स्पोर्ट्स डेस्क5 मिनट पहले
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टीम इंडिया को 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीताने वाले कोच गैरी किर्स्टन और सचिन तेंदुलकर
2011 की वर्ल्ड कप विजेता टीम इंडिया के कोचगैरी किर्स्टन ने अपना अनुभव शेयर किया। दी फाइनल वर्ल्ड क्रिकेट पाॅडकास्ट में उन्होंने अपना अनुभव सांझा किया। वे बताते है कि 2007 वर्ल्ड कप के बाद टीम में आते ही मैंने ड्रेसिंग रूम में नाखुशी देखी। सचिन उस समय खुश नहीं थे। वर्ल्ड कप में मिली हार की वजह से वे रिटायरमेंट लेने की सोच रहे थे।
टीम कॉम्बिनेशन बैठाना मुश्किल हो रहा था
गैरी किर्स्टन ने बताया – 2007 में आने के बाद मेरे लिए टीम में से एक अच्छा लीडर निकालना था। इस टीम में बहुत पोटेंशियल था, लेकिन जब मैंने कमान संभाली थी तो निश्चित तौर पर टीम में काफी डर था। बहुत सारी नाखुशी थी और इसलिए मेरे लिए यह समझना ज्यादा महत्वपूर्ण था कि कौन सा प्लेयर कहा फिट बैठता है।
सचिन थे सबसे ज्यादा अलग
क्रस्टन ने आगे बताया – सचिन शायद मेरे लिए सबसे अलग थे क्योंकि जब मैं टीम में शामिल हुआ तो वह बहुत नाखुश थे। वे टीम के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे, लेकिन उन्हें क्रिकेट नहीं आ रहा था। उनके करियर में एक सीसा समय चल रहा था जब वे संन्यास लेने के बारे में सोचने लगे। टीम में उन्हें समझाना मेरे लिए चुनौती थी। 2011में टीम की जीत में उनका बहुत बड़ा योगदान था।
कप्तानी के मामले में धोनी सचिन से बेहतर
क्रस्टन ने कहा – सचिन क्रिकेट को एन्जॉय नहीं कर पा रहे थे। देश के लोगों के इमोशंस उनका साथ जदए थे। ऐसे में उन्हें कप्तान बनाकर नई जिम्मेदारी देना मैंने ठीक नहीं समझा। दूसरी ओर धोनी इस बीच एक लीडर के रूप में असाधारण थे क्योंकि उनका ध्यान टीम के अच्छा प्रदर्शन करने पर था, वह ट्राफियां जीतना चाहते थे और बड़ी सफलता हासिल करना चाहते थे। धोनी के कप्तान बनने के बाद सचिन भी क्रिकेट को एंजॉय करने लगे।
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