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- Aadhaar Violation Fines Rs 1 Crore; Modi Government Notified Rules To UIDAI
मुंबई5 दिन पहले
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सरकार ने आधार कार्ड के उल्लंघन को रोकने के लिए बड़ा फैसला किया है। अब ऐसे मामलों में एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगेगा। हालांकि किसी भी ऐसे फैसले के खिलाफ चुनौती भी दी जा सकती है। इसकी व्यवस्था भी सरकार ने की है।
सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
सरकार ने इस मामले में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके मुताबिक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को यह अधिकार दिया गया है। UIDAI के पास किसी भी आधार कार्ड के उल्लंघन की शिकायत पर एक करोड़ रुपए जुर्माना लगाने का अधिकार होगा। UIDAI इसके लिए निर्णायक अधिकारियों को नियुक्त करेगा, जो इसे लागू करेंगे।
दो साल पहले बनाया गया था कानून
दरअसल इस संबंध में दो साल पहले कानून बनाया गया था। लेकिन उस समय किसी भी तरह का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ था। अब सरकार ने इस पर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार ने 2 नवंबर को UIDAI (जुर्माने का अधिनिर्णय) नियम, 2021 को नोटिफाई किया। इसके तहत UIDAI, अधिनियम या UIDAI के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए आधार इकोसिस्टम में किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। UIDAI की तरफ से मांगी जरूरी जानकारी भी देनी होगी।
ज्वॉइंट सेक्रेटरी रैंक का होगा अधिकारी
नोटिफिकेशन के नियमों में कहा गया है कि निर्णायक अधिकारी भारत सरकार के संयुक्त सचिव (ज्वॉइंट सेक्रेटरी) के पद से नीचे का नहीं होगा। उसके पास 10 साल या उससे ज्यादा का काम का अनुभव होगा। कम से कम तीन साल के अनुभव के साथ कानून, प्रबंधन, सूचना टेक्नोलॉजी या कॉमर्स के किसी भी विषय में प्रशासनिक या तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है।
निर्णायक अधिकारी करेंगे फैसला
UIDAI की तरफ से नियुक्त निर्णायक अधिकारी ऐसे मामलों का फैसला करेंगे। ऐसी संस्थाओं पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगा सकते हैं। हालांकि इस फैसले को टेलिकॉम विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण में चुनौती दी जा सकती है। सरकार इसके लिए आधार और अन्य कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 लाई थी, ताकि UIDAI को प्रवर्तन कार्रवाई करने के लिए रेगुलेटर की तरह ही अधिकार मिल सकें।
अभी तक नहीं था UIDAI के पास अधिकार
आधार अधिनियम के तहत अभी तक आधार इकोसिस्टम में गलत संस्थाओं के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई करने के लिए UIDAI के पास अधिकार नहीं था। 2019 में पारित कानून में तर्क दिया गया था, “निजता की रक्षा के लिए और UIDAI की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए इसे संबोधित करने की जरूरत है। आधार अधिनियम में एक और नया चैप्टर जोड़ा गया।
अपने अधिकारी को नामित कर सकता है UIDAI
नियमों के मुताबिक, UIDAI अपने किसी अधिकारी को प्रजेंटिंग ऑफिसर के रूप में नामित कर सकता है। यह अधिकारी ही प्राधिकरण की ओर से मामले को निर्णायक अधिकारी के सामने पेश करेगा। इस समय सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से लेकर सिम कार्ड, पैन कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न आदि सभी जगह आधार को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में कई बार आधार का दुरुपयोग किया जाता है।
अब सरकार ने इस दुरुपयोग को रोकने के लिए ही नोटिफिकेशन के साथ 1 करोड़ रुपए का भारी-भरकम जुर्माने की शर्त भी रख दी है।
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