मुंबई25 मिनट पहले
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1999-2000 में तेंदुलकर की कप्तानी में टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी।
इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतक का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले सचिन तेंदुलकर अपने शांत स्वभाव के कारण भी जाने जाते हैं। उन्हें गुस्सा करते हुए और साथी खिलाड़ियों पर नाराज होते हुए बहुत कम देखा गया है। हालांकि 23 साल पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सचिन टीम इंडिया के एक युवा खिलाड़ी पर नाराज हो गए थे। सचिन ने सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस के एक कार्यक्रम में इस वाकये का जिक्र किया।
सचिन ने बताया, ‘हम ऑस्ट्रेलिया में थे और मैं टीम का कप्तान था। हमारे साथ एक जूनियर खिलाड़ी भी था। वह पहली बार विदेशी दौरा कर रहा था और वह थोड़ा लापरवाह हो गया। फील्डिंग करते वक्त वो क्राउड पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। जहां एक रन होता था, वो दो रन दे देता था। मैंने उसे बुलाया और उसके ऊपर अपना कंधा रखा। किसी को नहीं पता था कि मैं उस प्लेयर से क्या कह रहा था। मैंने उससे कहा कि अगर तुम ये दोबारा करोगे तो फिर मैं तुम्हें घर भेज दूंगा। तुम होटल नहीं जाओगे, वापस इंडिया जाओगे।’
सचिन ने कहा, ‘मैंने उसे समझाया कि जब आप अपने देश के लिए खेलते हैं तो फिर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ये एक काफी बड़ा सम्मान होता है। करोड़ों लोग हैं जो आपकी जगह होना चाहते हैं और इसी वजह से इसे हल्के में मत लीजिए।‘ हालांकि सचिन ने उस खिलाड़ी का नाम नहीं बताया। भारत के उस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऋषिकेश कानितकर, विजय भारद्वाज, एमएसके प्रसाद जैसे युवा खिलाड़ी टीम में शामिल थे।
3-0 से क्लीन स्वीप हुई थी टीम इंडिया
उस दौरे पर टीम इंडिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। दौरा 1999-2000 में हुआ था। ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान स्टीव वॉ थे। टेस्ट सीरीज के बाद ट्रायंगुलर वनडे सीरीज भी हुई थी। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा पाकिस्तान ने भी हिस्सा लिया था। भारतीय टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी।
सचिन की कप्तानी में 31% मैच ही जीते हैं
सचिन की कप्तानी में टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत बहुत कम रहा है। वे अपनी कप्तानी में टीम को करीब 31% मैच ही जिता सके हैं। सचिन ने 1996 में पहली बार टीम इंडिया की कमान संभाली थी। वे कुछ ही साल टीम के कप्तान रहे। उनके बाद सौरव गांगुली टीम के कप्तान बने थे।
तेंदुलकर ने 25 टेस्ट और 73 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की है। उनकी कप्तानी में टीम ने 4 टेस्ट जीते हैं। 9 हारे हैं। जबकि 12 ड्रॉ रहे हैं। उनकी कप्तानी में टीम की जीत का प्रतिशत सबसे कम 31 रहा। वहीं, वनडे की बात करें तो उनकी लीडरशिप में टीम ने 23 मैच जीते हैं। 43 गंवाए हैं। एक टाई रहा। जबकि 6 मैचों में नो रिजल्ट रहा।
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