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- 83 Thousand Indian Companies In Dubai; 11,000 Registered Last Year, Emirates’ Wealth Funds Invested Rs 2.78 Lakh Crore In India
दुबईएक दिन पहले
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दुबई में चहलपहल से दमकते मीनाबाजार के बीच खड़े होकर नहीं लगता कि आप मुंबई से सैकड़ों किलोमीटर दूर हैं। बाजार की गलियों में बिरयानी वाला एंड कंपनी, मिनी पंजाब रेस्तरां और तनिष्क ज्वेलरी जैसे नामों की भरमार है।
हिंदी, मलयालम और अरबी भाषा में दुकानों के साइनबोर्ड नजर आते हैं। मीनाबाजार भारतीय बिजनेस के बढ़ते विशाल नेटवर्क की झलक दिखाता है। स्थानीय बिजनेस चैम्बर के अनुसार भारतीयों के स्वामित्व की 11 हजार कंपनियां 2022 में दर्ज हुई हैं। इन्हें मिलाकर कुल भारतीय कंपनियों की संख्या 83 हजार हो गई है।
UAE में 35 लाख भारतीय
भारतीय कंपनियों के पीछे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहने वाले 35 लाख भारतीय खड़े हैं। इन आप्रवासियों ने 2021 में 1.63 लाख करोड़ रुपए से अधिक भारत भेजे हैं। यूएई के लिए भारत फूड, जेम्स, ज्वेलरी, चमड़े की वस्तुएं, दवाइयों और निवेश के अवसरों का स्रोत है। भारत के लिए यूएई पूंजी का महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
1973 में ऐसी स्थिति अकल्पनीय थी जब भारतीय साड़ियों वाले एक स्टोर का नाम मीनाबाजार रखा गया था। अबू धाबी बहुत गरीब था। 1966 तक भारतीय रुपए का एक वर्जन यहां की करेंसी-एक्सटर्नल रुपी था। पूरा अंतरराष्ट्रीय कारोबार बंबई के जरिये होता था। पचास साल बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई है।
प्रमुख कंपनियों में 60% चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर भारतीय
अमीराती शॉपिंग माल्स दुनियाभर के प्रोडक्ट्स से जगमगा रहे हैं। दुबई के 68 मंजिला अलमास टॉवर में भारतीय जैम ट्रेडर्स बड़ी संख्या में हैं। भारत और अमीरात के बीच कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय दूतावास के एक सर्वे में पाया गया कि प्रमुख कंपनियों में 60% चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर भारतीय हैं। फंड मैनेजर पंकज गुप्ता कहते हैं, अमीरात की इंडस्ट्रीज में भारतीय उच्च पदों पर हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार पिछले साल 16% बढ़ा है।
UAE के टैक्स सिस्टम के कारण बढ़ रहा निवेश
UAE के टैक्स सिस्टम के कारण निवेश अधिक हो रहा है। वहां कोई पर्सनल टैक्स नहीं है। 2020 की शुरुआत में जब मुकेश अंबानी ने UAE के कई सोवरीन वेल्थ फंड्स से अरबों डॉलर जुटाए थे तब से उसे पूंजी का प्रमुख स्रोत माना जा रहा है।
कंसल्टेंसी कंपनी बेन्स के अनुसार 2018 से 2022 के बीच अमीराती सोवरीन वेल्थ फंड्स और अन्य प्राइवेट इक्विटी कंपनियों ने भारत में 2.78 लाख करोड़ रुपए से अधिक इन्वेस्ट किए हैं। भारत के प्रमुख बैंकों, मैन्युफैक्चरर्स और स्टार्टअप्स में पूंजी लगाई जा रही है।
अडाणी की कंपनियों में अबू धाबी सोवरीन वेल्थ फंड्स ने पैसा लगाया
अनुमान लगाए जाते हैं कि यदि भारत के दूसरे सबसे अमीर गौतम अडाणी ने अपने कारोबार का विस्तार किया तो फाइनेंस का मुख्य स्रोत अबू धाबी होगा। अडाणी की कई कंपनियों में अबू धाबी सोवरीन वेल्थ फंड्स ने पैसा लगाया है। इससे कहा जा सकता है कि अमीरात भारत की फाइनेंशियल राजधानी के रूप में उभर रहा है।
35 हजार करोड़ रुपए की आवासीय प्रॉपर्टी खरीदी
भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने दुबई में अगस्त में लगभग 650 करोड़ रुपए में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। उन्होंने अक्टूबर में 1300 करोड़ रुपए में एक अन्य प्रॉपर्टी खरीदी है। पिछले साल भारतीयों ने दुबई में आवासीय प्रॉपर्टी की खरीद पर 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की खरीद का ब्योरा पता लगाना मुश्किल है।
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