Best News Network

डिस्काउंट पर लगाम: स्विगी और जोमैटो का ऑफर टैक्स के दायरे में, जनवरी से लागू हो सकता है नियम

  • Hindi News
  • Business
  • GST Tax | Zomato, Swiggy Food Delivery Coupon Discount Come Under GST Tax

मुंबई43 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

जोमैटो और स्विगी सहित फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म द्वारा दिया जाने वाला कूपन डिस्काउंट अब टैक्स के दायरे में आ सकता है। जनवरी 2022 से वस्तु एवं सेवाकर (GST) के जांच के दायरे में इसे लाया जाएगा।

डेबिट और क्रेडिट कार्ड से मिलता है डिस्काउंट

दरअसल डिलीवरी ऐप ग्राहकों को डेबिट और क्रेडिट कार्ड के पेमेंट पर काफी सारे डिस्काउंट देते हैं। इससे जुड़े लोगों ने कहा कि रेस्तरां और डिलीवरी ऐप के बीच जो भी अरेंजमेंट होता है और जिसके परिणामस्वरूप डिस्काउंट दिया जा रहा है, उसे टैक्स की जांच का सामना करना पड़ सकता है। 1 जनवरी से ज़ोमैटो और स्विगी दोनों को रेस्तरां के समान माना जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि ज़ोमैटो और स्विगी को खाने की कुल कीमत पर 5% टैक्स देना होगा।

होटल से भोजन खरीदने में आती हैं अड़चनें

हालांकि, रेस्तरां या होटल से सीधे भोजन खरीदने की स्थिति में कुछ अड़चनें आती हैं क्योंकि ई-कॉमर्स ऑपरेटर (ईसीओ) कई डिस्काउंट की पेशकश करते हैं। ये कंपनियां किसी विशेष क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट करने पर डिस्काउंट देती हैं। उदाहरण के लिए, भोजन की कीमत 500 रुपए है। अगर HDFC क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट किया जाता है, तो ऐप 75 रुपए काट लेता है। अब सवाल यह है कि 5% GST 500 रुपए या 425 रुपए पर किस पर लागू होता है।

बैंकों के साथ किया है सेटलमेंट

ज्यादातर मामलों में स्विगी और जोमैटो ने बैंकों के साथ सेटलमेंट किया है। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस सेटलमेंट को बैंकिंग सेवाओं या क्रेडिट कार्ड के प्रचार के लिए लेन देन (barter) माना जा सकता है। टैक्स डिपार्टमेंट इस बात की जांच कर रहा है कि क्या ये स्विगी और जोमैटो के बीच हुए बार्टर एग्रीमेंट हैं। GST के तहत कुछ भी मुफ्त नहीं है और यहां तक कि बार्टर पर भी टैक्स लगता है।

सभी लेन-देन बार्टर के तहत नहीं आ सकते

जानकारों का कहना है कि लेन-देन GST के तहत आते हैं, पर सभी लेनदेन बार्टर के तहत नहीं आ सकते हैं। या फिर दोनों टैक्स के दायरे में आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, ऑफर की जा रही सेवाओं के बारे में ईसीओ द्वारा वसूल किया गया कूपन डिस्काउंट पूरी तरह से फैक्ट, ट्रांजेक्शन की प्रकृति और इरादे पर निर्भर करेगा।

टैक्स विभाग करेगा जांच

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ग्राहक किसी खास सीमा से ऊपर या किसी खास रेस्टोरेंट से ऑर्डर करते हैं तो भी इसी तरह का डिस्काउंट दिया जाता है। यहां भी, टैक्स डिपार्टमेंट इस बात की जांच करने के लिए तैयार है कि क्या इस तरह के प्रमोशन के लिए रेस्तरां द्वारा कोई पैसा दिया जा रहा है। यदि नहीं, तो इसकी जांच की जाएगी कि इसमें बार्टर शामिल है या नहीं।

GST पेमेंट पर जटिलता है

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस राशि पर GST का पेमेंट किया जाना चाहिए, उसे लेकर भी एक जटिलता है। यह जटिलता उन स्थितियों में भी है जहां डिस्काउंट की पेशकश नहीं की जाती है। ज्यादातर मामलों में, छोटे रेस्तरां या ढाबे GST का पेमेंट नहीं करते हैं। अगर ग्राहक इन जगहों से खाना मंगवाते हैं, तो GST का बोझ डिलीवरी ऐप पर पड़ेगा।

खबरें और भी हैं…

Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our  Twitter, & Facebook

We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.

For all the latest Business News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsAzi is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.