिएट करेंसी में ही उपलब्ध थी। फिएट करेंसी यानी रुपए, डॉलर, यूरो जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल होता है। अब बाजार में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ऐसे प्रोडक्ट आ गए हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह निश्चित रिटर्न का वादा कर रहे हैं। कुछ एक्सचेंज अपने इसे प्रोडक्ट को फिक्स्ड डिपॉजिट बता कर बेच रहे हैं तो कुछ इसे क्रेडिट मार्केट प्रोडक्ट बता रहे हैं।
भारत में आम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स में जहां आपको 5%-7% का एनुअल रिटर्न मिलता है, तो वहीं किप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में स्कीम के आधार पर 10-40% तक का एनुअल रिटर्न देने का वादा किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी जैसे वोलेटाइल (बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव होना) एसेट में फिक्स्ड रिटर्न के वादे पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि किप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना कितना सुरक्षित है? इसके क्या रिस्क है? ये आम फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स से कैसे अलग है?
क्रिप्टोकरेंसी फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर करने वाली एक कंपनी है बिटबन्स (Bitbns)। बिटबन्स के हेड गौरव दहाके बताते हैं कि एक्सचेंज पर पहले से ही ट्रेडर्स के लिए एक ऑप्शन मौजूद था जिसमें वो उधार ले सकते थे और अपने टोकन उधार दे सकते थे। उधार लेने वालों को अपेक्षित रिटर्न के आधार पर उधार देने वालों को निश्चित ब्याज का भुगतान करना पड़ता था। इसी प्रोडक्ट को अब सुविधाजनक बनाकर फिक्स्ड डिपॉजिट नाम दिया गया है। इस प्रोडक्ट के तहत कलेक्ट किए गए टोकन उन लोगों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं जो उन्हें निश्चित ब्याज पर उधार लेना चाहते हैं।
एक्सचेंज ब्याज का भुगतान कैसे सुनिश्चित करता है?
दहाके ने कहा कि जो भी टोकन उधार लेता है उससे टोकन के बदले में कोलेटरल लिया जाता है। कोलेटरल यानी ऐसा एसेट जो उधार लेने वाले को सिक्योरिटी के रूप में देना होता है। बिटबन्स से टोकन उधार लेने वालों को 110% कोलेटरल मेंटेन करना होता है। कोलेटरल की वैल्यू 110% से नीचे आने पर प्रिंसिपल और इंटरेस्ट सुनिश्चित करने के लिए एक्सचेंज इसे लिक्विडेट कर देता है। यानी उसे बेच देता है। इससे फिक्स्ड डिपॉजिट करने वाले ग्राहकों को समय पर ब्याज समेत उनके टोकन देने में परेशानी नहीं आती। वहीं एक और एक्सचेंज वॉल्ड भी इसी तरह का एक प्रोडक्ट ऑफर करता है। वॉल्ड से उधार लेने वालों को 150% का कोलेटरल मेंटेन करना होता है।
अगर क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम हो गई तो क्या होगा?
क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही ज्यादा वोलेटाइल है। रोजाना इसमें बड़ा उतार-चढ़ाव होता है। इसलिए क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से पहले इससे जुड़े जोखिम की जानकारी जरूरी है। क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या जोखिम है इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए की आपने एक बिटकॉइन का 30 दिनों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट किया। इस पर आपको 12% के एनुअल रिटर्न का वादा किया गया है। निवेश करते समय बिटकॉइन की वैल्यू रुपए में 50,00000 थी। यदि बिटकॉइन की कीमतें मैच्योरिटी तक 20% गिर जाती है तो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया बिटकॉइन और रिटर्न तो मिलेगा, लेकिन रुपए के हिसाब से कीमत कम हो जाएगी।
एक्सचेंज के पास आपके टोकन कितने सुरक्षित है?
क्रिप्टो फिक्स्ड डिपॉजिट में दूसरी चिंता टोकन की कस्टडी को लेकर है। यानी अगर कोई एक्सचेंज रातो-रात टोकन लेकर फरार हो गया तो क्या होगा? इसे लेकर दहाके ने कहा, ‘बिटबन्स भारत में कस्टोडियन सर्विस के लिए फिडेलिटी डिजिटल एसेट्स के साथ बात कर रहा है। फिडेलिटी अमेरिका में ऐसी सर्विस प्रदान करती है। भारत में इस सर्विस के आने के बाद टोकन की सुरक्षा से जुड़ी चिंता कम हो जाएगी। वहीं एक और एक्सचेंज वॉल्ड बिटगो नाम के एक कस्टोडियन के साथ काम करता है। बिटगो टोकन की सुरक्षित कस्टडी के लिए ग्लोबल लेवल पर अपनी सर्विस ऑफर करता है।
क्या इस प्रोडक्ट को फिक्स्ड डिपॉजिट कहना सही है?
वॉल्ड के को-फाउंडर दर्शन भटीजा इसे क्रेडिट मार्केट प्रोडक्ट के रूप में देखते हैं। ये वैसा ही है जैसे पैसों को घर में रखने के बजाए यील्ड अर्निंग इंस्ट्रूमेंट में लगाना। यील्ड का मतलब एक निश्चित अवधि के लिए किए निवेश पर मिला रिटर्न है। ये प्रतिशत में होता है। क्रिप्टो के मामले में भी आप अपने टोकन को वॉलेट में रखने के बजाय यील्ड अर्निंग इंस्ट्रूमेंट में लगाते हैं। यहां जो आय अर्जित होती है वह पूरी तरह से बाजार में टोकन की मांग और आपूर्ति पर आधारित है। यह अलग-अलग टोकन के लिए अलग-अलग है। यानी ऐसा हो सकता है कि बिटकॉइन पर आपको ज्यादा डिमांड वाले टोकन की तुलना में कम यील्ड मिले।
फिएट करेंसी FD में आपको कितना ब्याज मिलता है?
अलग-अलग टर्म और स्कीम्स के हिसाब से बैंक और पोस्ट ऑफिस आपको FD पर अलग-अलग इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं। यहां आपको औसत 5%-7% का एनुअल रिटर्न मिलता है। इन स्कीम्स में सीनियर सिटीजन्स को ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जाता है। जैसे पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में अभी 7.4% का ब्याज मिल रहा है।
वहीं अगर पोस्ट ऑफिस के 15 साल के पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की बात करें तो इसमें फिलहाल 7.1% का ब्याज मिल रहा है।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.