शिवांगी सक्सेना । भोपाल8 घंटे पहले
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भारतीय जूडो टीम के डोप टेस्ट में फेल हुए खिलाड़ियों का मामला बॉलीवुड फिल्म जैसा लग रहा है। खिलाड़ियों का आरोप है कि अपने फेवरेट प्लेयर को आगे बढ़ाने के लिए कोच ने साजिशन उन्हें फंसाया है। वहीं, कोच का कहना है कि खिलाड़ियों की आपसी लड़ाई में उनका नाम जबरन घसीटा जा रहा है।
भोपाल के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एनएसओई) में 27 जून को कैंप के दौरान राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने खिलाड़ियों की जांच की थी। इसमें 5 जूडो खिलाड़ी फेल हो गए। यह सभी खिलाड़ी एशियन गेम्स के दावेदार हैं। विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनका आरोप है कि कोच यशपाल सिंह ने उनके खाने में मिलावट की है।
जूडो खिलाड़ी गुलाब अली ने दैनिक भास्कर को बताया कि यशपाल सिंह उन्हें करियर खराब करने की धमकी देते थे। डोप टेस्ट में फेल एक अन्य खिलाड़ी हर्षदीप बराड़ का कहना है कि जब कैंप को दिल्ली की बजाय भोपाल में किया गया तो मैंने आपत्ति ली थी। यशपाल कभी भी हमें आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं।
भोपाल ट्रेनिंग सेंटर के अंदर चल रहे घमासान की वजह जानने के लिए दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो कई सच सामने आए। पता चला कि अर्जुन अवॉर्डी कोच पर भी डोप का आरोप लगा हुआ है।
एशियाई खेलों के दावेदार खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल
23 सितंबर से एशियन गेम्स शुरू होने वाले हैं। इसके लिए भारतीय जूडो महासंघ (जेएफआई) ने हर राज्य से श्रेष्ठ खिलाड़ियों की लिस्ट मांगी थी। इसके बाद इनके ट्रायल दिल्ली के केडीजे इंडोर स्टेडियम में 5 से 8 अप्रैल को आयोजित हुए। हर वजन कैटेगरी में पहला और दूसरा स्थान हासिल करने वाले खिलाड़ियों की फाइनल लिस्ट तैयार की गई। 60 किलो कैटेगरी में गुलाब अली प्रथम और विजय यादव दूसरे स्थान पर रहे। डोप टेस्ट में फेल होने वाले अनिल 90 किलो और हर्षदीप बराड़ 81 किलो कैटेगरी में प्रथम स्थान पर रहे। अक्षय 66 किलो और राहुल सेवता 81 किलो कैटेगरी में दूसरे स्थान पर रहे।
लिस्ट भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) को भेजी गई। दिल्ली में ट्रायल के दौरान इन खिलाड़ियों का डोप टेस्ट कराया गया। टेस्ट में अक्षय और अनिल फेल हो गए। गुलाब अली, हर्षदीप बराड़ और राहुल सेवता को क्लीन चिट मिल गई। इसके बाद जूडो फेडरेशन द्वारा 20 मई से 30 मई तक एक कैंप का आयोजन कराया गया।
एशियन गेम्स के लिए चयनित जूडो टीम का नेशनल कैंप पटियाला में आयोजित होना था। उसी दौरान दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान प्रदर्शन कर रहे थे। इसके चलते कुश्ती का कैंप स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पटियाला सेंटर में शिफ्ट हो गया। जूडो को भोपाल सेंटर शिफ्ट करना पड़ा। यह कैंप ट्रायल के बाद 20 मई को शुरू हुआ। इस दिन भी नाडा ने रेंडम सैंपल लिए। इस टेस्ट में गुलाब अली, हर्षदीप बराड़ और राहुल सेवता फेल हो गए। इसके साथ ही जूडो टीम के 5 खिलाड़ी, जिनका नाम एशियाई खेलों की सूची में था, वे भी डोप टेस्ट में फेल हो गए। इसका मतलब है कि खिलाड़ियों ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन किया है।
कौन सा पदार्थ मिला खिलाड़ियों के शरीर से
