मुंबई23 मिनट पहले
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इंडस्ट्रियल कॉरीडोर्स का विकास कर सरकार ने भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर फोकस किया है, जिसकी वजह से रियल एस्टेट डेवलपमेंट के अवसर कई गुना बढ़ गए हैं। यही वजह है कि वेयरहाउसिंग, फुलफिलमेंट सेंटर्स, डेटा सेंटर्स, हॉस्पिटैलिटी, लैब ऑफिस जैसी नई रियल एस्टेट एसेट्स की मांग टियर-2 और टियर-3 शहरों सहित अन्य स्थानों पर भी बढ़ रही है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख ने मुंबई में दैनिक भास्कर ग्रुप के रियल एस्टेट कॉन्क्लेव-2023 में दी। कॉन्क्लेव में देशभर के प्रमुख शहरों से डेवलपर्स शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देश में शहरीकरण का ट्रेंड अभी भी जारी है। अभी करीब 32 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है जो साल 2030 तक बढ़कर 40% होने की उम्मीद है।
उन्होंने टियर-2 और टियर-3 शहरों के डेवलपर्स को सलाह दी कि वे रियल एस्टेट मार्केट को अधिक किफायती और मध्य-आय वाले आवास स्टॉक का बनाएं और एक साथ कई प्रोजेक्ट को लॉन्च करने की महत्वाकांक्षी कोशिश से बचें। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त करीब 2.9 करोड़ मकानों की कमी है। और हाल ही में जारी एक पूर्वानुमान के अनुसार भारतीय रियल एस्टेट मार्केट वर्ष 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा।
कस्टमर संतुष्ट हो तो ज्यादा लाभ होगा: गौतम सिंघानिया
रेमंड ग्रुप के एमडी गौतम सिंघानिया ने सुझाव दिया कि डेवलपर्स को कस्टमर को सही प्राइज पर अच्छे सुविधायुक्त अपार्टमेंट देने पर फोकस करना चाहिए। यदि कस्टमर संतुष्ट होता है, तो ज्यादा लाभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि नेगेटिव वर्किंग कैपिटल पर रियल एस्टेट में कैसे काम किया जा सकता है।
सिंघानिया ने एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख की तरह टर्नओवर कैश फ्लोर के आधार पर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी फ्लैट की बिक्री होगी, उतना अधिक व्यवसाय के लिए कैश उपलब्ध होगा। इस दौरान डेवलपर्स के सवालों पर सिंघानिया ने बताया कि फिलहाल उनका फोकस मुंबई पर ही है और टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर रुख करने का इरादा नहीं है।
डेवलपर्स रेसिंडेशियल लीजिंग पर भी विचार करे: अंकुर गुप्ता
ब्रुकफील्ड रियल एस्टेट ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर अंकुर गुप्ता ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में रियल एस्टेट इंडस्ट्री के विकास और भविष्य पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने डेवलपर्स को करीब 10 साल की लंबी प्लानिंग कर काम करने की सलाह देते हुए कहा कि अब डेवलपर्स को रेसिंडेशियल लीजिंग के बारे में भी विचार करना चाहिए।
ब्रुकफील्ड रियल एस्टेट ग्रुप के MD अंकुर गुप्ता ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में रियल एस्टेट इंडस्ट्री के विकास और भविष्य पर विस्तार से जानकारी दी
इंडस्ट्री को अपनी विश्वसनीयता खत्म नहीं होने देना चाहिए: नवनीत मुनोत
रियल एस्टेट में लागत कम करें? इस पर कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ग्रुप प्रेसिडेंट और एमडी निलेश शाह और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ नवनीत मुनोत ने जानकारी दी। शाह ने कहा कि डेवलपर्स को अपना ऐसा भरोसा कायम करना चाहिए कि कस्टमर जिस भाव पर फ्लैट या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदता है। उससे कम भाव पर पैसा मिल जाए। मुनोत ने कहा कि इंडस्ट्री को अपनी विश्वसनियता खत्म नहीं होने देना चाहिए।
रियल एस्टेट कॉन्क्लेव-2023 में मंगलम बिल्डर्स के चेयरमैन एन.के. गुप्ता, आनंद सिंघानिया (रायपुर), संजीव अग्रवाल (भोपाल) और सुजोय गुप्ता (नासिक) ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपनी सफलता के अनुभव साझा किया। जिससे देशभर से आए डेवलपर्स को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिले।
कॉन्क्लेव में दैनिक भास्कर के प्रमोटर डायरेक्टर गिरिश अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिले इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर साझा प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए प्रॉफिट का कुछ हिस्सा रिसर्च और डेवलपमेंट पर भी खर्च करना चाहिए।
गेरा डेवलपमेंट के एमडी रोहित गेरा ने सलाह दी कि डेवलपर्स को अपनी क्षमता से बाहर जाकर काम नहीं करना चाहिए। गोदरेज प्रॉपर्टीज के मोहित मल्होत्रा ने कहा कि टॉप टेलेंट और ईमानदार कर्मचारियों की नियुक्ति के साथ ही उन पर विश्वास जताने से बिजनेस ग्रोथ में मदद मिलती है।
इन दिनों टियर-2 और टियर-3 शहरों के कस्टमर मेट्रो शहरों जैसी क्वालिटी की डिमांड करते हैं। डेवलपर्स को कस्टमर की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए बॉशर में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए।
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