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पर्थ11 मिनट पहले
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ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टेस्ट मैच बुधवार से शुरू हो गया है। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान डेविड वॉर्नर ने अपने मैनेजर जेम्स एर्सकिन के जरिए एक सनसनीखेज खुलासा किया है। एर्सकिन ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि 6 साल पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट मैच के दौरान बॉल टैम्परिंग का वाकया क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के दबाव के कारण हुआ था। इसमें खिलाड़ियों की ज्यादा गलती नहीं है।
दो अधिकारी ड्रेसिंग में आए थे
एर्सकिन ने कहा है कि कि मैच के दौरान क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के दो एग्जिक्यूटिव ड्रेसिंग रूम में आए थे। वे चाहते थे कि ऑस्ट्रेलिया की टीम हर हाल में मैच जीते। इस पर वार्नर ने कहा कि यह तभी हो सकता है जब गेंद रिवर्स स्विंग हो और गेंद तभी रिवर्स स्विंग हो सकती है जब उसके साथ छेड़छाड़ की जाए। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने फिर खिलाड़ियों से बॉल को टैम्पर करने को कहा। वे हर हाल में जीत हासिल करना चाहते थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बॉल को खराब करने का फैसला किया।
यह घटना टीवी कैमरे पर कैप्चर हो गई और बाद में मामले में आरोपी खिलाड़ियों पर बैन लगा। तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर 1-1 साल का बैन लगाया गया। गेंद को सैंड पेपर से खराब रहे कैमरून बेनक्रॉफ्ट को 6 महीने की सजा सुनाई गई। इसके अलावा वार्नर पर लाइफ टाइम लीडरशिप बैन लगा दिया गया। यानी वार्नर भविष्य में टीम की कप्तानी नहीं कर सकते थे।
कैमरून बेनक्रॉफ्ट बॉल खराब करने की कोशिश में पकड़े गए। इस घटना के दौरान उनसे बातचीत करते ग्राउंड्स अंपायर।
पारी के अंतर से हारा था ऑस्ट्रेलिया
उस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम 85 रन पर ऑल आउट हो गई थी और उसे पारी के अंतर से हार मिली थी।। मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड के अधिकारी ड्रेसिंग रूम में आए थे और टीम से से बॉल टेम्परिंग कर बॉल रिवर्स स्विंग कराने की सलाह दी थी।
बैन को गलत ठहराया लेकिन अपील से नाम वापस लिया
एर्सकिन ने कहा कि 2018 में साउथ अफ्रीका दौरे पर बॉल टेंपरिंग के लिए वॉर्नर पर आजीवन लीडरशिप बैन लगाना गलत है। अगर सच्चाई आई तो कई बड़े खिलाड़ी और बोर्ड के अधिकारियों के नाम सामने आएंगे। उन्होंने दावा कि जब बॉल टैम्परिंग का यह पूरा विवाद चल रहा था, उस वक्त वॉर्नर का परिवार काफी डिस्टर्ब था। वॉर्नर की वाइफ कैंडिस ने इस दौरान एक बच्चा भी खो दिया था, जो परिवार के लिए एक बड़ा झटका था।
दरअसल 2018 में बॉल टेंपरिंग के लिए आजीवन कप्तानी के लिए बैन का सामना करने वाले डेविड वॉर्नर ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड से बैन हटाने के लिए बोर्ड से अनुरोध किया था। उन्होंने मंगलवार को अपने अनुरोध को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर उनकी पब्लिक लिंचिंग की कोशिश हो रही थी। इस वजह उनका परिवार काफी तनाव में था और उन्होंने अनुरोध वापस ले लिया।
वॉर्नर अपने बच्चों के साथ खेलते हुए।
क्या था मामला
2018 में साउथ अफीका दौरे पर गई ऑस्ट्रेलियाई टीम पर गक्बेरहा में खेले गए टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में बॉल से छेड़-छाड़ के आरोप लगे थे। इस मुकाबले में कैमरून बेनक्रॉफ्ट सैंडपेपर से बॉल को घिसते देखे गए थे, ताकि बॉल खुरदरी हो जाए और रिवर्स स्विंग ज्यादा मिले। बाद में तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ, उप कप्तान डेविड वॉर्नर और बेनक्रॉफ्ट पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने प्रतिबंध लगा दिया था। तब कहा गया कि वॉर्नर इसके मास्टरप्लानर थे और कप्तान स्मिथ को इसकी जानकारी थी।
डेविड वॉर्नर के मैनेजर जेम्स एर्सकिन ने कहा कि 2018 में पर बॉल टैम्परिंग के आरोप की वजह से परिवार डिस्टर्ब था।
वॉर्नर के समर्थन में आए माइकल क्लार्क
डेविड वॉर्नर के समर्थन में कई पूर्व खिलाड़ी आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने बोर्ड पर दोहरे मानदंड का आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि 2018 के मामले के 4 साल हो गए हैं, वॉर्नर पर अब भी कप्तानी के लिए बैन जारी है। जबकि इस मामले में वॉर्नर के समान ही दोषी स्टीव स्मिथ वेस्टइंडीज के खिलाफ डे नाइट टेस्ट में कप्तानी कर रहे हैं। ऐसे में बोर्ड की दोहरी रणनीति सही नहीं है। इस मामले में शामिल सभी लोगों पर कप्तानी से वंचित रखना चाहिए।
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