गुलाब और हर्षदीप भारतीय सेना (मिलिट्री पुलिस) में काम करते हैं। डोप टेस्ट में दोनों के सैंपल में एसएआरएम-ओस्टारिन निकला है। यह ताकत बढ़ाने वाले सप्लीमेंट में पाया जाता है। यह एक तरह की ड्रग है, जिसे लेने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। राहुल के सैंपल में ओक्जेंड्रोलॉन और स्टेनोजोलॉल मिला। इसका उपयोग शरीर का वजन और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने समेत बॉडी बिल्डिंग के लिए किया जाता है। अक्षय के सैंपल में मेटेंडिनॉन निकला है। यह भी तेजी से मांसपेशियां बनाने और ताकत बढ़ाने में मददगार है। ये सभी पदार्थ खिलाड़ियों को लेने की मनाही है, क्योंकि इन पर प्रतिबंध लगा है।
विजय यादव को 2019 से हराते आ रहे हैं गुलाब अली
यह जानना जरूरी है कि इससे पहले यशपाल सिंह और गुलाब अली के बीच क्या हुआ था? दरअसल, गुलाब अली एनसीओई बेंगलुरु में ट्रेनिंग करते हैं। इस साल अप्रैल में उन्होंने ट्रायल के दौरान विजय यादव को हराया था। वे विजय यादव को 2019 से हराते आ रहे हैं। साल 2019 में 60 किलो कैटेगरी में विशाखापट्नम और रोहतक में सीनियर जूडो नेशनल चैंपियनशिप में गुलाब पहले और विजय दूसरे स्थान पर रहे। साल 2021 जीएफआई सिलेक्शन ट्रायल में गुलाब पहले और विजय तीसरे स्थान पर रहे। यह ट्रायल दिल्ली में 9-10 फरवरी को हुआ था। पटियाला में 25-26 मई 2022 में भी यही रिजल्ट रहा। इसी साल दिल्ली में 23-26 अप्रैल को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए ट्रायल हुआ। इसमें भी गुलाब अली प्रथम और विजय यादव दूसरे स्थान पर रहे।
गुलाब अली का आरोप है कि बार-बार प्रथम आने के बावजूद उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं भेजा गया। हाल ही में 5 से 8 अप्रैल 2023 को दिल्ली में केडीजे इंडोर स्टेडियम में एशियन गेम्स के लिए ट्रायल हुआ। इस ट्रायल में गुलाब पहले और विजय दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन भोपाल कैंप में आए डोप टेस्ट के रिजल्ट के बाद उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।
गुलाब अली और यशपाल सोलंकी के बीच की लड़ाई लंबी
गुलाब अली बताते हैं कि यशपाल सोलंकी और मेरे बीच शुरू से तकरार है। यशपाल साल 2004 में डोप टेस्ट में फंस चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया। नियमों के अनुसार, कोई डोप मामले में फंसता है तो उसे पुरस्कार नहीं दिया जा सकता। मैंने उन्हें अवॉर्ड देने का विरोध किया था। उस दौरान यशपाल सिंह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) में हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर (एचआईडी) थे। अब बदला लेने के लिए वे मुझे रोक रहे हैं।
बता दें कि यशपाल सोलंकी जूडो के बड़े खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन साल 2004 में वह भी डोप टेस्ट में फेल हुए थे। उन पर एक साल के लिए बैन लगाया गया था। साल 2012 में यशपाल सोलंकी को अर्जुन अवॉर्ड देने की घोषणा हुई। साल 2017 में पंजाब पुलिस के जूडो कोच सतीश कुमार द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ कि नाडा के पास 2009 से पहले या इसकी स्थापना से पहले डोप परीक्षण में फेल होने वाले खिलाड़ियों से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, एजेंसी ने अपने जवाब में यह भी कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपी गई एक रिपोर्ट से पता चला है कि 29 सितंबर 2004 को किए गए डोप टेस्ट में यशपाल पॉजिटिव पाए गए थे।
