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- Biometric Door Locks; What Are Fingerprint Door Locks? Kam Kaise Karte Hain?
नई दिल्ली4 मिनट पहलेलेखक: नरेंद्र जिझोतिया
बात ताले की हो, तो बात अलगीढ़ की भी होगी। आज भी मजबूती के मामले में अलीगढ़ के ताले का नाम चलता है। इस ताले से जुड़ा किस्सा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बता चुके हैं। अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में पीएम ने कहा था कि आज तक लोग अपने घर और दुकान की सुरक्षा के लिए अलीगढ़ ताले के भरोसे रहते हैं। अब अलीगढ़ के स्मार्ट डोर लॉक इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पहचान बनाने को तैयार हैं।
मार्केट में अब बायोमेट्रिक डोर लॉक की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। यानी आपकी उंगली के टच से खुलने वाले ताले। अलीगढ़ में अब ऐसे ही ताले तैयार किए जाएंगे। इन नेक्स्ट जनरेशन लॉक में ताइवान की टेक्नोलॉजी और अलीगढ़ की मजबूती मिलेगी। अभी बायोमेट्रिक और डिजिटल लॉक में चीन सबसे आगे है। चलिए इस स्टोरी में इन्ही डिजिटल लॉक के बारे में जानते हैं।
क्या है डिजिटल या बायोमेट्रिक डोर लॉक?
बायोमेट्रिक एक ऐसा सिस्टम है जो आपको फिंगरप्रिंट को स्कैन करके उसका डेटा स्टोर करता है। इन ताले पर एक टच पैनल या स्क्रीन होती है, जिसमें थर्मल या ऑप्टिकल स्कैनर दिया होता है। इसी पर फिंगर को रखा जाता है। स्क्रीन के अंदर लगे सेंसर आपके फिंगरप्रिंट को स्कैन करके स्टोर डेटा से मिलाते हैं। डेटा मैच होने के बाद लॉक खुल जाता है। आधारकार्ड बनावाने या उसे अपडेट कराने के दौरान बायोमैट्रिक प्रोसेस से गुजरना होता है।
नेक्स्ट जरेशन स्मार्ट लॉक की खूबियां
अलीगढ़ के ताले में अब ताइवान की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी इसमें हाईटेक मजबूती शामिल हो जाएगी। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) ने ताइवान से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कराने को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। इन तालों में अब चिप और इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का इस्तेमाल किया जाएगा।
इन तालों में स्मार्ट कार्ड और बॉयोमैट्रिक वैरिफिकेशन (फिंगरप्रिंट और फेस रीडिंग) कंट्रोल मिलेगा। इन्हें स्मार्टफोन से भी कंट्रोल होंगे। वाईफाई से कनेक्ट होने के बाद इन्हें घर से दूर रहकर ऐप की मदद से ऑपरेट कर पाएंगे। ताले में सेफ्टी के लिहाज से सायरन और अलर्ट सिस्टम भी होगा। इन्हें USB चार्जर की मदद से चार्ज किया जाता है। सिंगल चार्ज पर ये 6 महीने तक का बैकअप देते हैं।
अलीगढ़ के तालों से चीन को मिलेगी चनौती
अभी अलीगढ़ में मैकेनिकल लॉक तैयार किए जाते हैं। हालांकि, इनमें फिजिकल कंट्रोल मिलता है। यानी इन्हें चाबी से खोला या बंद किया जाता है। अब ज्यादातर जगहों पर स्मार्ट और डिजिटल लॉक का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसी वजह से अलीगढ़ के तालों की डिमांड कम होती जा रही है। हालांकि, ताइवान टेक्नोलॉजी जब इन तालों में जुड़ जाएगी तब ये स्मार्ट लॉक के सबसे बड़े खिलाड़ी चीन को डायरेक्ट टक्कर देंगे।
2027 तक 1.34 लाख करोड़ रुपए का होगा डिजिटल डोर लॉक का बाजार
कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटल डोर लॉक की ग्लोबल मार्केट में तेजी से डिमांड बढ़ी है। 2020 तक इसका बाजार 3.3 बिलियन डॉलर (करीब 24 हजार करोड़ रुपए) का हो गया था। माना जा रहा है कि 2027 तक इसका मार्केट 17.9 बिलियन डॉलर (करीब 1.34 लाख करोड़ रुपए) का हो जाएगा। यानी 2020 से 2027 तक इसमें कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 27.5% की होगी। अगले 7 सालों में अमेरिकी बाजार में डिजिटल डोर लॉक का मार्केट 983.6 मिलियन डॉलर (करीब 7 हजार करोड़ रुपए) तक पहुंचने की संभावना है। जबकि, चीन में इसके कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 26.7% की होगी।
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