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टोक्यो ओलिंपिक: आज किस्मत में जीत नहीं तो क्या, मैं ओलिंपिक मेडलिस्ट जरूर बनूंगी: मनु, पिता रामकिशन बोले- बेशक किस्मत साथ नहीं थी, पर पूरा देश तुम्हारे साथ है

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  • If I Don’t Win In Luck Today, I Will Definitely Become An Olympic Medalist: Manu, Father Ramkishan Said Of Course Luck Was Not With You, But The Whole Country Is With You

सोनीपत2 मिनट पहलेलेखक: अनिल बंसल

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  • निशाने से पहले किस्मत चूकी, पिस्टल ने नहीं दिया मनु भाकर का साथ, पहला मौका हाथ से फिसला

टोक्यो ओलिंपिक के दूसरे दिन रविवार को भारत की झोली में कोई पदक तो नहीं आया, पर उम्मीद जरूर बंधी। 10 इवेंट हुए। 5 इवेंट में खिलाड़ी क्वालिफाई हुए। सबसे बड़ी उम्मीद वर्ल्ड नंबर-2 शूटर मनु भाकर से थी। लेकिन, 10 मी. एयर पिस्टल स्पर्धा में मनु की किस्मत निशाने से पहले ही चूक गई। उनकी पिस्टल का कॉकिंग लीवर टूट गया। हालांकि, उन्हें 27 और 29 जुलाई को भी मौका मिलेगा।

मनु ने पिता रामकिशन भाकर से वीडियो कॉल कर कहा, ‘पापा शायद किस्मत नहीं चाहती थी कि मैं आज जीत हासिल करूं। डोंट वरी! आज किस्मत साथ नहीं तो क्या? लेकिन, मैं ओलिंपिक मेडलिस्ट जरूर बनूंगी।’ इस पर पिता ने हौसला बढ़ाते हुए कहा, ‘बेटा कोई बात नहीं। बेशक किस्मत साथ नहीं थी, पर पूरा देश तुम्हारे साथ है।’ वहीं, यशस्विनी भी 574 स्कोर कर पाईं और फाइनल से बाहर हो गईं। बॉक्सिंग में भिवानी के मनीष कौशिक भी हार गए।

लीवर बदलने से 18 मिनट पीछे हो गईं, 2 अंक से फाइनल से चूक गईं, पर अच्छा खेलीं- टोक्यो से भास्कर के लिए भारतीय शूटिंग कोच रौनक पंडित
मनु ने 16 शूट ही किए थे कि उनकी पिस्टल का कॉकिंग लीवर टूट गया। यह वो हिस्सा होता है, जहां डार्ट डालकर चलाना होता है। उसे हर हाल में बदलना ही था। टीम के पास स्पेयर पार्ट होते हैं। पहले ग्रिप उतारी जाती है। इलेक्ट्रिक सर्किट, स्क्रू भी खोलने होते हैं। इसके बाद लीवर बदला जाता है। फिट करने के बाद फिर सर्किट चेक करना होता है और ग्रिप लगाकर पिस्टल तैयार की जाती है। ट्रिगर खराब होना या डार्ट फंसना आम बात है। लीवर कम खराब होता है। जब लीवर टूटा, तब मनु के 44 शॉट्स व 56 मिनट बचे थेे।

18 मिनट बाद जब वे लौटीं, तब उन्हें 38 मिनट में 44 शूट करने थे। चौथे स्थान पर चल रहीं मनु अब पीछे हो चुकी थीं। उन्हें एक्स्ट्रा टाइम भी नहीं मिला और शेष समय के साथ ही गेम खत्म करना पड़ा। इसके बावजूद मनु ने कम समय के साथ क्वालिफाइंग राउंड खत्म किया। 60 शॉट्स के बाद 575 अंक हासिल किए। कटऑफ 577 था। अंतिम शूट 8 पॉइंट पर लगा। यह 10 या 10 प्लस होता तो वे फाइनल में होतीं। मनु का पिस्टल न बदलकर ठीक करने का फैसला सही था, क्योंकि शूटर की उस पर ग्रिप फिट होती है। 6 माह पहले खरीदी इसी पिस्टल से मनु ने क्रोएशिया में ट्रेनिंग की थी। 2019 में ओलिंपिक के क्वालिफाइंग मुकाबले में मनु की पिस्टल की फायरिंग पिन टूट गई थी। तब उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था।

मेरीकॉम और मणिका ने जगाई पदक की आस, हॉकी में निराशा

बॉक्सिंग: डोमेनिका की हर्नांडेज को हरा मेरीकॉम प्री क्वार्टर फाइनल में।

टेबल टेनिस: मणिका तीसरे राउंड में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनीं।

हॉकी: पुरुष हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया से 1-7 से हार गई। ये सबसे बुरी हार है।

आज: लॉन टेनिस में झज्जर के सुमित नागल का मुकाबला सोमवार सुबह 10:30 बजे रूस के मेदवेदेव से होगा।

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