गुलाब अली बताते हैं कि 2023 में एशियाई खेलों के लिए टीम का चयन होना था। ट्रायल से पहले जनवरी में मुझे यशपाल का वॉट्सऐप कॉल आया। उन्होंने मुझे धमकी दी- ‘मैं देखता हूं कि तू एशियन गेम्स खेलने कैसे जाता है। मेरा नाम यशपाल सोलंकी है। तू मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता।’ उन्होंने मेरे मुसलमान होने को लेकर भी टिप्पणी की। मैंने इसकी शिकायत अपने विभाग में की थी। इस शिकायत की कॉपी मेरे पास है।
मैं 8 अप्रैल को दिल्ली ट्रायल देने के लिए पहुंचा। इस ट्रायल में मैं फर्स्ट आया। यहां मेरा डोप टेस्ट हुआ था, जो निगेटिव रहा। अक्षय और अनिल फेल हो गए। अनिल यशपाल का खिलाड़ी है, वह उनसे ट्रेनिंग लेता था। इसके बाद मैं 28 अप्रैल को एशियन ओपन खेलने के लिए कुवैत गया था, जहां मैंने तीसरा स्थान हासिल किया। इसके बाद मुझे ग्रैंड प्रिक्स इवेंट के लिए तजाकिस्तान रवाना होना था। उससे पहले भोपाल बुलाया गया।
बताया गया कि 10 दिन का एक कैंप है। बताया गया कि ग्रैंड प्रिक्स से पहले स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक प्री-डिपार्चर कैंप का आयोजन करना चाहता था। इस कैंप में 3 लोग पॉजिटिव पाए गए, लेकिन रिजल्ट आने से पहले ही मैं और हर्षदीप तजाकिस्तान में ग्रैंड प्रिक्स खेलकर लौट आए थे।
यशपाल अपने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए षड्यंत्र रचते हैं..
गुलाब कहते हैं कि साल 2019 के राष्ट्रीय खेलों में मैंने गोल्ड मेडल हासिल किया था। उस समय मुझे ग्रैंड स्लैम खेलने जर्मनी जाना था। यशपाल सिंह ने साजिश करके मुझे नहीं जाने दिया। जब टीम जर्मनी खेलने चली गई, उसके दो दिन बाद मुझे मेरा पासपोर्ट लौटाया गया। मैं ओलिंपिक क्वालिफायर राउंड खेलने के लिए विदेश जाना चाहता था। भारत में ट्रायल के दौरान मैं फिर जीत गया। यशपाल सोलंकी ने मेरे विभाग को मेरे खिलाफ बेनामी चिट्ठी लिखी थी। इसमें लिखा था कि मैं पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ संपर्क में हूं। इस कारण मुझ पर सेना में दो साल मुकदमा चला, लेकिन मैं निर्दोष पाया गया।
हर्षदीप ने कहा- गुलाब के साथ खाना खाया इसलिए मैं भी फंस गया
दैनिक भास्कर ने हर्षदीप बराड़ से भी बात की। साल 2022 में हर्षदीप के खिलाफ स्पेन में एक महिला ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। हालांकि, वे निर्दोष साबित हुए थे। हाल ही में हर्षदीप भी गुलाब के साथ ग्रैंड प्रिक्स 2023 खेलने गए थे।
हर्षदीप ने हमें बताया- गुलाब बेंगलुरु में रहता है और मैं पटियाला में ट्रेनिंग करता हूं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पहलवानों के प्रदर्शन के चलते फेंसिंग का ट्रायल औरंगाबाद और जूडो का ट्रायल भोपाल शिफ्ट कर दिया था। मेरे, गुलाब और जसलीन सबके प्रतिद्वंदी भोपाल में ट्रेनिंग करते हैं। पिछले 7 साल से हम जूडो के चैम्पियन हैं। मैंने पटियाला में अपने कोच को सचेत किया था कि हमें भोपाल नहीं जाना चाहिए, क्योंकि वे हमारे ट्रायल में परेशानी खड़ी कर सकते हैं। मैं 2014 से डोपिंग के लिए सैंपल दे रहा हूं। मैं 10 साल से भारतीय टीम में हूं। भोपाल में मैं गुलाब के साथ रहता था। मैंने भी वही खाना खा लिया है, जो गुलाब को दिया गया इसलिए मैं भी फंस गया।
एशियन गेम्स से पहले हमारा डोप टेस्ट कभी भी हो सकता है, यह जानकारी हमें नाडा ने पहले ही ईमेल के जरिए दी थी। हम भी तैयार थे। मैंने पिछला एशियन गेम्स भी खेला था, तब मेरा 4 बार डोप टेस्ट हुआ था। मैं इन सभी में क्लीन रहा था।
दैनिक भास्कर ने अनिल से भी बात करनी चाही। अनिल यशपाल सिंह से कोचिंग लेते थे। उन्होंने इस मामले पर बात करने से मना कर दिया।
