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- India’s Crude Oil Imports Rose To 4.86 Bpd In February | Highest Since December 2020
नई दिल्ली37 मिनट पहले
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भारत का कच्चा तेल आयात फरवरी में बढ़कर 4.86 मिलियन बैरल प्रति दिन (BPD) हो गया, जो दिसंबर 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है। ट्रेड सोर्सेज से मिले डेटा से ये जानकारी सामने आई है।
डेटा से पता चलता है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का तेल आयात जनवरी से 5% बढ़ा और फरवरी 2021 में लो बेस से 24% बढ़ गया। लो बेस की वजह बठिंडा का एक रिफाइनरी का मेंटेनेंस था। मेंटेनेंस के लिए इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया था।
भारतीय रिफाइनर आमतौर पर प्रोसेसिंग से दो महीने पहले तेल खरीदते हैं। कोविड-19 के प्रतिबंध हटने के बाद तेल की डिमांड बढ़ी है जिसकी वजह से तेल आयात में बढ़ोतरी हुई है। भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
मध्य पूर्व पर घट रही निर्भरता
भारत अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है और मध्य पूर्व पर बहुत ज्यादा निर्भर है। हालांकि, मध्य पूर्व पर इसकी निर्भरता घट रही है, क्योंकि रिफाइनर ज्यादा मार्जिन के लिए तेल आयात के सोर्स में विविधता ला रहे हैं। रूस से भी कच्चा तेल खरीदने के प्लान पर भारत काम कर रहा है।
अमेरिका-कनाडा से खरीद 1 साल के उच्चतम स्तर पर
अपने तेल आयात के स्रोतों में विविधता लाते हैं ताकि मार्जिन को बढ़ावा देने के लिए कहीं और से सस्ता बैरल खरीद सकें, एक ऐसा कदम जिसने भारत के तेल आयात में ओपेक की हिस्सेदारी में कटौती की है। पिछले महीने, अमेरिका और कनाडा से भारत के तेल आयात में ग्रेड का हिस्सा 14% बढ़कर एक साल का उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि मध्य पूर्व से खरीद अक्टूबर 2021 के बाद से सबसे कम बढ़ी।
डेटा से ये भी पता चलता है कि फरवरी में अफ्रीकी तेल की हिस्सेदारी चार महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इराक भारत के लिए टॉप ऑयल सप्लायर बना हुआ है। इसके बाद सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका।
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