नई दिल्ली22 मिनट पहले
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यूरोपीय यूनियन ने फेसबुक, वॉट्सऐप जैसी टेक कंपनियों की मानमानी रोकने के लिए एक नए कानून का अंतिम मसौदा तैयार कर लिया है। इसके जरिए बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर एक्टिव क्रिमिनल एक्टिविटी पर बैन लगाने, यूजर्स के डेटा को अपने फायदे के लिए गलत इस्तेमाल करने जैसी चीजों पर रोक लगेगी। साथ जो टेक कंपनियां इस कानून को तोड़ेंगी उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। जो उनकी कमाई के मुताबिक होगा। जुर्माना लगाने के बाद भी कंपनी ऐसा करती हैं तो उन पर यह जुर्माना बढ़ता जाएगा।
छोटे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म कंपनियों को भी प्राथमिकता मिलेगी
यूरोपीय संघ ने टेक दुनिया में कंपटीशन पर बैलेंस बनाने के लिए एक नया कानून पेश किया है। इसका नाम डिजिटल मार्केट एक्ट (DMA) रखा है। इसका उद्देश्य बड़ी टेक्नोलॉजी पर लगाम लगाना और छोटे फर्मों को उनके साथ कंपटीशन करने की अनुमति देना है। एक्ट वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर और आईमैसेज जैसे मैसेजिंग ऐप की इंटरऑपरेबिलिटी पर फोकस करता है, यूरोपीय यूनियन ने कहा कि बड़ी कंपनियों को छोटे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के साथ तालमेल बनाकर काम करना होगा। इससे यूजर्स को संदेश भेजने के लिए ज्यादा ऑप्शन मिलेंगे। यूजर्स फ्री होकर अपने ब्राउजर, सर्च इंजन को सिलेक्ट कर पाएंगे।
45,000 एक्टिव यूजर्स वाले ऐप को गेटकीपर माना जाएगा
इस कानून से यूरोपीय यूनियन गेटकीपर मानी जानी वाली कंपनियों पर नए दायित्वों को लागू करेगा। इसमें कम से कम 82 बिलियन डॉलर (करीब 6 लाख करोड़ से ज्यादा) के मार्केट कैपटेलाइजेशन वाली फर्मों, कम से कम 45,000 एक्टिव यूजर्स वाले ऐप या सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म शामिल होंगे। इसमें अभी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, अमेजन और एपल जैसी फेमस टेक कंपनियां शामिल हैं।
नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना 20% तक का होगा
यदि गेटकीपर नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें उनके पिछले साल में किए कारोबार का लगभग 10% तक और बार-बार नियमों को तोड़ने के मामले में उन पर यह जुर्माना 20% तक का होगा। यूरोपीय यूनियन की कमिशनर मार्ग्रेथ वेस्टेगर ने बताया, इस नए कानून का उद्देश्य टेक्नोलॉजी क्षेत्र के बिजनेस को पारदर्शी बनाना है।
अभी तक टेक कंपनियों पर जुर्माने से कोई फर्क नहीं पड़ा
डीएमए को लेकर यूरोपीय यूनियन पिछले एक दशक से लड़ रहा है। इस कानून से अमेजन जो अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले थर्ड पार्टी के सेलर्स पर बेनिफिट के लिए अपने एनालिटिक्स का इस्तेमाल करता है उसे रोकने में मदद मिलेगी। हालांकि यह कुछ ही कंपनियों को चिंतित कर सकता है। अक्सर इस तरह के जुर्माने टेक कंपनियों के बहुत छोटे होते हैं। उदाहरण के लिए ऐपल के ऐप स्टोर पर जब नीदरलैंड में थर्ड पार्ट का डेटा गलत इस्तेमाल करने के लिए फाइन लगया गया तो उसने अपने प्लेटफॉर्म में कोई भी बदलाव करने के बजाय 5.5 मिलियन डॉलर वीकली जुर्माना देना चुना।
एक्ट यूरोपीय यूनियन में स्थित कंपनियों पर ही लागू होगा
यही वजह है कि डिजिटल मार्केट एक्ट को इसके समाधान के तौर पर देखा जा रहा है। इसके तहत एक ही गलती बार-बार दोहराए जाने पर लगाए गए जुर्माने की रकम बढ़ती जाएगी। यदि आप बदलावों को लागू नहीं करते हैं तो जुर्माना बढ़ा दिया जाता है। यह केवल यूरोपीय यूनियन में स्थित कंपनियों पर ही लागू होगा।
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