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यशपाल बोले- गुलाब अली ‘सही’ खिलाड़ी नहीं
यशपाल सोलंकी भोपाल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एनसीओई) के हाई परफॉर्मेंस डॉयरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 21 साल पुलिस और 4 साल आईबी में काम किया है। वे 6 खेलों- हॉकी, कैनोइंग-कयाकिंग, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, वूशु और जूडो में खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस सुधारने पर काम करते हैं।
यशपाल ने कहा- साल 2022 में गुलाब का पासपोर्ट जब्त हो गया था। एक गंभीर मामले में उस पर कार्रवाई चल रही थी। उस समय मैंने गुलाब का साथ दिया और आर्मी से अनुरोध किया कि गुलाब का पासपोर्ट लौटाया जाए ताकि वह भारत से बाहर खेलने जा सके। उसके बाद उसे स्पेन भेजा गया था। कई खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं अपने खिलाड़ियों को इससे दूर रखता हूं। कॉमनवेल्थ गेम्स के सिलेक्शन के दौरान विजय यादव और गुलाब अली एक ही वेट कैटेगरी में प्रतिद्वंदी थे। दोनों में तकरार थी। सिलेक्शन समिति ने भी आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा- अनिल भोपाल एनसीओई का खिलाड़ी है। वहीं प्रैक्टिस करता है। स्वास्थ्य कारणों के चलते अनिल इस साल की शुरुआत में तीन महीने के लिए एनसीओई छोड़कर घर चला गया था। ट्रायल से कुछ दिन पहले उसने एनसीओई जॉइन किया था। दिल्ली में ट्रायल में अनिल प्रथम स्थान पर था। बावजूद इसके मैंने उसका नाम आगे नहीं बढ़ाया, क्योंकि मुझे उसके प्रदर्शन पर शंका है। वह कभी जीत जाता है तो कभी हार जाता है। मेरा सुझाव यही था कि जब अनिल की परफॉर्मेंस मुझे स्थिर लगेगी, तभी उसका नाम आगे बढ़ाऊंगा।
शोल्डर इंजरी के बावजूद एशियन गेम्स में विजय यादव को भेजना चाहते हैं कोच
विजय यादव बनारस के रहने वाले हैं और साल 2012 से यशपाल सिंह के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। कई खिलाड़ियों का आरोप है कि साल 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स जीतने के बाद से यशपाल सिंह द्रोणाचार्य अवॉर्ड जीतना चाहते हैं इसलिए उनका फोकस विजय यादव पर है।
जब हमने पूछा कि क्या शोल्डर इंजरी के बावजूद विजय यादव एशियन गेम्स खेल सकते हैं? यशपाल ने जवाब दिया, ‘हां। मैंने उसका नाम आगे बढ़ाया है। डॉक्टर ने कहा है कि विजय धीरे- धीरे वापस खेलना शुरू कर सकता है। विजय की इंटरनेशनल रैंकिंग 61 है। गुलाब 185वें स्थान पर है। ऐसे में भले ही उसने विजय को ट्रायल में कम स्कोर से हराया है, फिर भी वह उसकी जगह खेलने नहीं जा सकता है।
गुलाब अली के कोच बोले- उसमें अनुशासन नहीं
संजू इरोम सिंह गुलाब अली के कोच थे। पारिवारिक कारणों के चलते उन्होंने दिल्ली में हुए ट्रायल्स से कुछ दिन पहले ही कोचिंग छोड़ दी थी।
संजू ने बताया- गुलाब अली और हर्षदीप अनुशासन में नहीं रहते थे। आईबी ने हमें (आर्मी को) एक लेटर भेजा था। उसमें लिखा था कि गुलाब पाकिस्तान के साथ संपर्क में है। साल 2022 में मेड्रिड यूरोपियन ओपन के लिए गुलाब का नाम नहीं दिया जा रहा था। उस पर कार्रवाई चल रही थी। किसी तरह इवेंट के 10 दिन पहले मामला बंद हुआ और हम इसे स्पेन ले गए। मैं बतौर कोच गुलाब को लेकर गया था। वहां पहुंचने के बाद मैंने देखा कि गुलाब ट्रेनिंग भी ठीक से नहीं करता था।
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